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अखिलेशयादव जी झाड़ू मत लगाइये,व्यवस्था सुधारिये,बिना विज्ञापन के फोटो लोगों के दिलों में छपेंगे

[मेरठ]सुशासन दिवस पर राज्य सरकारें कितनी सक्रीय रहीं ये तो इनके द्वारा जारी किये जाने वाले विज्ञापनों के ढिंढोरों में पता चल जाएगा लेकिन जमीनी हकीकत तो चाहे ना चाहे कैमरों में कैद हो ही जाती है।किसी भी प्रदेश की सेहत का अंदाजा लगाने के लिए प्रदेश के जिला कार्यालय और केंद्र के लिए अरबों रुपये कमाने वाले बीएसएनएल के उदाहरण पर्याप्त हैं । यह उदाहरण मेरठ से लिया गया है |अधिकांश भाजपा शासित प्रदेशों में झाड़ू सफाई और ऑनलाइन सिस्टम को महत्व दिया गया पड़ोसी राज्य हरियाणा में २५ दिसंबर के अवकाश में भी सीएम वेबसाइट + सीएम विंडो लांच की गई तो दिल्लीमें मंत्रियों ने और मेरठ में भाजपाइयों ने झाड़ू लगा कर फोटो खिंचवाए |
यूंपी में चूंकि मुख्य मंत्री पहले ही प्रधान मंत्री के सफाई अभियान से हाथ खींच चुके हैं सो यहाँ सरकारी तौर पर झाड़ू बाजी की उम्मीद नहीं थी |मुख्यमंत्री द्वारा अपने प्रदेश में विकास के बढे बढे विज्ञापन छपवाए जा रहे हैं लेकिन दुर्भाग्य से कैमरे में कुछ और ही पकड़ में आता है |यहाँ अभी क्राइम की नहीं केवल स्वछता की बात हो ही रही है इसीलिए मेरठ के कलेक्ट्रेट परिसर और बीएसएनएल कार्यालय का उदारहण पर्याप्त होगा
ऐतिहासिक मेरठ के जिला कार्यालय परिसर में व्यवस्था से दुखियों के आये दिन हंगामे होते रहते हैं कुछ ने तो वहां स्थाई टैंट तक लगा लिए हैं ।इन पीड़ितों पीने के लिए पानी की टैंकी और हैंड पंप बरसों पहले लगाये गए थे मगर सफाई नहीं होने के कारण यहां काई जमी हैं जो परत दर परत विकास कर रही है|
कूड़ा रहता है |jamos photo
इसके बावजूद अपने रिस्क पर लोग वहां पानी पीते देखे जा सकते हैं यही हाल मेरठ के बी एस एन एल का भी हैं यहाँ ग्राहकों के लिए पानी की टैंकी जिसे वाटर कूलर कहा जाता है लगी हुई है इस सर्दी में इस कूलर का पानी पीने को ग्राहक अभिशिप्त हैं ।केंद्र सरकार द्वारा आये दिन कहा जाता है कि पानी की बचत की जाने चाहिए लेकिन यहां जंक लगा कूलर का पानी लगातार अविरल बहता ही रहता है|देश के चिकित्सक आये दिन गाल फाड़ फाड़ कर चिल्लाते रहते हैं के स्वच्छा पानी पियो गन्दा पानी पीने से तमाम तरह की बीमारियां [ WaterBorneDiseases] ]Amoebiasis+Cryptosporidiosis+Cyclosporiasis+Microsporidiosis+ आसान भाषा में डेंगू +फीवर +जापानीज इन्सेफेलाइटिस +मलेरिया +डायरिया आदि घर कर लेती हैं |जिससे अस्पतालों में खर्च बढ़ जाता है |
कम से कम साल में एक बार तो कहा ही जाता है के सफाई रखने से बीमारियां और इलाज के लिए होने वाले खर्च को कम किया जा सकता है |लेकिन सफाई के लिए केवल उपदेश ही जारी करके इतिश्री कर ली जाती है इसकी मॉनिटरिंग नहीं हो पाती |
केंद्र ने स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च में २०% कटौती क्या कर दी सब तरफ मच रहा है हाय हल्ला |
इसीलिए मुख्यमंत्री कृपया पुनः कृपया झाड़ू बेशक मत चलाइये मगर व्यवस्था को तो सुधारिये ताकि बिना विज्ञापन के भी आपके फोटो लोगों के दिलों में छ्प सकें| सैफई महोत्सव से आपको जब फुर्सत मिले तभी जिला कार्यालयों का इंस्पेक्शन निरीक्षण करवा लीजियेगा |