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Songs Reflecting Empowerment of Women In House Production By”Sanrakshika”Released

[New Delhi]Songs Reflecting Empowerment of Women In House Production By”Sanrakshika”Released
CISF Wives Welfare Association Got Released In House Production Of Audio Visual CD And Magazine
HRD Minister Smt Smriti Zubin Irani ,Today Released the Audio Visual CD Of Sanrakshika song which was In House Production By Sanrakshika Members.
Songs reflects empowerment of women.Beside this Smt Aruni Doval Released Special edition of Magazine Sanrakshika Udhyan containing articles and contributions from cisf members.
Apart from the above HRD Minister also inaugurated Solid & Liquid Management System [ SLRM ]First of its kind in CISF
President of Association Smt Subha Ranjan+Assured that in this SLRM System Dumping of garbage will be stopped. Different Coloured Baskets will also be distributed To The residents

Winning Percentage Of Women Contestants Always Been Higher:Women Empowerment

Even 15th Parliament Could Not show courage to share power with the Indian women But It Is Encouraging That winning percentage of women contestants had always been higher.
15th Lok Sabha Witnessed 59 women Parliamentarians Which Is The Highest Number Of Women Representation In The Lok Sabha
Representation of women members in Lok Sabha and their participation in general elections as contestants are increasing.
General Election- 2009 sent the highest number of women in Lok Sabha, 59, while in previous House the number was 45.
15th Lok Sabha had 10.86% of women membership with 13th Lok Sabha too being close to it in having 9.02% of women members . From 1996, Lower House always had at least 40 women elects.
The lowest number of women elected to the Lok Sabha was in 1977 when only 19 women reached the Lower House, which was only 3.50% of the total Lok Sabha seats (542 at that time).
There was no other occasion in the history when the women did not even reach the mark of 20.
As far as women contestants is concerned, the highest number of women aspirants, 599, were in fray in 1996,
followed by 556 women candidates in 2009 and 355 in 2004.
It was in 1980 for the 7th Lok Sabha when the women contestants crossed the mark of 100 as prior to that the number of women contestants was always below 100.
Women participation in contesting election has been much lower as compared to men.
Up till Ninth General Election women participation was 30 times lesser then men, though Tenth onwards the participation improved
But the winning percentage of women contestants had always been higher with respect to male contestant’s right from first election to creation of 15th Lok Sabha,

महिलाओं के प्रति नकारात्‍मक अवधारणा बदलने के लिए मिलकर काम करना चाहिए:अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर प्रणब मुख़र्जी

महिलाओं को मताधिकार दिलाने के लिए १०५ वर्ष पूर्व प्रारम्भ किये गए अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बेशक भारत में महिलाओं को केंद्रीय सत्ता में भागेदारी का अधिकार नहीं दिया जा सक है इस पर भी सामाजिक छेत्रों में महिलाओं का अभिनन्दन और सिभ कामनाएं जारी है
भारत के राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने हर वर्ष 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जारी अपने संदेश में कहा-
‘अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मैं अपने देश के सभी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं का अभिनन्‍दन करता हूं और उन्‍हें शुभ कामनाएं देता हूं।‘
jamos cartoonsउन्होंने प्राचीन भारत में महिलाओं के स्टेटस के विषय में बोलते हुए कहा ” भारत में स्‍त्रियों ने – राजनीतिक, शैक्षिक और आध्‍यात्‍मिक सभी क्षेत्रों में महानता प्राप्‍त की है। प्राचीन भारत में उन्‍हें स्‍वतंत्रता प्राप्‍त थी और वे सार्वजनिक जीवन में बराबरी के आधार पर भाग लिया करती थी। ऋग्वेद में महिलाओं को ऊंचा स्‍थान दिया गया है। यत्रनार्यस्‍तु पूज्‍यन्‍ते, रमन्‍ते तत्र देवता यानि जहॉं भी महिलाओं का आदर होता है, देवता वहीं रहते हैं। तैत्रीय उपनिषद में मातृदेवो भव कहा गया है इसका मतलब है आपकी माता आपके लिए देवता की तरह हो” प्रेसिडेंट ने स्‍वामी विवेकानन्‍द को कोट करते हुए कहा ” जिस देश में भी नारियों को सम्‍मान दिया जाता है वह महान बनता है”
“भारतीय संविधान में भी स्‍त्रियों की समानता पर जोर दिया गया है। संविधान में ही नहीं बल्‍कि भारतीय राष्‍ट्र में भी महिलाओं को बराबरी का दर्जा हासिल है। यहां राज्‍य ऐसे सक्रिय उपाय करता है जिससे लिंग आधारित भेदभाव नहीं होता। महिला सशक्‍तिकरण को ऐसा तत्‍व माना जाना चाहिए जिससे लिंग समानता की ओर हमारे प्रयास जाहिर ही न हों, बल्‍कि वे राष्‍ट्र निर्माण में उनके पूरी तरह शामिल होने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएं।
हमें एक समाज के रूप में महिलाओं के प्रति नकारात्‍मक अवधारणा बदलने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। महिलाओं को सुरक्षित और अनुकूल वातावरण मिलना चाहिए जहां उनकी प्रतिभा प्रस्‍फुटित हो और वे राष्‍ट्र निर्माण में पूरी तरह योगदान दे सकें। महिलाओं के इस अंतर्राष्‍ट्रीय दिवस पर हम सब महिला दिवस मनाने से हमारे समाज के हर सदस्‍य मे महिलाओं के लिए सर्वोच्‍च सम्‍मान की भावना बढ़े।
आई टी यूं ITU ने भी आई सी टी ICT के माध्यम से महिलाओं के विकास की बात कही है |आई टी यूं के अनुसार ७९ देशों में एक मिलियन डिस एडवांटेज महिलायें यूं एन के सहयोग से आई सी टी का लाभ उठा रही है |jamos cartoons
निजी एयर लाइन्स जेट एयरवेज और इलेक्ट्रॉनिक्स के छेत्र में गरानी डी ई एल एलDELL ने महिलाओं के लिए विशेष रियायतों की घोषणा की है
गौरतलब है कि .अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आवाहन, पर पहले सबसे पहले यह दिवस २८ फरवरी १९०९ में मनाया गया। उस समय इसका प्रमुख ध्येय महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिलवाना था क्योंकि, उस समय अधिकर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था।
१९१७ में रुस की महिलाओं ने, महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिये हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यह हड़ताल भी ऐतिहासिक थी।भारत में सत्ता में भागे दारी केलिए महिला रिजर्वेशन बिल संसद में लंबित है और उसके प्रति राजनीतिक पार्टियों की केवल बयान बाजी ही हो रही हैं

सोनिया गांधी ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बने कानून और नीतियों का पालन कराने के लिए निचले स्तर पर कार्य को जरुरी बताया

सोनिया गांधी ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बने कानून और नीतियों का पालन कराने के लिए निचले स्तर पर कार्य को जरुरी बताया
यूपीए अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के ‘अहिंसा संदेशवाहक’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया और महिलाओं के कानूनी अधिकारों और उनके आर्थिक एवं सामाजिक विकास के बारे में जागरूकता और ज्ञान का प्रचार की आवश्‍यकता पर बल दिया|
श्रीमती गाँधी ने कहा कि सिर्फ नीतियां घोषित करने और कानून लागू करने से महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं हो पाएगा। इसके लिए कानून और नीतियों को निचले स्‍तर पर कारगर ढंग से लागू करने की आवश्‍यकता है| महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए केवल कानून और नीतियां बना देना ही पर्याप्त नहीं है, उनको कार्य रूप देने के लिए निचले स्तर पर कार्य किया जाना जरुरी भी है|

 Smt. Sonia Gandhi addressing at the launch of the ‘Ahimsa Messenger’ programme,

Smt. Sonia Gandhi addressing at the launch of the ‘Ahimsa Messenger’ programme,


श्रीमती गांधी ने कहा कि ‘अहिंसा संदेशवाहक’ सीधे रुप से महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के साथ जुड़ा हुआ है। उन्‍होंने कहा कि ये ‘अहिंसा संदेशवाहक’ महिलाओं के कानूनी अधिकारों और उनके आर्थिक एवं सामाजिक विकास के बारे में जागरूकता और ज्ञान का प्रचार करेंगे। श्रीमती गांधी ने कहा कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उन्‍हें गरिमा प्रदान करने के लिए लोगों की मानसिकता में परिवर्तन लाना बहुत जरूरी है। इस कार्यक्रम की विशेषता यह है कि इसमें किशोर बालकों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले आंगनवाडि़यों में कुछ महिलाओं को ‘अहिंसा संदेशवाहक’ का प्रशिक्षण दिया जाएगा। श्रीमती गांधी ने कहा कि पंचायती राज संस्‍थानों में महिलाओं के लिए 50 %आरक्षण लागू करने से लाखों महिलाओं को अपनी बात कहने का हक मिला है। | पंचायती राज और जनजातीय मामले मंत्री श्री वी. किशोर चंद्र देव,मंत्रालय की सचिव सुश्री नीता चौधरी और संसद सदस्‍य श्री जे. पी. अग्रवाल भी मौजूद थे। समारोह में दिल्‍ली एनसीआर से करीब 30 हजार बालिकाओं ने हिस्‍सा लिया, जिन्‍हें राजीव गांधी किशोरी अधिकारिता कार्यक्रम या सबला से लाभ प्राप्‍त हुआ है।
समारोह की अध्यक्षा ,महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्‍णा तीरथ ने कहा कि महिलाएं समाज के विकास में तभी योगदान कर सकती हैं जब उन्‍हें मानसिक, सामाजिक, शैक्षिक और वित्‍तीय दृष्टि से अधिकारिता प्रदान की जाए। उन्‍होंने बताया कि ‘अहिंसा संदेशवाहक’ कार्यक्रम की परिकल्‍पना 2009 में की गयी थी। उन्‍होंने बताया कि आज सबला के अंतर्गत एक करोड़ लड़कियों को ‘अहिंसा संदेशवाहक’ का कार्य संभालने के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्‍होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्‍य उद्देश्‍य महिलाओं और बच्‍चों के खिलाफ होने वाली हिंसा पर काबू पाना है। कार्यक्रम में किशोर और किशोरियों दोनों को ही शामिल किया गया है।
फोटो कैप्शन [१] नई दिल्ली में यूं पी ऐ चेयर पर्सन श्रीमती सोनिया गाँधीअहिंसा मेसेंजर कार्यक्रम का शुभारम्भ करतॆ हुए 2013.

जी डी पी बढाने के लिए महिलाओं को शक्ति देकर उन्हें वास्तविक भागेदार बनाना होगा: फिक्की में नरेंदर मोदी

गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के लामेरीडियन होटल में आयोजित फिक्की की महिला इकाई के सम्मलेन में जी डी पी ग्रोथ बढाने के लिए उद्योगों का विकास जरुरी बताया और इसके लिए महिलाओं की निर्णय लेने में भागे दारी और उसके लिए महिला सशक्तिकरण का मन्त्र दिया|
दिल्ली की तरफ कदम दर कदम बढ रहे नरेन्द्र मोदी ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज़ (फिक्की) की महिला शाखा की वार्षिक आमसभा को संबोधित करते हुए अनेक भावनात्मक पहलुओं को छुआ और पिछड़ी महिलाओं के विकास में सरकारी सहायता उपलब्ध कराये जाने के अनेकों उदहारण दिए|उन्होंने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए + जानकारी +सुविधा+तकनीक + आदि को मुहैया करावाया जाना जरुरी बताया |कांग्रेस पर राजनीतिक प्रहार किये और अपने विरुद्ध कार्य कर रहे मीडिया के एक विशेष वर्ग पर भी कटाक्ष किये|

अपने भाषण में उन्होंने कई बार श्रोताओं को हंसा कर मंच से लगातार जोड़े रखा

पहले तो उन्होंने अपने भाषण को प्रवचन कहा यह संभवत कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उपदेशात्मक भाषणों पर व्यंग था |इस पर सभागार में ठहाके गूँज गए|
[२]पुरुषों के लिए भी बधाई मांग बैठेजिसके उत्तर में सभी हंसने लगे|
[३]अहमदाबाद में जसु बेन के पिज्जा का उदहारण देते हुए मुख्य वक्ता ने उसे राहुल गांधी की खोज कलावती से जोड़ दिया और कहा कि अभी कुछ लोग अहमदाबाद पहुँच जायेंगे और कलावती की तर्ज़ पर जसु बेन को ढूँढेंगे |उन्हें यह बताना जरुरी है कि जसु बेन का देहांत ५ साल पहले हो चूका है|इस रहस्योद्घाटन से भी महिलाओं की हँसी गूँज गई|
[४]

क्या खाने का समय हो गया

थोड़ी देर बोलने के पश्चात नरेन्द्र मोदी ने संचालक से पूछा कि क्या खाने का समय हो गया अगर आप कहें तो मै भाषण बंद कर दूं वैसे मुझे ४ बजे दूसरे प्रोग्राम में जाना है|इस पर खुल कर ठहाके लगे|

कांग्रेस पर प्रहार

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा
[१]पहले गावं के सरपंच को झंडा फहराने के लिए भी अपने जेब से झंडा खरीदना पड़ता था और अब उन्ही गावों का गावों का बजट लगभग २ करोड़ का है|
[२]उपलब्धि और प्रतिबद्धता के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी तक कांग्रेस ने जो गड्डे भरे हैं उन्हें भरा जाना जरुरी था अब उस पर एक भव्य गुजरात का निर्माण किया जाना है|
[३] महिलाओं के लिए आरक्षण सम्बन्धी पूछे गए सवाल के उत्तर में मोदी ने कहा कि उन्होंने गुजरात एसेम्बली में एक बिल पास कराया है जिसके अनुसार स्वराज्य की स्थानीय इकाईयों में महिलाओं के लिए ५०% के आरक्षण का प्रावधान है लेकिन गुजरात की महिला गवर्नर ने उसे दबा रखा है|गौरतलब है कि गुजरात की गवर्नर पर कांग्रेस के वरदहस्त के आरोप लगते रहे हैं|
नरेन्द्र मोदी ने अपने राज्य में विकास के मॉडल का उल्लेख करते हुए बताया कि ग्रामीण महिलाओं को ज्ञान +सुविधा+ तकनीक +बाज़ार की जानकारी दिला कर प्रदेश के विकास में भागेदार बनाया गया है|गंगा बा के चरखे से शुरू करके भाजपा के मुख्य मंत्री ने लिज्जत पापड़+जसु बेन के पिज्जा आदि के अनेकों उदहारण दिए |उन्होंने बताया कि देश कि आबादी का ५०५ महिलाओं का है और इन्हें ज्ञान +सुविधा+ तकनीक +बाज़ार की जानकारी देकर देश के
महिलाओं की सीधे सीधे भागे दारीके लिए उन्हें निर्णय लेने की शक्ति देनी जरुरी है| इस दिशा में किये जा रहे कार्यों का ब्यौरा देते हुए कहा कि गुजरात में सरकारी भूमि का आवंटन घर की महिला के नाम किया जा रहा है[२]महिला के नाम खरेदी जा रही संम्पति पर स्टाम्प शुल्क फ्री कर दी गई है|महिला पंचों वाले ३०० से अधिक गावों को विशेष दर्जा और सुविधा दी जा रही है|
नरेन्द्र मोदी ने वर्तमान विसंगतियों की और तरफ भी इशारा किया कहा कि हमारी परंपरा में मां सबसे ऊपर है। लेकिन जैसे-जैसे हम आधुनिक होते गए वैसे-वैसे महिलाओं के प्रति हमारी सोच बिगड़ती रही और उसमें विकृतियां बढ़ती गईं। इस समय महिलाओं की हालत 18वीं सदी से भी बदतर हो गई है। रूंधे गले से बताया कि १८ वी शताब्दी में कन्यायों को पैदा होने के बाद मर डाला जाता था लेकिन आज कल तो माँ के गर्भ में ही कन्या भ्रूण कि हत्या करा दी जाती है|
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया नेटवर्किंग को धन्यवाद दिया, जिसकी सहायता से बहुत बड़ी संख्या में महिलाओं ने उनसे संपर्क किया, और सुझाव दिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि वर्ष के अंत में एक ऐसा दस्तावेज प्रकाशित किया जाना चाहिए जिसमे महिला उधमियों के संघर्ष और विकास की कहानियां समाहित हो जिससे आने वाली पीडियों को भी लाभ होगा|