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ओलम्पिक्स-खेलों में कुश्ती को आखिरकार पुनः शामिल कर ही लिया गया :केंद्रीय खेल मंत्री जितेन्द्र सिंह ने स्वागत किया

ओलम्पिक्स-खेलों में कुश्ती को आखिरकार पुनः शामिल कर ही लिया गया है |यह फैसला मतदान के जरिए हुआ।अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के इस फैसले का केंद्रीय खेल और युवा कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जितेन्द्र सिंह ने स्वागत किया है|
केंद्रीय खेल और युवा कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जितेन्द्र सिंह ने 2020 के ओलम्पिक खेलों में[७१ देशों में खेले जाने वाले] कुश्ती को शामिल करने के अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) के फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त की है।
खेल मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार 8 सितंबर 2013 को ब्यूनस आयरस, अर्जेंटीना में समिति के 125वें अधिवेशन में ओलम्पिक्स-2020 में अन्य 25 प्रमुख खेलों के साथ कुश्ती को शामिल करने का फैसला लिया गया। कुश्ती, स्कवॉश और बेसबॉल/सॉफ्टबॉल को ओलम्पिक्स-2020 में अतिरिक्त खेल के रूप में शामिल करने के बारे में विवाद बना हुआ था। कुश्ती को शामिल करने का फैसला मतदान के जरिए हुआ।
गौरतलब है कि [१]12 फरवरी, 2013 को आईओसी के कार्यकारी बोर्ड की बैठक ने सिफारिश की थी कि कुश्ती को 2020 के ओलम्पिक्स में प्रमुख खेलों की सूची में शामिल न किया जाए। इसका संचालन कुश्ती एसोसिएशनों की अंतर्राष्ट्रीय फेडरेशन द्वारा किया जाता है।
[२]20 मई, 2013 को रूस में सेंट पीटर्सबर्ग में हुई बोर्ड की बैठक में सिफारिश की गई कि कुश्ती, स्कवॉश और बेसबॉल/सॉफ्टबॉल को ओलम्पिक्स-2020 में अतिरिक्त खेल के रूप में शामिल करने के बारे में आईओसी के 125वें अधिवेशन में विचार किया जाए।
12 फरवरी, 2013 को आईओसी के कार्यकारी बोर्ड द्वारा कुश्ती को प्रमुख खेलों की सूची से बाहर रखने के फैसले से धक्का लगा था।
युवा कार्य और खेल मंत्रालय ने आईओसी और उन देशों के साथ, जहां कुश्ती लोकप्रिय है, इस मामले को उठाया, ताकि कुश्ती को ओलम्पिक खेलों में शामिल रखा जा सके।
श्री जितेन्द्र सिंह ने आईओसी के अध्यक्ष श्री जैक्स रॉग को पत्र लिखकर उनसे बोर्ड के फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया। श्री जितेन्द्र सिंह ने अन्य देशों के खेल मंत्रियों को भी पत्र लिखा, जहां कुश्ती लोकप्रिय है और उनके पहलवानों ने लंदन ओलम्पिक्स-2012 में भाग लिया था। खेल सचिव ने भी विदेश सचिव को लिखा था कि विदेश मंत्रालय 70 देशों में हमारे राजदूतों और उच्चायुक्तों से कहे कि वे उन देशों के खेल मंत्रियों से इस मामले को आईओसी के सामने उठाऩे को कहें। 2 सितंबर, 2013 को मंत्रालय ने आईओसी के सभी सदस्यों से अनुरोध किया था कि वे कुश्ती को ओलम्पिक खेलों की प्रमुख सूची में शामिल रखने के बारे में फैसला लें।
इन सब प्रयासों का सुखद परिणाम निकला। कुश्ती 1886 में एथेंस में शुरू हुए आधुनिक ओलम्पिक खेलों में शामिल थी और उसके बाद भी रही है। प्राचीन ओलम्पिक्स में भी कुश्ती खेलों का हिस्सा थी। आज के समय में भी कुश्ती लोकप्रिय है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लंदन ओलम्पिक्स-2012 में 71 देशों ने कुश्ती स्पर्धाओं में भाग लिया था।

खेल मंत्रालय ने कुश्‍ती को ओलंपि‍क खेलों में बनाए रखने के लि‍ए आईओसी से गुहार लगाईं

खेल मंत्रालय ने कुश्‍ती को ओलंपि‍क खेलों में बनाए रखने के लि‍ए आईओसी से गुहार लगाईं है|
खेल और युवा मामलों के मंत्रालय ने अन्‍तर्राष्‍ट्रीय ओलंपि‍क समि‍ति‍ (आईओसी) से अर्जेन्‍टीना के ब्‍यूनस आयर्स में होने वाली 125वीं बैठक में कुश्‍ती को ओलंपि‍क खेलों की मुख्‍य खेल श्रेणी में बनाए रखने का अनुरोध कि‍या है।
खेल वि‍भाग के सचि‍व पी.के. देब ने आईओसी के सभी सदस्‍यों को पत्र लिख कर कहा है कि ‍ 1886 में एथेंस में हुई आधुनि‍क ओलंपि‍क के उद्घाटन से ही कुश्‍ती एक स्‍पर्धा रही है। प्राचीन ओलंपि‍क में भी कुश्‍ती शामि‍ल थी। ओलंपि‍क खेलों की मुख्‍य श्रेणी से इसे बाहर रखना परम्‍परा के वि‍रुद्ध है। पत्र में कहा गया है कि ‍आज के समय में कुश्‍ती की लोकप्रि‍यता पूरी दुनि‍या में है। इसकी लोकप्रि‍यता का अनुमान इस तथ्‍य से लगाया जा सकता हैं कि 2012 की लंदन ओलंपि‍क में कुश्‍ती स्‍पर्धा में 71 देशों ने भागीदारी की थी। उन्‍होंने कहा कि ‍आईओसी द्वारा कुश्‍ती को 2020 ओलंपि‍क से अलग रखने से कुश्‍ती पर प्रति‍कूल प्रभाव पड़ेगा।
पत्र में श्री देब ने कहा कि ‍भारत सरकार का मानना है कि ‍कुश्‍ती को ओलंपि‍क स्‍पर्धा के 25 प्रमुख खेलों से बाहर रखने पर फि‍र से वि‍चार कि‍या जाना चाहि‍ए, क्‍योंकि इस खेल के प्रति सार्वभौमिक रुझान है और खर्च की दृष्टि से ये वहन योग्‍य भी है।

अंतराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ के अखाड़े में मूर्छित पड़ी कुश्ती की प्रतिस्पर्धा को एक लाइफ लाइन मिली

अंतराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ के अखाड़े में मूर्छित पड़ी कुश्ती की प्रतिस्पर्धा को एक लाइफ लाइन मिल गई है| इससे भारतीय खेल जगत में खुशी की लहर दौड़ गई है| फाइनल मुकाबिला 8 सितंबर को ब्यूनस आयर्स की मीटिंग में होगा \
मास्को के सेंट पीट्सबर्ग में बुधवार रात हुई बोर्ड की बैठक में 8 दावेदारों में से 3 खेलों का चयन किया। अब 8 सितंबर को ब्यूनस आयर्स में होने वाली आईओसी की आमसभा की बैठक में कुश्ती को स्क्वॉश तथा एवं बेसबॉल से मुकाबला करना होगा। इन तीनों में केवल एक खेल को ओलंपिक 2020 के मुख्य खेलों में जगह मिलेगी।
पांच अन्य खेलों वुशु, वेकबोर्ड, क्लाइम्बिंग, कराटे और रोलर स्पोर्ट्स को बाहर कर दिया गया है| आई ओ ऐ के कार्यकारी अध्यक्ष प्रोफ. वी के मल्हौत्रा + पहलवान सुशील + योगेश्वर ने कुश्ती को उन तीन खेलों में शामिल करने के अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के फैसले का प्रसन्नता से स्वागत किया।
श्री मल्हौत्रा ने कहा है के कुश्ती भारत के शहर से गावों तक बेहद लोकप्रिय खेल है और आईओसी का यह अच्छा कदम है।लेकिन इसके साथ ही उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए बताया के 8 सितंबर को ब्यूनस आयर्स में होने वाली आईओसी की आमसभा की बैठक के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी|
गौरतलब है के कुश्ती आधुनिक ओलंपिक ही नहीं बल्कि प्राचीन ओलंपिक खेलों का भी हिस्सा रही है। समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार छत्रसाल स्टेडियम में 150 जूनियर पहलवान अभ्यास करते हैं
मालूम हो के ओलंपिक के सबसे पुराने खेल कुश्ती को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के कार्यकारी बोर्ड ने फरवरी में 2020 होने वाले ओलंपिक के मुख्य खेलों की सूची से हटा दिया था।हालांकि इस पर अंतिम फैसला सितंबर में ब्यूनस आयर्स में होगा। स्क्वॉश तथा साफ्टबॉल एवं बेसबॉल से मुआईओसी की समिति ने आठ खेलों में से कुश्ती, स्कवैश और बेसबॉल या साफ्टबॉल को 2020 ओलंपिक में शमिल करने के लिए शॉर्टलिस्ट किया है। इनमें से एक खेल को 2020 ओलंपिक में जगह मिलेगी।