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Tag: Zulfikar Ali Bhutto

“बिलावल”अपने बुजुर्गों की कब्रों पर ताजा ताजा फातिहा तो नहीं पढ़ आये जो कश्मीर के लिए बिलबिला रहे हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

आक्रोशित कश्मीरी फौजी

ओये झल्लेया ये पाकिस्तानी बिलावल भुट्टो को कौन सा कीड़ा काट गया ?बैठे बिठाए बेसुरा राग कश्मीर गाने लग गए जनाब भुट्टो कह रहे हैं कि पी पी पीके उनकी भई उनकी पाकिस्तानी पीपल पार्टी भारत से पूरा कश्मीर वापिस लेकर रहेगी ओये ये फिर एक और जंग हारना चाहते हैं क्या ?में सच कह रहा हूँ अबकी बार को ये लोग कराची+बलूचिस्तान को भी खो बैठेंगे

झल्ला

खैर जमीत रख जवाना लगता है कि जनाब बिलावल की यह बिलंबिलाहट बेवजह नहीं हैइनके नाना मरहूम जुल्फिकार अली भुट्टो भारत से एक हजार साल तक जंग लड़ने का सपना लिए अपने वतन में ही फांसीपर झूल गए |इनकी मरहूम माँ बेनजीर भुट्टो जरदारी गोली का शिकार हो गई| झल्लेविचारानुसार बिलावल साहब अपने इन दोनों बुजुर्गों की कब्रों पर ताजा ताजा फातिहा पढ़ के आये हैं तभी कश्मीर को लेकर बिलबिला रहे हैं

वेद प्रकाश”वैदिक”जी सियासी अटैक का जवाब देने के लिए पीलू “मोदी” की तरह हाफिज नाम की तख्ती टांग लो

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

दुखी देश भक्त पत्रकार

ओये झल्लेया ये तो मुल्क में वाकई बुरे दिन लौट आये देख तो हसाडे देश भक्त वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रकाश वैदिक जी ने पाकिस्तान में मोस्ट वांटेड हाफिज सईद का २ जुलाई को इंटरव्यू क्या ले लिया एक हफ्ते बाद यहाँ सारे कांग्रेसी+समर्थक दल+चैनल वाले वैदिक जी के पीछे ही पड़ गए उन्हें देश द्रोही बताते हुए जेल में डालने की मांग करने लग गए हैं ये तो वोही बात हुई के छाज तो बाले ही बोले छन्नी भी बोले जिसमे हजारों छेद

झल्ला

भापा जी ये कोई नई बात नहीं हैं , हसाडे राजनेताओं के पास हमेशा की तरह कोई विकास के एजेंडा वाली सीढ़ी तो है नही जिस पर चढ़ कर सत्ता के सिंहासन तक पहुँच सकें इस लिए सत्ता शीर्ष की टाँगे खींच कर उसे गिराने में लगे रहते हैं |अब देखो ना पिछली सदी के सातवें दशक में देश भक्त पारसी सांसद पीलू मोदी अपने छात्र जीवन में यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया ,बर्कले में जुल्फिकार अली भुट्टो का क्लास फेलो थे जब भुट्टो पाकिस्तान के प्रधान मंत्री बने तो पीलू की उनसे स्वाभाविक मुलाकात हुई जिसे लेकर भारतीय संसद में हंगामा हुआ मोदी को [नरेंद्र नही] देश द्रोही बताया जाने लगा जिससे परेशान होकर पीलू मोदी ने अपने गले में जुल्फिकार अली भुट्टो के नाम की तख्ती टांगनी शुरू कर दी | एक किताब भी लिखी जिसका शीर्षक ही था “ज़ुल्फी माय फ्रेंड” तब जाकर विरोधी अभियान स्वर शांत हुआ