रेलवे में डेढ़ लाख नॉकरियाँ:ढोंग या लालच ?
ओए झल्लेया! ये मोदी सरकार क्या कुफ्र कमा रही है?ओए छह सालों में नॉकरियाँ खत्म करते रहे,बेरोजगारी बढाते रहे अब चुनाव सर पर आन पड़े तो #रेलवे जैसे संस्थान में भी डेढ़ लाख #नॉकरियाँ देने का लालच दिया जा रहा है। ये ढोंग कब तक चलेगा?
#झल्ला
ओ मेरे चतुर सुजान !
मत हो यूं ही हलकान !!
ये भी हैं तुम्हारे ही जैसे
करके ना देंगे ये भी कोई काम
कहने का भाव है कि केंद्रीय वित्तमंत्री ने मितव्यता का ढोल पीटते हुए कोरोनावधि में नए पद सृजन और रिक्तियों पर भर्ती पर रोक लगाई है ।अब जेडे लाहौर भेड़े ओ पिशौर वी भेड़े