Ad

उच्च न्यायालय ने विवादित सम-विषम योजना के भविष्य पर फैसले के लिए तारीख़ दी 11 जनवरी

[नयी दिल्ली] उच्च न्यायालय ने सम-विषम[ Odd/Even]की विवादित योजना के भविष्य पर फैसले के लिए तारीख़ दी 11 जनवरी |
सम-विषम वाहन योजना के भविष्य को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय 11 जनवरी को फैसला सुनाएगा। उसने आम आदमी पार्टी [आप] की विवादित बन चुकी इस महत्वाकांक्षी प्रायोगिक योजना को चुनौती देने वाली विभिन्न अर्जियों पर अपना आदेश आज सुरक्षित रख लिया।
आदेश आने तक यह योजना जारी रहेगी।न्यायमूर्ति जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। उससे पहले दिल्ली सरकार ने पीठ को बताया कि एक जनवरी से शुरू हुई इस योजना की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में पार्टिकुलेट मैटर [हवा में तैरते कण] का प्रदूषण स्तर में गिरावट नजर आयी है।
पीठ ने छह जनवरी को सरकार से प्रदूषण पर सम-विषम योजना के प्रभाव के बारे में सवाल किया था और उसने हफ्ते भर में इस योजना को बंद करने पर विचार करने को कहा था।दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने न्यायालय से कहा कि राष्ट्रीय राजधानी भीड़भाड़ के दौरान प्रदूषण के स्तर को घटाने के लिए पहली आपात कार्रवाई का प्रयोग कर रही है।
उन्होंने कहा कि यह विश्व की सर्वश्रेष्ठ पद्धति के अनुकूल है। वाहन शहर में दूसरे सबसे बड़े उत्सर्जक हैं और ये ही स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रभावों के लिए जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस कार्यक्रम के पहले कुछ दिनों ने दिखा दिया है कि भीड़भाड़ के समय के प्रदूषण स्तर इस सीजन में सामान्य कोहरे के अधिकतम प्रदूषण स्तर से कम है जबकि मौसम भी प्रतिकूल है।’’ साल्वे ने कहा कि यह योजना राष्ट्रीय राजधानी में सड़कों पर भीड़ खत्म करने के लिए है और इससे प्रदूषणकम करने में योगदान मिला है।
, ‘‘भीड़ में फंसे वाहनों से उत्सर्जन उसके यूं ही खड़ा रहने तथा बार बार रफ्तार घटाने एवं बढ़ाने के के कारण दो गुणा बढ़ जाता है।’’