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Archive for: October 2012

प्रभु की रोशनी की किरण बनने से ज़िंदगी का ध्येय पूरा होगा:संत दर्शन सिंह जी

जो रूह बन के समा जाए हर रगों -पै में ।
तो फिर न शहद में लज्ज़त न सागरे – मैं में ।
वही है साज के पर्दे में , लेहन में , लै में ।
उसी की ज़ात की परछाइयाँ हर इक शै में ।
न मौज है न सितारों की आब है कोई ।

प्रभु की रोशनी की किरण बनने से ज़िंदगी का ध्येय पूरा होगा:संत दर्शन सिंह जी


तजल्लियों के उधर आफ़ताब है कोई ।
संत दर्शन सिंह जी महाराज
भाव: संत दर्शन सिंह जी महाराज फरमाते हैं जब हमारी रूह सिमटती है और प्रभु के शब्द के साथ जुडती है
तो उसमे इतनी मिठास आ जाती है जितनी न तो शहद में है , न मैं के पैमानों में है , वह तो सुरीले संगीत
में मस्त हो जाती है । बाहर के संगीत से उसका कोई मुकाबला नहीं हो सकता । जैसे लहरें समुद्र का हिस्सा
होती हैं , वैसे ही अंतर्मुख होने पर हम उस शब्द का हिस्सा बन जाते हैं , प्रभु में लीन हो जाते हैं । वह मस्ती
न इन सितारों में है , न आसमान में है , न सूर्य में है , न चंद्रमा में है । इस मंडल के पार जो दुनिया है उसका
अपना सूर्य है , उनका इशारा प्रभु की ओर है । प्रभु की रोशनी से ही चारों ओर उजाला है । उस सूर्य की हमें
किरणें बनना है । जब हमारी अंदरूनी आँख इस सूर्य को देखेगी तो हमारी ज़िंदगी का ध्येय पूरा हो जायेगा ।
सावन कृपाल रूहानी सत्संग के संत दर्शन सिंह जी महाराज की रूहानी शायरी
प्रस्तुति राकेश खुराना

स्टैग इंटर्नेशनल स्पोर्ट्स कम्पनी के निदेशक और समाज सेवी तिलक राम कोहली

स्टैग इंटर्नेशनल स्पोर्ट्स कम्पनी के निदेशक और समाज सेवी तिलक राम कोहली का सीने में इन्फेक्शन के कारण देहांत हो गया|आज शुक्रवार को सुबह उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है| देश के बंटवारे के पश्चात सियाल कोट से मेरठ आये टी आर कोहली ने अपने पिता अर्जुन दास के स्पोर्ट्स गुड्स निर्माण के व्यवसाय को मेरठ में न केवल स्थापित किया वरन उसे आगे भी बढाया|अब उनके पुत्र राकेश कोहली और विवेक कोहली अपने बुजुर्गों से पाई विरासत को आगे बढाने में जुटे हैं|

स्टैग इंटर्नेशनल स्पोर्ट्स कम्पनी के निदेशक और समाज सेवी तिलक राम कोहली


इस दुखद अवसर पर आल इंडिया स्पोर्ट्स गुड्स मेनुफेक्चरिंग एसोशिएशन+खेल उद्योग से जुड़े लोगों के अलावा पंजाबी भ्रात सभा+पंजाबी कल्चरल सोसायटी + खुक्रायन बिरादरी आदि ने भावभीनी श्रधांजलि अर्पित की है|

दामाद राबर्ट वढेरा ईमानदार है और आर एस एस का बेटा नितिन गडकरी भी चोर नहीं है

हमारा दामाद राबर्ट वढेरा इमानदार है और और आर एस एस का बेटा नितिन गडकरी भी पाक साफ़ है| यह सन्देश जांच एजेंसियां दे रही है|इन दोनों पर सत्ता का दुरूपयोग करके भूमि के घोटाले के आरोप लग रहे है| कांग्रेस ने हरियाणा में उपायुक्तों से आनन् फानन में जाँच करवा कर अब राबर्ट वढेरा को क्लीन चिट दे दी है| एजेंसियों का कहना है कि भूमि रजिस्ट्रेशन में कोई गड़बड़ नहीं हुई है रजिस्ट्री की पूरी फीस जमा की गई है| यूपीए सुप्रीमो सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वढेरा को चारों जिलों की रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दी गयी है। इस रिपोर्ट में साफ किया गया है कि हरियाणा के चार शहरों गुड़गांव, फरीदाबाद, पलवल और मेवात में वाड्रा को जो जमीन बेची गयी है उसमें किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं बरती गयी हैं और वढेरा ने स्टांप ड्यूटी का पालन करते हुए सारे पैसे सही रूप से चुकाये हैं। इसके साथ ही नितिन गडकरी के विरुद्ध आयकर एजेंसियां जांच करने में लगा दी गई है इन एजेंसियों को एक माह में जाँच पूरी करके रिपोर्ट पेश करनी है| लेकिन आय कर की किस धारा में यह जाँच की जायेगी उसका खुलासा नहीं किया गया है|

अरविन्द केजरीवाल की गाजिआबाद में प्रेस कांफ्रेंस


आई ऐ सी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने कमोबेश यही आरोप लगाते हुए कहा है कि यहजांच और रिपोर्ट केवल लीपापोती है| वढेरा और गडकरी दोनों बच जायेंगे | भाजपा और कांग्रेस दोनों मिली हुई है| उन्होंने दिग्विजय सिंह के बयाँ का हवाला देते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह ने स्वयम यह स्वीकार कर लिया है कि भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे के परिवार के सदस्यों पर आरोप प्रत्यारोप नहीं लगाते| इससे साफ़ जाहिर है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दोनों मिले हुए हैं|
उन्होंने गाज़ियाबाद में आज शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि किसकी हिम्मत है कि यूपीए सुप्रीमो सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वढेरा की जांच करे |वास्तव में वढेरा को बचाने के लिए यह लीपापोती की गई है इसके साथ ही भजपा के अध्यक्ष नितिन गडकरी के विरुद्ध आयकर विभाग से जाँच शुरू करवाई जा रही है लेकिन यह नहीं बताया जा रहा कि आयकर कानून की किस धारा में यह जाँच होनी है|
अरविन्द केजरीवाल ने आज यह भी मांग उठाई है कि राबर्ट वढेरा और गडकरी की देश भर में सम्पत्तियों का ब्यौरा सार्वजानिक किया जाना चाहिए|

जसपाल भट्टी मेरे द्रोणाचार्य थे

सटीक+ मर्यादित व्यंगों के माध्यम से विसंगतियों के विरुद्ध आवाज़ उठाने वाले जसपाल भट्टी के आकस्मिक निधन से हास्य और व्यंग की दुनिया से जुड़े लोगों को गहरा आघात लगा है|में भी उनमे से एक हूँ|में उन्हें द्रोणाचार्य मानकर एकलव्य बन कर उनसे दूर रह कर उनके स्टाईल में लिखने का प्रयास करता रहा हूँ|

जसपाल भट्टी मेरठ में एक फेशन शो में मुख्य अथिति के रूप में व्यंगों की बौछार करते हुए

जालंधर में पोस्टिंग के दौरान आठवें दशक के मध्य में मुझे दूरदर्शन पर भट्टी जी का उल्टा पुल्टा कार्यक्रम देखने का अवसर मिला |जिसे देख कर और लोगों की तरह में भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाया | उस समय जालंधर दूरदर्शन पर कोई विशेष कार्यक्रम नहीं आते थे इसीलिए यह उलटा पुल्टा कार्यक्रम आभाव के रेगिस्तान में मनोरंजन का एक झरना लगता था| शायद इसीलिए इसे एक बार देखा तो हमेशा इस कार्यक्रम की इंतेज़ार रहने लगी| विषय की गहरी सोच+उसमे विसंगती तलाश कर +उसे व्यंग के माध्यम से प्रस्तुत करके विषय में हास्य पैदा करने के उनकी अनूठी कला थी इसका में आज भी कायल हूँ| मेरठ आ कर मैंने लिखना जारी रखा मगर मैंने भी भट्टी जी की तरह विसंगतियों को विषय बनाया और उनमे व्यंग का पुट देना शुरू कर दिया|मेरे व्यंग को नाम दिया गया| हिंदी में लिखे इस व्यंग में पंजाबी तड़का लग ही जाता था इस कालम को नाम दिया गया झल्ले दी गल्लां \यह लोक प्रिय हुआ | लगभग २० साल पहले भट्टी जी एक फेशन शो में मुख्य अथिति के रूप में मेरठ आये \उस समय में यह सोच कर हैरान था कि भट्टी जी जैसी शख्सियत का फेशन शो में क्या काम मगर यहाँ भी उन्होंने अपना स्टाईल दिखा कर सबका भरपूर मनोरंजन किया|यूं तो उन्होंने अपने मुख्य अथिति के भाषण में अपने तमाम सीरियलों के नामो को जोड़ा मगर आदतन एक डायलाग भी बोल गए ” लगता है कि अब गली मोहल्लों और गावों में भी फेशन शो हुआ करेंगे” दरअसल उस समय फेशन शो बड़े शहरों में ही हुआ करते थे मेरठ जैसा[ उस समय] छोटा शहर फेशन शो के आयोजकों को आकर्षित करने में सक्षम नहीं था|ऐसे में भट्टी जी को भी आश्चर्य हुआ होगा कि मेरठ में फेशन टेक्नालोजी का स्कूल चलाने वाली श्रीमती मालिक ने इतना बड़ा फेशन शो कैसे आयोजित कर डाला सो उन्होंने फेशन शो की बड़ती लोक प्रियता को निशाना बना ही दिया|

महात्मा गांधी के आदर्शों की धज्जियां उड़ाने के बाद अब उन्हें राष्ट्रपिता मानने से भी इंकार

महात्मा मोहन दास करम चंद गाँधी के आदर्शों की धज्जियां तो आज कल उडाई ही जा रही थी कि अब गांधी को राष्ट्रपिता मानने से ही इंकार किया जा रहा है| संभवत यह देश का बाजारी करण+ व्यापारी करण +विदेशी करण करने के लिए है| संविधान में आये दिन संशोधन करके महात्मा मोहन दास करम चंद गांधी के नाम को राजनीतिक रूप से भुनाने में माहिर सरकारें महात्मा के आदर्शों की धज्जियां भी लगातार उडाती आ रही है |कुटीर उद्योग+स्वदेशी+ स्वाव्लम्भी जैसे गांधियन मार्गों को त्याग कर अब विदेशी विदेशी की रट लगी है|अब नौबत यहाँ तक पहुँच गई है कि मौजूदा मरकजी सरकार महात्मा को दी गई राष्ट्रपिता की उपाधि भी छीन लेना चाहती है| गृह मंत्रालय ने आरटीआई में पूछे एक सवाल के जवाब में बताया है कि सरकार महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ की उपाधि नहीं दे सकती क्योंकि संविधान एजुकेशनल और मिलिट्री टाइटल के अलावा कोई और उपाधि देने की इजाजत नहीं देता। यह सवाल लखनऊ की 11वीं की एक स्टूडेंट ऐश्वर्या पाराशर ने पूछा था। इसके अलावा सरकार संविधान में संशोशन को तैयार नहीं दिखती|
ऐश्वर्या ने कई आरटीआई दाखिल कर गांधी को राष्ट्रपिता कहे जाने की वजह भी जाननी चाही थी जब उसे बताया गया कि गांधीजी को ऐसी कोई उपाधि नहीं दी गई है, तो उसने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी करने की रिक्वेस्ट की थी।
ऐश्वर्या की अर्जी इस निर्देश के साथ गृह मंत्रालय को भेजी गई थी कि उनकी रिक्वेस्ट पर क्या कार्रवाई की गई, इसका खुलासा किया जाए मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया कि संविधान की धारा 8(1) एजुकेशनल और मिलिट्री टाइटल के अलावा कोई और उपाधि देने की इजाजत सरकार को नहीं देती। महात्मा गांधी को सरकार की तरफ से राष्ट्रपिता की उपाधि नहीं दी जा सकती क्योंकि संविधान सेना व शिक्षा से जुड़ी उपाधि के अलावा कोई भी खिताब देने की इजाजत नहीं देता।

महात्मा गांधी के आदर्शों की धज्जियां उड़ाने के बाद अब उन्हें राष्ट्रपिता मानने से भी इंकार


इतिहास के पन्नो में दर्ज़ है कि महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि सुभाष चंद्र बोस ने छह जुलाई, 1944 को सिंगापुर रेडियो पर अपने संबोधन में दी थी। इसके बाद सरोजिनी नायडू ने एक सम्मेलन में उन्हें यही उपाधि दी। जवाहर लाल नेहरू आदि तो उन्हें बापू कहते नहीं थकते थे| आज पूरा राष्ट्र उन्हें बापू और राष्ट्रपिता कहता है लेकिन सरकार ने जिस तरह से विदेशी के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं उससे पता चलता है कि सरकार ने महात्मा गांधी के मार्ग को छोड़ दिया है अब अपने बात सही साबित करने के लिए गांधी से राष्ट्रपिता की उपाधि भी छीनी जा रही है|संविधान में संशोधन करने में एक्सपर्ट संसद को चाहिए कि एक और संशोधन करके राष्ट्रपिता को पहले से ही मिले हुए उनके सम्मान को बनाए रखा जाए वरना गांधीवादी मुखौटा उतार कर सबसे पहले [१] २ अक्टूबर के सार्वजानिक अवकाश को तो निरस्त कर दिया जाए [२]बापू की समाधि के लिए बने प्रोटोकोल में भी संशोधन कर दिए जाने जरुरी हैं|

रजत गुप्ता अगर भारत में आ जाते तो बाल भी बांका नहीं होता ,उलटे मंत्री बन जाते


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक एन आर आई

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है?हम लोग अपना मुल्क छोड़ छाड़ कर यहाँ आते हैं और यहाँ के विकास के पहिये को आगे बढ़ाते है मगर यार ये गोर लोग हमारे आदमियों को ही निशाना बनाते रहते हैं|पहले हसाड़े सोने संजय बहल को जेल में सड़ने को डाल दिया और अब रजत गुप्ता को दो साल की जेल और जुर्माने के बाद भी एक साल की निगरानी की सजा सुना दी है| बेशक ये लोग कोई धर्मात्मा नहीं हैं मगर इंटेलिजेंट+कर्मठ +विकास शील और बुद्धिजीवी जरूर हैं| इन्हें जेल में सड़ाने के बजाये इन्हें समाज सेवा के लिए किसी अन्डेवेलोप स्टेट में भेज देते इन्होने वहां विकास कर देना था साथ ही इनकी सजा भी पूरी हो जाती|

रजत गुप्ता अगर भारत में आ जाते तो बाल भी बांका नहीं होता

झल्ला

हांजी बात तो आप ठीक ही कह रहे हो इनके साथ ज्यादती ही हुई है| एक ही साल के ट्रायल में में दो साल की सजा सुना दी गई|लेकिन में तो शुरू से कहता आ रहा हूँ कि भारत में आ जाओ तीन चार साल तक तो आरोप प्रत्यारोप में ही बीत जाते इतने में मंत्री बनने के सारे गुण आ जाते| फिर तो तुम्हारा कोई बाल भी बांका नहीं कर पाता | सी डब्लू जी +२ जी+कोयला+वढेरा+डी एल ऍफ़ +सलमान खुर्शीद और नितिन गडकरी के अलावा डी एम् के सपा +बसपा + लालू प्रसाद यादव जैसे अनेकों उदहारण हैं इनका कुछ हुआ है क्या?मुकद्दमा तो छोड़ो कोई जाँच तक के लिए तैयार नहीं है|अब इन्हें देख कर भी अगर आप कुछ सीखना नहीं चाहते तो सड़ो विदेश की जेल में|

रजत गुप्ता को जेल की सजा और जुर्माना

अमेरिकी के मैनहट्टन की अदालत ने शेयर निवेश मामले में धोखाधड़ी के आरोप में फंसे गोल्डमैन सैक्स के पूर्व डायरेक्टर रजत गुप्ता को दो साल जेल की सजा सुना दी है|यह दुखद है उन पर 5 लाख डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है। बुधवार को कोर्ट ने यह आदेश भी दिया कि गुप्‍ता को रिहा होने के बाद एक साल तक निगरानी में रहना होगा। गुप्ता पर बोर्डरूम की गुप्त सूचनाए लीक करने का आरोप सिद्ध हो गया है| गुप्ता को 26 अक्तूबर, २०११ को गिरफ्तार किया गया था।

रजत गुप्ता को जेल की सजा और जुर्माना


अदालत में दिए पहले बयान में गुप्ता ने कहा, ‘पिछले 18 माह मेरे जीवन में सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण रहे, क्योंकि मैं अपने माता पिता को खो चुका हूं।’ उन्होंने कहा, ‘मेरी प्रतिष्ठा खत्म हो चुकी है और यह फैसला मेरे परिवार तथा दोस्तों को सदमे में डाल देगा। मैं अपने जीवन की वास्तविकता को स्वीकार करने आया हूं और मेरे परिवार पर पड़ने वाले इसके दुष्प्रभावों का मुझे गहरा अफसोस है।’
एक संघीय अदालत ने छह में से चार अपराधों के लिए उन्‍हें दोषी पाया था। तीन हफ्ते की सुनवाई के बाद गत 15 जून को उन्‍हें दोषी करार दिया गया था। उन्‍हें अब कैद की जो सजा सुनाई गई है वह
उन्हें सजा सुनाते हुए अमेरिकी जिला जज जेड रैकोफ ने कहा कि हालांकि मैकेंजी के पूर्व प्रमुख रजत गुप्ता का जीवन कई अच्छे कामों से जुड़ा रहा है पर गोल्डमैन सॉक्स की गुप्त सूचनाओं को हेज फंड संस्थापक राज राजारत्नम के पास पहुंचाकर गुप्ता ने गोल्डमैन सैक्स को धोखा दिया है|मैनहट्टन की अदालत के बाहर रजत गुप्ता

उलेमा+ इकराम के जलसे में अमनो अमान की दुआ कराई गई

जामा मस्जिद मेरठ में बुधवार को जलसा हुआ जिसमे शहर के उलेमा+ इकराम ने शिरकत की। इसमें हाल ही में हुए आपसी संघर्ष पर चिंता जताई गयी। सदारत करते हुए शहर काजी जैनुस्साजिदीन ने अमनो- अमान की दुआ कराई। इस अवसर पर उन्होंने अमनो अमान के लिए कहा कि गलती करने वाले को सजा जरूर मिलनी चाहिए। नायब शहर काजी जैनुर राशिदीन व हाजी हनीफ कुरैशी ने कहा कि जिन लोगों ने ज्यादती की उन्हीं के खिलाफ कार्रवाई हो, बेकुसूरों के साथ किसी भी तरह की ज्यादती अमल में नहीं लाई जाए।

जलसे में उलेमा+ इकराम

बकरीद को लेकर भी पुलिस व प्रशासन से व्यवस्था बनाए रखनी की गुजारिश की गयी। जलसे का संचालन मौलाना सलमान ने किया। मौलाना जिब्रील, मौलाना शाहीन जमाली, कारी अनवार, कारी शफीक अहमद, मौलाना खुर्शीद, मुफ्ती हसन, मौलाना साबिर आदि ने शिरकत की।

शूद्र फिल्म की रिलीज को लेकर विरोध हुआ , अब फिल्म को नहीं दिखाने पर बवाल हुआ

शुरू शरू में शूद्र फिल्म की रिलीज को लेकर विरोध हुआ था तो अब फिल्म को नहीं दिखाए जाने को लेकर बवाल हो गया | शूद्र दी राइजिंग फिल्म को मेरठ के पी वी एस माल की स्क्रीन २ से यकायक उतार कर बुधवार को चक्रव्यूह प्रदर्शित करने पर माल में हंगामा हो गया| फिल्म के टिकट बेचने के बावजूद फिल्म को बिना किसी घोषणा के उतार लिया गया|

शूद्र फिल्म नहीं दिखाने पर बवाल हुआ


इससे दर्शकों का एक वर्ग ख़ासा नाराज हुआ और वहां हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई|यह शो सुबह साडे ग्यारह बजे दिखाया जाना था|सिनेमा हाल वालों का कहना था कि बेशक शूद्र फिल्म को केवल मॉल में ही दिखाया जा रहा है मगर बुधवार को अचानक चक्रव्यूह फिल्म रिलीज कर दी गई जिसके कारण यह बदलाव करना पड गया| बिके टिकटों को वापिस लेकर पैसे लौटा दिए गए|

रावण जमाई राजा को ही आग के हवाले करने पर तुले हो


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक राम भक्त

ओये झल्लेया ये कल युग में क्या जुल्म कमाया जा रहा है|दशहरा पर रावण फूंकने के बजाय मेरठ के कसेरू बक्सर में पञ्च लड़कों ने हसाड़े श्री राम का पुतला ही फूंकने की तैयारी कर ली|ओये ये तो अच्छा हुआ कि पोलिस ने आकर उन्हें पकड़ लिया वरना तो एक बार फिर हो जाना था भीषण युद्ध | एक गावं के कुछ लोग रावण को ही मानने लग पड़े हैं|उसका मंदिर भी बनाने में जुट गए हैं|ये तो कलयुग है भाई घोर कलयुग|

रावण जमाई राजा को ही आग के हवाले करने पर तुले हो

झल्ला

ओहो भगत जी ये तो आप भी मानोगे कि मेरठ में आपजी के रावण की ससुराल है|अब ससुराल में दामाद को कोई जलाता है भला|अब देखो कांग्रेस वाले अपने दामाद को बचाने के लिए तमाम हत्कंडे अपना रहे हैं और एक आप हो कि अपने दामाद को ही आग के हवाले करने पर तुले हो|मौजूदा सरकार का अनुसरण करो फायदे में रहोगे