अफगानियों को भारत में दो वर्ष तक रूकने के लिए स्टे वीजा/नागरिक परमिट
अफगानिस्तान के नागरिकों के लिए वीजा नीति सरल बनायी गई
भारत सरकार 01 जुलाई, 2014 से मानवीय आधार पर भारत में 2 साल तक ठहरने वाले अफगानिस्तान के नागरिकों के लिए एक नई उदार वीजा नीति ला रही है। इस नई नीति में अफगानिस्तान के नागरिकों के लिए बनी मौजूदा वीजा नीति के प्रावधानों को और सरल किया गया है।
व्यापक रूप से इस नीति की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैः-
[१]सरकार अफगानिस्तान के नागरिकों को भारत में एक बार में दो वर्ष तक रूकने के लिए स्टे वीजा/नागरिक परमिट जारी कर सकती है।
[२]12 साल तक के अथवा 65 साल से अधिक की आयु के अफगानिस्तानी नागरिकों को पुलिस में इत्तिला देने से छूट मिलेगी।
[३]कुछ अन्य वर्गों के लोगों को भी अपने आगमन पर पुलिस में इत्तिला देने से छूट मिलेगी। इनमें अफगानी छात्र, रोगी, थोड़ी अवधि के लिए आए पर्यटक, व्यावसायी, बुद्धिजीवी और जाने-माने लोग शामिल हैं।
दिल्ली स्थित विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) में आने वाले अफगानी नागरिकों के लिए सुविधाएं और बढ़ा दी गई हैं। इन सुविधाओं का दुरूपयोग रोकने के लिए यहां बायोमीट्रिक नामांकन और फोटोग्राफी की व्यवस्था की गई है।
Archive for: June 2014
अफगानियों को भारत में दो वर्ष तक रूकने के लिए विशेष स्टे वीजा/नागरिक परमिट
चिकित्सकों के लिए पहली जुलाई शपथ दोहराने का दिन:राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस:डॉ.हर्षवर्धन
चिकित्सकों के लिए पहली जुलाई शपथ दोहराने का दिन:राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस:डॉ.हर्षवर्धन
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज कहा कि देश के सभी चिकित्सकों का यह कर्तव्य है कि वे अपने समय के महान चिकित्सक और राजनीतिज्ञ डॉ बिधान चन्द्र रॉय के सपने को पूरा करें। उन्होंने कहा कि चाहे वह एलोपैथिक चिकित्सक हो या पारंपरिक और घरेलू चिकित्सा प्रणाली द्वारा उपचार करने वाला चिकित्सक हो, उन सबको डॉ बिधान चन्द्र रॉय के विचारों को याद करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि डॉ रॉय को 1961 में उनके जीवन काल में भारतरत्न से विभूषित किया गया था।
डॉ हर्षवर्धन राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (01 जुलाई) की पूर्व संध्या पर चिकित्सक बिरादरी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज का दिन डॉक्टरों के लिए शपथ दोहराने का दिन है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमारे देश में डॉक्टर अध्यापकों के रूप में, सशस्त्र बलों, गैर सरकारी और स्वयंसेवी क्षेत्रों तथा पूरे देश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कठिन परिस्थितियों में भी काम करने में पीछे नहीं हैं। उन्होंने डॉक्टरों को उनकी कर्तव्यपरायणता के लिए सलाम किया और कहा कि आपदा के समय हमारे देश के डॉक्टर अपने जीवन की परवाह न करते हुए भी सेवा करते हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते उनका यह कर्तव्य है कि वे स्वस्थ जीवन शैली को प्रोत्साहन देकर देश से बीमारियों का भार कम करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें निर्देश दिया है कि अनुसंधान, अभिनव प्रयोगों और आधुनिक प्रौद्योगिकी के जरिए स्वास्थ्य क्षेत्र में आमूल परिवर्तन किया जाए। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार हमारे यहाँ आबादी के अनुपात में चिकित्सों की संख्या काफी कम है, इसलिए पहले की अपेक्षा भारत को अधिक डॉक्टरों की जरूरत है।
ब्रिटिश एयर वेज़ ने उस्ताद अमजद अली खान की “गंगा” सरोद को अब खो ही दिया
ब्रिटिश एयर वेज़ ने मशहूर भारतीय सरोदवादक उस्ताद अमजद अली खान की “गंगा” सरोद को ही अब खो ही दिया|
भारतीय सरोदवादक उस्ताद अमजद अली खान ब्रिटिश एयर वेज़ की एक फ्लाइट में फर्स्ट क्लास में सफर कर रहे थे |लंदन से दिल्ली आते हुए ब्रिटिश एयरवेज के विमान से उनका सर्व प्रिय सरोद “गंगा” खो गया। वह इस सरोद का इस्तेमाल 45 वर्षों से कर रहे थे।इससे पूर्व इनके साथ १९९७ में भी ब्रिटिश एयरवेज में सफर के दौरान ऐसा ही अप्रिय हादसा हुआ था उस समय उनका वाद्य यंत्र तोड़ दिया गया था|
पद्म विभूषण से सम्मानित खान अपनी पत्नी सुभालक्ष्मी के साथ लंदन गए थे जहां उन्होंने डेरटिंगटन कॉलेज में बीते 21 जून को रवींद्रनाथ ठाकुर को लेकर आयोजित यादगार समारोह में सरोद वादन किया।
वह 28 जून की रात दिल्ली लौट आए। ट्विटर पर अपनी व्यथा को उन्होंने इस प्रकार ट्वीट किया है आफ्टर डेमेजिंग माय सरोद इन 1997, ब्रिटिश एयरवेज नाउ मिसप्लेसस माय सरोद . 48 हॉर्स एंड आई स्टिल वेट ….
After damaging my Sarod in 1997, British Airways now misplaces my Sarod. 48 hours and I still wait anxiously for..
गौरतलब है कि .बीते साल की मई में विश्व प्रसिद्द तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का एतिहासिक तबला गायब कर दिया गया था
इससे पूर्व भी एयर फ्रांस एयर लाइन्स में इस्ताम्बुल में ही पंडित रवि शंकर के दो सितार तोड़ डाले गए थे |
लगता है की गोलियों की गड गडाहट के बीच संगीत के सुर बेमानी होते जा रहे हैं
तभी अब विश्व को अपने मधुर संगीत से मंत्र मुग्ध करने वाले विख्यात संगीतकारों के महत्वपूर्ण वाद्य यन्त्र गायब किये जाने लगे हैं|
यह अपने आप में आश्चर्यजनक इसीलिए है कि सबसे सुरक्षित मानी जा रही विमान सेवाओं में यह हो रहा है और वीभत्स भी है क्योंकि यह एक वर्ग या धर्म विशेष के नाम वाले कलाकारों के साथ हो रहा है|
संगीत का अपना कोई धर्म या मजहब नहीं होता संगीत तो केवल संगीत है| अच्छा संगीत अमरत्व प्राप्त करता है| शायद इसीलिए भारत में तो संगीत और संगीत कारों की पूजा भी होती है लेकिन एयर लाइन्स और नियामक द्वारा इनकी सुरक्षा करने के बजाय अतिरिक्त शुल्क ही वसूला जा रहा है
राधा गोविन्द ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में साईसं क्विज से विज्ञान के प्रचार एवं प्रसार को बढ़ावा
[मेरठ]राधा गोविन्द ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में आयोजित साईसं क्विज में विज्ञान के प्रचार एवं प्रसार को बढ़ावा दिया गया|
राधा गोविन्द ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस[ RGGI ] में आज [३० जून] 12वीं कक्षा के विज्ञान वर्ग के विद्यार्थियों के लिये विज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
४५ मिनट की इस साईस क्विज मे विभिन्न स्कूलो के 100 से ज्यादा छात्र-छात्राओ ने भाग लिया
[१] प्रथम पुरुस्कार एम.पी.जी.एस की छात्रा वृन्द्रा शर्मा ने जीता ।
[२] द्वितीय पुरुस्कार एस.डी. सदर के पीयूष दूबे ने जीता
इस अवसर पर कालिज के निदेशक प्रो. इकराम हुसैन ने सभी प्रतिभागियों को प्रकृति के माध्यम से साईस को समझने की प्रेरणा दी
आयोजन में कालेज के डीन प्रो. राजेश तिवारी + प्रो. सिम्मी गुरुवारा+ डा. अमित शर्मा+ प्रो. अशोक राजपूत+प्रो. अरविन्द सिहं+ प्रो. अतुल शर्मा+ प्रो. माधव सारस्वत+प्रो. दिलीप+ प्रो. सौरभ गोड का विशेष योगदान रहा।
विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओ को प्रमाण पत्रों के आलावा क्रमशः पाँचहजार , तीन हजार एवं दो हजार की पुरस्कार धनराशि प्रदान की गयी।
गौरतलब है कि इस वर्ष सरकार के विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के लिये ‘‘फौसटरिंग साइंटिफिक टैम्पर’’ थीम रखा है।
इस क्विज का उद्देश्य विज्ञान के प्रचार एवं प्रसार को बढ़ावा देते हुए बच्चों में वैज्ञानिक सोच एवं समझ को विकसित करना है|
नरेंद्र मोदी का पी एम के रूप में श्री हरिकोटा में दिया भाषण इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया ने बिना ब्रेक लाइव दिखाया
इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया ने आज फिर नरेंद्र मोदी का आधे घंटे से अधिक समय का भाषण बिना ब्रेक दिखाया | नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर बिना ब्रेक के भाषण दिखाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया को मजबूर कर दिया| चुनावी भाषणों के दौरान अनेकों चैनलों द्वारा नरेंद्र मोदी का पूरा भाषण लाइव दिखाया जाता रहा है उस समय कांग्रेस और मीडिया के एक सेक्शन द्वारा इसकी तीखी आलोचना की जाती रही हैयहाँ तक कि प्रसारण में काले धन के उपयोग के भी आरोप लगाये जाते रहे हैं लेकिन आज श्री हरिकोटा में पी एस एल वी -सी २३ की लॉन्चिंग के दौरान दिए गए मोदी के पूरे भाषण को भी मीडिया ने सीधे दिखाया |
अपने भाषण को उन्होंने अंत तक रोचक बनाये रखा |सम्भवत पी एम के रूप में पहली बार इंग्लिश में धारा प्रवाह भाषण की शुरुआत करके हिंदी में भी बोलते रहे|इसरो और प्रक्षेपण के इतिहास की जानकारी देते रहे| नई खबर बनाते रहे और मीडिया+सिनेमा+ का भी बखूबी इस्तेमाल करते रहे |
नॉर्मली हिंदी में भाषण देने वाले श्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत अंग्रेजी में की | पीएम के रूप में इस भाषा में यह उनका यह पहला भाषण था।
व्यवसायिक रॉकेट के सफल लांचिंग के बाद मोदी ने अंग्रेजी में कहा, ‘एक और कामयाब लॉन्च के लिए सभी वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष विभाग को बधाई। आज सभी देशवासियों का ह्दय गर्व से भर उठा है। इस लॉन्च का गवाह बनने के बाद मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। निश्चित तौर पर यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का वैश्विक स्तर पर प्रचार करता है।’ पीएम ने कहा की विज्ञान और तकनीक के मामले में भारत शुरू से ही काफी समृद्ध रहा है।यह अतिआधुनिक तकनीक एक आम आदमी से सीधे तौर पर जुडी है | इससे नई संभावनाओं को का रास्ता खुलता है।अकबर के नव रत्नों में से एक राजा टोडर मल के बाद अब इस अंतरिक्ष तकनीक की वजह से देश में भूमि प्रबंधन व्यवस्था में भी सुधार हो रहा है।
पी एम ने चुनावों के दौरान जुमला ‘ये दिल मांगे मोर।’ का उपयोग किया था लेकिन तब कांग्रेस और “आप” पार्टी द्वारा उनकी बेहद आलोचना की गई थी यह जुमला एक पेय उत्पाद के लोक प्रिय विज्ञापन से लिया गया था | मोदी ने इस जुमले का आज फिर इस्तेमाल करते हुए कहा कि आप सार्क देशों के लिए सैटेलाइट लॉन्च कीजिए। उन्होंने कहा, ‘हमें अपनी तकनीक और तरक्की को उन लोगों के साथ भी साझा करना चाहिए जिनको इनका लाभ नहीं मिल रहा है। सार्क देशों की गरीबी जगजाहिर है और हमें उनके कल्याण के लिए भी काम करना चाहिए।’ मोदी ने कहा कि भारत के पास ऐसी ताकत है कि वह दुनिया के लिए उपग्रहों को लॉन्च सेवा प्रदान करने वाला देश बन सके और हमें इस दिशा में काम करने की जरूरत है।
नरेंद्र मोदी ने फिल्मो के प्रति अपने प्रेम को उजागर करते हुए बताया कि हॉलीवुड की एक फिल्म ग्रैविटी को बनाने में जितना खर्च आया है, भारत के मंगल अभियान का खर्च उससे भी कम आया है।
पी एम ने PSLV-C23 सफल व्यवसायिक उड़ान की बधाई दी,सार्क देशों के कल्याणार्थ उपग्रह बनाने को भी कहा
नरेंद्र मोदी आज श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी23 की सफल व्यवसायिक उड़ान के गवाह बने |उन्होंने पड़ोसी देशों के कल्याण के लिए “एक कृत्रिम उपग्रह बनाने को भी कहा |अंग्रेजी तथा हिंदी दोनों भाषाओं के मिले-जुले भाषण में पी एम श्री मोदी ने भारतीय वैज्ञानिकों की कई पीढ़ियों की तपस्या का जिक्र किया और कहा कि उपनिषद से उपग्रह तक की यात्रा एक लंबी यात्रा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के दौरे के समय वे वैज्ञानिकों की चार पीढ़ियों से मिले हैं।नरेंद्र मोदी २९ जून को ही श्री हरिकोटा पहुँच गए थे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीहरिकोटा से पोलर सेटेलाईट लॉंच वेहिकल- पीएसएलवी-सी23 का सफल प्रक्षेपण देखा।
मिशन कंट्रोल सेंटर से अपने बधाई संदेश में उन्होंने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हासिल महारथ को सामाजिक परिवर्तन, आर्थिक विकास तथा संसाधनों के संरक्षण के लिए पूरी तरह से उपयोग करने को भी कहा | भारत को भारत की वसुधैव कुटुम्बकं की प्राचीन मान्यताओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम मानवता की सेवा के उद्देश्य से प्रेरित है, न कि शक्तिशाली बनने के उद्देश्य से। उन्होंने कहा कि विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की एक उज्ज्वल परम्परा है, जिसमें अंतरिक्ष विज्ञान भी शामिल है। श्री मोदी ने कहा कि भास्कराचार्य तथा आर्यभट्ट जैसे प्राचीन भारत के महान वैज्ञानिक कई पीढ़ियों को प्रेरित कर रहे है। उन्होंने कहा कि भारत को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लाभ विकासशील देशों, विशेषकर पड़ोसी देशों के साथ सांझा करना चाहिएं। उन्होंने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे सार्क देशों के लिए कृत्रिम उपग्रह तैयार करें, जिसकी सेवाएं अपने पड़ोसी देशों को भारत की ओर से एक उपहार के तौर पर दिया जाए।
श्री मोदी ने कहा कि पूरी तरह से स्वदेशी भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय दबाव तथा बाधाओं के बीच विकसित हुआ है। चंद्रमा मिशन पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सोच से प्रेरित था। उन्होंने कहा कि मंगल मिशन तथा उपग्रह आधारित नौ-वहन इन दिनों चल रही परियोजनाओं में से एक हैं।
आम आदमी के लिए अंतरिक्ष तकनीकी के लाभ का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे आधुनिक संचार-व्यवस्था संभव है, सुदूर गांवों में बच्चों को स्तरीय शिक्षा प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाया जा सकता है तथा टेलीमैडिसन द्वारा बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकती है। डिजीटल भारत के हमारे स्वप्न को साकार करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है|
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर विकास हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने अत्याधुनिक उपग्रहों के विकास तथा सेटेलाईट फुटप्रिन्ट बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि भारत के पास विश्व के लिए सर्विस प्रोवाईडर प्रक्षेपित करने की क्षमता है और इस उद्देश्य की ओर काम करना होगा।
प्रधानमंत्री ने भारत के युवा वर्ग को अंतरिक्ष कार्यक्रमों से जोड़ने का आह्वान किया। श्री मोदी ने कहा कि श्रीहरिकोटा में युवा वैज्ञानिकों को मिलकर तथा उनके काम एवं उपलब्धियों को देखकर वे बेहद खुश हुए। उन्होंने डॉ. के. राधाकृष्णन के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए उनकी सोच का पैमाना, उसकी गति तथा कौशल इत्यादि बेहतरीन है। कुछ ही महीनों में मंगल ग्रह की कक्षा में हमारे वायुयान को स्थापित करने में जुटे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को उन्होंने अपनी शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल श्री नरसिम्हन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडू, संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री श्री वैंकेय्या नायडू, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, अंतरिक्ष-सचिव डॉ. राधाकृष्णन, तथा प्रो. यू.आर. राव और डॉ. कस्तूरीरंगन जैसे वरिष्ठ वैज्ञानिक उपस्थित थे।
गौरतलब है के अंतरिक्ष यान ने सोमवार को सुबह 9:52 बजे उड़ान भरी। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा में मौजूद थे।
पीएसएलवी की यह 27वीं उड़ान है। पीएसएलवी ने अपने साथ सी23 जर्मनी, फ्रांस, सिंगापुर, कनाडा के उपग्रह लेकर उड़ान भरी।
पीएसएलवी-सी23 का प्रक्षेपण देखने के लिए मोदी रविवार शाम को ही श्रीहरिकोटा पहुंच चुके थे। एनडीए के सरकार के सत्ता में आने के बाद यह इसरो का पहला अंतरिक्ष अभियान है।
नरेंद्र मोदी ने बताया कि देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक ऐसा समय भी आया था, जब रॉकेट साइकिल पर ले जाए थे और आज एक लंबी दूरी तय करते हुए हम अंतरिक्ष कार्यक्रम के क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष छह देशों की कतार में शामिल हो चुके हैं।वेदों की ऋचाओं में वर्णित विज्ञानं को आज के वैज्ञानिकों ने साकार करके उपग्रह तक पहुंचा दिया है |
फोटो कैप्शन [१]The Prime Minister, Shri Narendra Modi addressing after the successful launch of PSLV – C 23, at Sriharikota, in Andhra Pradesh on June 30, 2014.
The ISRO Chairman, Dr. K Radhakrishnan is also seen.
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपा नन्द जी महाराज कहीं मोदी पक्ष में हुए हिन्दू ध्रुवीकरण से दुबले तो नहीं हुए जा रहे
झल्ले दी झल्लियां गल्लां
कांग्रेसी संत
ओये झल्लेया हसाड़ी सुश्री उमा भारती ने शिर्डी वाले विधर्मी साईं बाबा की उपासना करके राम भक्त होने का अधिकार खो दिया है|हसाडे पूज्य शंकराचार्य स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज ने भी धर्मादेश[फतवा] जारी करके कह दिया है कि भाजपाई केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने साईं पूजा की साईं को २५ वें अवतार के रूप में मान्यता दिलाने को चल रहे अभियान को समर्थन दिया |इसीलिए उनका राम मंदिर अभियान फ्लॉप हो गया| अब वोह साईँ बाबा के समर्थन में शंकराचार्य जी के खिलाफ खड़ी होने लग गई हैं |उमा से अब स्वयं भगवान राम भी नाराज हो गए हैं|इसीलिए संत समाज ने हरिद्वार में गंगामैय्या में डुबकी लगा कर उमा भारती का इस्तीफा मांग लिया है|
झल्ला
चतुर सुजाण जी पुरानी कहावत है कि “कहना बेटी को और सुनाना बहु को” सो पूज्य शंकराचार्य जी ने बेशक उमा भारती पर निशाना साधा है लेकिन उनका टारगेट तो भाजपा की केंद्र में मोदी सरकार ही है |भूल गए एक पत्रकार ने जब नरेंद्र मोदी के पी एम बनने की सम्भावनों पर प्रश्न किया था तब उस बेचारे को शंकराचार्य जी का थप्पड़ नसीब हुआ था इस थप्पड़ गूँज बेशक मोदी कि जीत में खो गईलेकिन अब मोदी के पक्ष में बहु संख्यकों के ध्रुवीकरण से कांग्रेस और उसके सहयोगी संत समाज में चिंता होना स्वभाविक ही है| ऐसे में अब उमा भारती ने अपने पिता तुल्य मगर कांग्रेस के हितेषी कहे जाने वाले शंकराचार्य जी को पत्र लिखा है तो उसका रिएक्शन तो होना ही था|
नरेंद्र मोदी ने नए सांसदों को कांग्रेस पक्ष के स्टिंग ऑपरेटरों+न्यूज़ ट्रेडर्स के कैमरों से बचने के गुर सिखाये गए
झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ
कांग्रेसी चिंतक
ओये झल्लेया ये भाजपाइयों को क्या हो गया ?ओये एक चुनाव जीतने से ही इनके तो दिमाग सातवें आसमान पर उड़ने लग गए| देख तो कहने को तो इन्होने सूरज कुण्ड में दो दिन के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया |उसमे सांसदों को संसद में उठक बैठक करने के नियम बताये |लेकिन वास्तव में मोदी की महिमा को ही महिमा मंडित किया गया |
लाल कृष्ण अडवाणी जैसे वयोवृद्ध भी अपने सर की सफेदी को भूल कर अपने “लल्ला” मोदी के गुण गान करते नहीं थके |अडवाणी ने तो मोदी को ट्रिपल सेंचुअरी मारने वाला एक मात्र कैप्टन तक बता दिया|ओये ऐसे दिया जाता हैसांसदों को प्रशिक्षण ?
झल्ला
ओ मेरे चतुर सुजान |सुन मेरी बात दे कर ध्यान |ये सब तो कैमोफ्लेज है |असल में सांसदों को सोशल मीडिया की तरफ धकेल कर इन्हें कांग्रेस के पक्ष वाले स्टिंग ऑपरेटरों+न्यूज़ ट्रेडर्स के कैमरों से बचने के गुर सिखाये गए हैं|
रमजान के पवित्र महीने में सफाई+बिजली+पेयजल की व्यवस्था को बेहतर रखने के निर्देश:बिहार
बिहार के मुख्य मंत्री जीतन राम मांझी ने रमजान के पवित्र महीने में सफाई+बिजली+पेयजल की व्यवस्था को बेहतर रखने के निर्देश दिए|
मुख्य मंत्री मांझी ने आज रमजान के पवित्र महीने के प्रारम्भ होने के पूर्व राज्य वासी विशेष कर मुस्लिम समुदाय को दिली मुबारकबाद दी और देश और राज्य की तरक्की के लिए साम्प्रदाइक सौहार्द के लिए खुदा से दुआ की |
मुख्य मंत्री ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस मुक़द्दस महीने में रोजेदारों की समस्यायों पर विशेष ध्यान दें| रोजेदारों के इस कठिन अनुष्ठान की अदायगी के लिए हर मोहल्ले में साफ़ सफाई+बिजली+पेयजल का बेहतर प्रबंध करें|
मुलायम सिंह यादव+अखिलेश यादव ने रमजान की मुबारकबाद दी
मुलायम सिंह यादव+अखिलेश यादव ने रमजान की मुबारकबाद दी
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव+प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रमजान की मुबारकबाद दी
मुलायम सिंह यादव+अखिलेश यादव ने रहमत + बरकत से भरे रमजान के महीने के प्रारम्भ पर मुस्लिम भाईयों को बधाई दी है। उन्होने कहा है कि मोमिनो को अल्लाह से लगन और प्यार जाहिर करने के साथ खुद को खुदा की राह की सख्त कसौटी पर कसने का मौका देने वाला यह महीना हर बंदे के लिये नेमत है।
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