Ad

Category: Jhalli Gallan

कुदरत एक है , सभी बन्दे भी उसी के हैं , इसीलिए कोई बुरा या अच्छा कैसे हो सकता है?

वर्तमान राजनीति में आ रहे रोजाना के आपत्तिजनक बयानों के परिपेक्ष्य में सेकड़ों साल पहले प्रतिष्ठित श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी की वाणी आज प्रासंगिक और अनुकरणीय है
अवलि अलह नूर उपाइआ कुदरति के सभ बन्दे ।
एक नूर ते सभु जगु उपजिआ कउन भले को मंदे

rakesh khurana कुदरत एक है , सभी बन्दे भी उसी के हैं ,

भाव : परमात्मा सबसे पहले अकेला था । नूर पहले उत्पन्न हुआ । जितने भी बन्दे हैं , सभी उसी नूर से बने हैं यह सारा जग उसी नूर का बना है ,हम सब को एक ही परम पिता परमेश्वर ने बनाया है, तो यहाँ पर कौन अच्छा कौन बुरा हो सकता है ?हर एक जीव उस नूर के जरिये यहाँ आया है । जिसमे प्रभु का नूर बस्ता है , वह बुरा कैसे हो सकता है ? यही तो हमारे लिए समझने की बात है यही सच्ची समझ “विवेक ” है ।
वाणी : श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी
प्रस्तुती राकेश खुराना

झारखंड में भाजपाई अर्जुन मुंडा की सरकार गिरी:सियासी मंच बदलने की तैय्यारी शुरू


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी भाजपाई

ओये झाल्लेया ये कांग्रेस वालों ने क्या सब तरफ गंद फैला रखा है|देखो न अब अच्छी खासी चल रही हसाडी झारखंडी सरकार को केवल २८ महीने में ही गिरा दिया अर्जुन मुंडा को मुख्य मंत्री बनाने वाले जे एम् एम् की सपोर्ट को अपने नीचे लगा लिया है|लेकिन हसाड़े अर्जुन मुंडा ने मैदान बहादुरी से छोड़ा है| कांग्रेस की खरीद फरोख्त की पुरानी आदत की काट के लिए अपने इस्तीफे के साथ विधानसभा भंग करने की सिफारिश भी कर दी है |

झारखंड में भाजपाई अर्जुन मुंडा की सरकार गिरी:सियासी मंच बदलने की तैय्यारी शुरू

झल्ला

ओ सेठ जी इस झारखण्ड की जमीन के नीचे जितनी सम्पन्नता दबी है उससे ज्यादा वहां की विधान सभा में मारा मारी है| २००० से ही 81 सदस्यों वाली विधानसभा में आया राम गया राम का चलन है|अब ये तो आप भी मानोगे कि आपकी सहयोगी इस जे एम् एम् ने केंद्र में आपकी विरोधी सरकार को बचाया है ऐसे में कांग्रेस का भी तो कुछ फर्ज़ बनता है|इसी लिए राज्य में भी दोनों साथ साथ आ गए हैं|इसके अलावा आर जे डी के [५] के अलावा जे डी यूं के[ २ ] भी इनके साथ जा सकते हैं यानि १८+५ +१३ के साथ निर्दलीय[ ६] भी जे एम् एम् कीइ झोली में जा सकते हैं अर्थार्त आपके अर्जुन[मुंडा]के पुनः राजनीतिक बनवास में जाने का समय आ गया है| श्री मान जी जे एम् एम् ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है और अर्जुन मुंडा ने दोबारा चुनाव[२०१४ से पहले] कराने की सिफारिश कर दी है|अब तो गेंद राजभवन के पाले में है|विपक्ष को फेवर करके विधान सभा भंग होती है या फिर केंद्र के समर्थन में जे एम् एम् को सत्ता सौंपी जाती है| ये अगले कुछ दिनों में देखेंगे हम लोग

सारे संसार के पालनहार के पावन चरणों में नमस्कार स्वीकार हो

करता हूँ मैं वंदना , नत शिर बारम्बार ।
तुझे देव परमात्मन , मंगल शिव शुभकार ।
अंजलि पर मस्तक किये , विनय भक्ति के साथ ।
नमस्कार मेरा तुझे , होवे जग के नाथ ।

Amrit vani

भावार्थ : भक्तजन परमात्मा के दरबार में जाकर कहते हैं , हे मंगलमय , कल्याणकारी तथा सदा हमारा शुभ करने वाले परमात्मा आपको हम सिर झुकाकर बार – बार प्रणाम करते हैं ।हमें ऐसा वरदान दो कि आपके चरणों की वंदना , स्तुति में हम सदा लगे रहें जिससे हमारा मंगल हो और हमें सौभाग्य एवं शांति मिले । दोनों जुड़े हुए हाथों के साथ माथा झुकाकर ,दोनों घुटनों को टेककर नम्रता , प्रेम एवं भक्तिपूर्वक भाव से , हे सारे विश्व के स्वामी , सारे संसार के पालनहार , रक्षक “राम” आपके पावन चरणों में हमारा नमस्कार स्वीकार हो ।
श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज द्वारा रचित अमृत वाणी का एक अंश
प्रस्तुति राकेश खुराना

ईश्वर को सभी प्राणियों का ध्यान , चिंता रहती है । वो ही सबका पालनहार है: Amrit Vani

माँगूं मैं राम – कृपा दिन रात,
राम – कृपा हरे सब उत्पात ।
राम -कृपा लेवे अन्त सम्भाल ,
राम -प्रभु है जन प्रतिपाल ।
भावार्थ : जिज्ञासु परमात्मा से प्रार्थना करता है कि मैं आपका बालक आपकी शरण में हूँ । मैं आपकी कृपा हर समय चाहता हूँ क्योंकि राम – कृपा से ही मन की उथल – पुथल एवं चंचलता शांत होती है । जब मन की चंचलता शांत होती है , तब ही परमात्मा के नाम में चित्त लगता है और नाम जपने से ही व्यक्ति राम कृपा का पात्र बनता है ।बाकी सारा धन और पूंजियाँ तो इही लोक की हैं और सांसारिक धन अंत समय में हमारे साथ नहीं जाता , केवल राम नाम का धन ही एक ऐसी पूंजी है जो अंत समय में हमारी रक्षा करती है और हमारे साथ जाती है । ईश्वर को सभी प्राणियों का ध्यान , चिंता रहती है । वो ही सबका पालनहार है ।
श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज द्वारा रचित अमृत वाणी का एक अंश
प्रस्तुति राकेश खुराना

जनता से सीधे संवाद कायम करना तो अब किसी के बस का नहीं रहा इसीलिए ब्यान बाजी का सहारा लिया जाता है


झल्ले दी झल्लियाँ गलां

एक आम नागरिक

ओये झल्लेया ये हसाडे सोणे मुल्क को किस की बुरी नज़र लग गई है जिसे देखो मुह में आग लिए घूम रहा है जहां देखा आग उगल दी जाती है | अभिजित मुखर्जी+शशि थरूर+++कांग्रेसियों के बयानों की आग अभी ठंडी भी नही पड़ी कि अब संघ परिवार भी इस मैदान में कूद पड़ा है|आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत+ एम् पी के नंबर दो के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अपने दिए बयानों को रफ्फू करने में लगे हैं +भाजपा और संघ इन्हें ड्राई क्लीन करके बयानों को नया करने को आगे आई ही थी की मोहन भागवत ने शादी को पति पत्नी के बीच कांट्रेक्ट बता कर फिर से चर्चा छेड़ दी| बड़े मियाँ तो बड़े मियां छोटे मियां भी सुभानल्लाहजी हाँ हिमाचली युवा सांसद अनुराग ठाकुर और महाराष्ट्री मनसे सुप्रीमो राज ठाकरे ने भी अपने लपलपाते मुह खौल दिए हैं| ठाकरे ने तो दिल्ली में चलती बस में हुए सामूहिक दुष्कर्म के लिए दोषियों का राज खोलते हुए सभी बलात्कारियों को बिहारी बता दिया है|ओये ये नेता देश की सेवा को समर्पित हैं या देश को तोड़ने वाले हैं|

जनता से सीधे संवाद कायम करना तो अब किसी के बस का नहीं रहा इसीलिए ब्यान बाजी का सहारा लिया जाता है

झल्ला

भईय्या जी जनता से सीधे संवाद कायम करना तो अब सत्ता या विपक्ष में किसी के बस का नहीं रहा इसीलिए ब्यान बाजी का सहारा लिया जाता है|क्योंकि मीडिया भी अपने नेताओंके भड़काऊ बयानों को नमक मिर्च[चर्चा]लगा कर पेश करने को सदैव आतुर रहता है इसीलिए ये देश तोड़ने वाले ब्यान २४*७ हवा में तैरते रहते हैं|अगर कहीं ज्यादा पंगा हो जाता है तो कांग्रेसियों की तरह बहादुरी से पीछे हट जाते हैं और मीडिया पर ब्यान को तोड़ मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगा कर अपना पल्ला झाड लेते हैं| झल्लेविचारानुसार अभी थोड़ी देर में ही मोहन भागवत +अनुराग ठाकुर और राज ठाकरे के खंडन की बाईट एयर पर आती ही होगी|

सच्चा प्रेमी प्रिय के वियोग में प्राण तक त्याग देता है

जाल परे जल जात बहि , तजि मीनन को मोह ।
रहिमन मछरी नीर को , तऊ न छाडत छोह ।

Rakesh khurana On Sant Rahim Das Ji

अर्थ : जब मछली पकड़ने के लिए नदी में जाल डाला जाता तब मछली जाल में फंस जाती है , और पानी अपनी सखी मछली का मोह त्याग कर आगे निकल जाता है , परन्तु मछली का जल से इतना प्रेम है कि वह पानी के बिना तड़प – तड़प कर मर जाती है ।
भाव : यहाँ कवि ने स्वार्थ और प्रेम की जल और मछली के रूपक से अच्छी व्याख्या की है कि स्वार्थी व्यक्ति का प्रेम सकारण होता है , किन्तु जिसने सच्चा प्यार किया है वह अपने प्रिय के वियोग में अपने प्राण तक दे देता है ।
मछुआरा मछली पकड़ने के लिए पानी में जाल फैलाता है ।मछली उसमें फंस भी जाती है , किन्तु जल तो अपने भीतर रहने वाली मछली का मोह एकदम से त्याग देता है और जाल से निकल जाता है , किन्तु जल के अभाव में बेचारी मछली दम तोड़ देती है ।
संत रहीम दास जी
प्रस्तुति राकेश खुराना

धोनी को धोने से काम नहीं चलने वाला: कप्तान और इसके सलेक्टरों को भी धोबी पाट दिखा ही देना चाहिए


झल्ले दी झल्लियाँ गल्ला

एक क्रिकेट प्रेमी

ओये झल्लेया ये हसाडी क्रिकेट टीम को किसकी काली नज़र लग गई है|देखो ना इंग्लैण्ड के बाद अब पाकिस्तान के हाथों भी अपने देश में ही सिरीज गवां दी |अपने ही घर में धोनी के धाकड़ धाराशाई हो गए| इंग्लैण्ड का सामना करने के समय धोनी ने कोलकत्ता की पिच में दोष का बहाना बनाया| यानि आँगन टेडा बताया | उसके बाद चेन्नई में टास को बेहद महत्वपूर्ण बताया |अब तो टास जीतने के बावजूद हार गए|बुरी तरह हार गए |मै कहूं की शर्मनाक रूप से हार गए |क्या क्रिकेट की दुर्दशा ऐसे ही चलते रहेगी ?देश के नाम को इसी तरह डुबोया जाता रहेगा? मेरी मानो तो अब केवल धोनी को धोने से काम नहीं चलने वाला अब तो यारा ये कप्तान और इसके सलेक्टरों को भी धोबी पाट से बाहर का रास्ता दिखा ही देना चाहिए |

कप्तान और इसके सलेक्टरों को भी धोबी पाट दिखा ही देना चाहिए |

झल्ला

ओ बाऊ साहब जी अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है और हम तो खानदानी जुबानी शेर हैं इसीलिए हमने महमानों को बक्श दिया है मारना है तो उनके घर में घुस कर मारेंगे| और जहाँ तक बात सलेक्टरों की है तो बाबू जी बेचारे मोहिन्द्र अमरनाथ ने धोनी को धोने की कौशिश की तो पहले वर्ल्ड कप की जीत के हीरो बेचारे मोहिन्द्र ही धुल गए और तो और उन्हें ईडन गार्डन में सम्मान के लायक भी नहीं समझा गया| बाबू जी क्रिकेटर की कमाई के कारनामे अपना खेल दिखा रहे हैं|

मायावती के पूर्व केबिनेट सचिव शशांक शेखर पर भी ३००० करोड़ रुपयों के गबन का केस :लो कर लो बात


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी बसपाई

ओये झल्लेया देखो उत्तर प्रदेश में कैसा जुल्म हो रहा है इस सपाई अखिलेशी सरकार से क्राईम तो रुक नहीं रहा |हसाडी लोक प्रिय नेत्री बहन माया वती की मूर्ती तुड़वा कर भी इनका दिल नहीं भरा कि उलटे हसाड़े निर्दोष नेता और बेचारे अफसरों के खिलाफ ही मुकद्दमें दर्ज़ होने लग गए हैं | अब तो हद ही हो गई बेचारे पूर्व केबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह जी पर भी ३००० करोड़ रुपयों के गबन का केस दर्ज़ किया जा रहा है ओये i इतना पैसा इन्होने कभी देखा भी है?

पूर्व केबिनेट सचिव शशांक शेखर पर भी ३००० करोड़ रुपयों के गबन का केस

झल्ला

भोले राम जी पंजाबी में एक पुरानी कहावत है जिन्ना ने खाईयां चुपड़ी ठिड पीड उन्हा दे अर्थार्त जिन्होंने चुपड़ी -चोपड़ी खाई हैं पेट में दर्द तो उनके होना ही है |हाँ न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता जरूरी है

शशि थरूर बनाना चाहते हैं गैंग पीडिता के नाम पर नया कानून


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी भाजपाई

ओये झल्लेया ये कांग्रेसियों ने क्या मज़ाक बनाया हुआ है ?दामिनी तो बेचारी जान से गई और पूरा देश उसके शोक में डूबा हुआ है| लेकिन ये शशि थरूर महाराज उसके नाम का इस्तेमाल करके वाह वाही लूटना चाह रहे हैं|सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार गैंग रेप पीडिता की पहचान उजागर नहीं की जाने चाहिए और ये शशि थरूर जी बलात्कार के आरोपियों को दंड देने के लिए नए कानून[अगर बनता है तो] उसके नाम पर बनाने की वकालत कर रहे है|ओये उसकी निजता का क्या होगा?

शशि थरूर बनाना चाहते हैं गैंग पीडिता के नाम पर नया कानून

झल्ला

ओ सेठ जी हसाड़े बाबा नानक कह गए हैं कि नानक दुखिया सब संसार सो सुखिया जिस नाम आधार अब बाबा जी ने तो अकाल पुरुख [ईश्वर]के नाम को आधार बनाने का उपदेश दिया है मगर आज कल नाम वाले के नाम को कब्जाने का चलन चल निकला है|इस बेचारी गैंग रेप पीडिता के नाम पर स्कूल +पुल+सड़क निर्माण के प्रोपोजल्स हवा में तैरने लग गए हैं|अंग भंग+ फांसी और यहाँ तक की नपुंसकता के दंड दिए जाने के मांग उठ रही है ऐसे में अगर एक मंत्री ने पीडिता के नाम पर कानून बना कर दूसरों से बड़ी लाइन खींच दी तो क्या बुरा किया |वैसे भी अगर कानून व्यवस्था सुधारी ना जासके तो इस प्रकार के टोटके सपोर्टर्स का हौंसला बढाने के काम आते हैं|

कामनाओं से रहित होकर नाम जपने वाले ही ईश्वर की भक्ति का रस लेते हैं

सकल कामना हीन जे , राम भक्ति रस लीन ।
नाम सुप्रेम पियूष हृद , तिनहूं किए मन मीन ।
संत तुलसी दास जी

Rakesh khurana

भाव: संत तुलसी दास जी कहते हैं जो कामनाओं से रहित होकर नाम जपते हैं —मुख्य रूप से मनुष्य चार कामनाओं की पूर्ति के लिए ईश्वर को याद करता है —कोई बीमारी के इलाज के लिए , कोई रूपये के लिए , कोई मान- सम्मान के लिए और कोई मोक्ष प्राप्ति के लिए —– वे कहते हैं कि जो इनसे रहित होकर नाम जपते हैं वो ही सच्चे अर्थों में ईश्वर की भक्ति का रस लेते हैं ।जैसे मछली पानी के बिना नहीं रह सकती , पानी उसका जीवन आधार है ऐसे ही नाम का जाप , ईश्वर की सच्चे मन से आराधना उनका जीवन आधार बन जाता है , वे उसके बिना नहीं रह सकते ।
संत तुलसी दास जी
प्रस्तुती राकेश खुराना