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Category: Jhalli Gallan

सर दर्द होने के आसार बनने लगे तो फ़ौरन ऐनक लगा लो


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

झल्ली

में जब भी कमरे में वडती हूँ आप आँखों पर चश्मा क्यूं लगा लेते हो ? सारी उम्र हो गई मेरे को वेखते हुए अब चश्मा लगा कर ऐसा क्या गौर से देखना ?

सर दर्द होने के आसार बनने लगे तो फ़ौरन ऐनक लगा लो

झल्ला

ओये झल्लिये मेरे को डाक्टर साहब ने नुक्स्हा लिख कर दिया है जिसमे बताया गया है कि जब भी सर दर्द होने के आसार बनने लगे फ़ौरन ऐनक लगा लो

सबकी गठरी में नाम रूपी लाल है, जड़ -चेतन की गांठ खोल कर देख लो

भीखा भूखा को नहीं , सब की गठरी लाल।
गिरह खोल नहीं जानते , ताते भये कंगाल ।
वाणी :- भीखा साहब जी

Rakesh Khurana


भाव : भीखा साहब जी कहते हैं कि सबके पल्ले में ‘नाम’ रुपी लाल बंधा पड़ा है पर उसमे जड़ -चेतन की ग्रंथि (गाँठ) बंधी पड़ी है । जब तक यह गाँठ न खुले , अर्थात पिंड से ऊपर आकर नाम का अनुभव न मिले , हम भूखे के भूखे रह जाते हैं । दौलत के होते हुए भी हम भूखे हैं परन्तु
‘नाम’ को पाकर हम सुखी हो जाते हैं । ‘नाम’ सब में परिपूर्ण है , फिर भी हम दुखी हैं ? वे कहते हैं कि हमने उसे प्रकट नहीं किया है ।
वाणी :- भीखा साहब जी
प्रस्तुति राकेश खुराना

प्रभु की रोशनी की किरण बनने से ज़िंदगी का ध्येय पूरा होगा:संत दर्शन सिंह जी

जो रूह बन के समा जाए हर रगों -पै में ।
तो फिर न शहद में लज्ज़त न सागरे – मैं में ।
वही है साज के पर्दे में , लेहन में , लै में ।
उसी की ज़ात की परछाइयाँ हर इक शै में ।
न मौज है न सितारों की आब है कोई ।

प्रभु की रोशनी की किरण बनने से ज़िंदगी का ध्येय पूरा होगा:संत दर्शन सिंह जी


तजल्लियों के उधर आफ़ताब है कोई ।
संत दर्शन सिंह जी महाराज
भाव: संत दर्शन सिंह जी महाराज फरमाते हैं जब हमारी रूह सिमटती है और प्रभु के शब्द के साथ जुडती है
तो उसमे इतनी मिठास आ जाती है जितनी न तो शहद में है , न मैं के पैमानों में है , वह तो सुरीले संगीत
में मस्त हो जाती है । बाहर के संगीत से उसका कोई मुकाबला नहीं हो सकता । जैसे लहरें समुद्र का हिस्सा
होती हैं , वैसे ही अंतर्मुख होने पर हम उस शब्द का हिस्सा बन जाते हैं , प्रभु में लीन हो जाते हैं । वह मस्ती
न इन सितारों में है , न आसमान में है , न सूर्य में है , न चंद्रमा में है । इस मंडल के पार जो दुनिया है उसका
अपना सूर्य है , उनका इशारा प्रभु की ओर है । प्रभु की रोशनी से ही चारों ओर उजाला है । उस सूर्य की हमें
किरणें बनना है । जब हमारी अंदरूनी आँख इस सूर्य को देखेगी तो हमारी ज़िंदगी का ध्येय पूरा हो जायेगा ।
सावन कृपाल रूहानी सत्संग के संत दर्शन सिंह जी महाराज की रूहानी शायरी
प्रस्तुति राकेश खुराना

जसपाल भट्टी मेरे द्रोणाचार्य थे

सटीक+ मर्यादित व्यंगों के माध्यम से विसंगतियों के विरुद्ध आवाज़ उठाने वाले जसपाल भट्टी के आकस्मिक निधन से हास्य और व्यंग की दुनिया से जुड़े लोगों को गहरा आघात लगा है|में भी उनमे से एक हूँ|में उन्हें द्रोणाचार्य मानकर एकलव्य बन कर उनसे दूर रह कर उनके स्टाईल में लिखने का प्रयास करता रहा हूँ|

जसपाल भट्टी मेरठ में एक फेशन शो में मुख्य अथिति के रूप में व्यंगों की बौछार करते हुए

जालंधर में पोस्टिंग के दौरान आठवें दशक के मध्य में मुझे दूरदर्शन पर भट्टी जी का उल्टा पुल्टा कार्यक्रम देखने का अवसर मिला |जिसे देख कर और लोगों की तरह में भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाया | उस समय जालंधर दूरदर्शन पर कोई विशेष कार्यक्रम नहीं आते थे इसीलिए यह उलटा पुल्टा कार्यक्रम आभाव के रेगिस्तान में मनोरंजन का एक झरना लगता था| शायद इसीलिए इसे एक बार देखा तो हमेशा इस कार्यक्रम की इंतेज़ार रहने लगी| विषय की गहरी सोच+उसमे विसंगती तलाश कर +उसे व्यंग के माध्यम से प्रस्तुत करके विषय में हास्य पैदा करने के उनकी अनूठी कला थी इसका में आज भी कायल हूँ| मेरठ आ कर मैंने लिखना जारी रखा मगर मैंने भी भट्टी जी की तरह विसंगतियों को विषय बनाया और उनमे व्यंग का पुट देना शुरू कर दिया|मेरे व्यंग को नाम दिया गया| हिंदी में लिखे इस व्यंग में पंजाबी तड़का लग ही जाता था इस कालम को नाम दिया गया झल्ले दी गल्लां \यह लोक प्रिय हुआ | लगभग २० साल पहले भट्टी जी एक फेशन शो में मुख्य अथिति के रूप में मेरठ आये \उस समय में यह सोच कर हैरान था कि भट्टी जी जैसी शख्सियत का फेशन शो में क्या काम मगर यहाँ भी उन्होंने अपना स्टाईल दिखा कर सबका भरपूर मनोरंजन किया|यूं तो उन्होंने अपने मुख्य अथिति के भाषण में अपने तमाम सीरियलों के नामो को जोड़ा मगर आदतन एक डायलाग भी बोल गए ” लगता है कि अब गली मोहल्लों और गावों में भी फेशन शो हुआ करेंगे” दरअसल उस समय फेशन शो बड़े शहरों में ही हुआ करते थे मेरठ जैसा[ उस समय] छोटा शहर फेशन शो के आयोजकों को आकर्षित करने में सक्षम नहीं था|ऐसे में भट्टी जी को भी आश्चर्य हुआ होगा कि मेरठ में फेशन टेक्नालोजी का स्कूल चलाने वाली श्रीमती मालिक ने इतना बड़ा फेशन शो कैसे आयोजित कर डाला सो उन्होंने फेशन शो की बड़ती लोक प्रियता को निशाना बना ही दिया|

रजत गुप्ता अगर भारत में आ जाते तो बाल भी बांका नहीं होता ,उलटे मंत्री बन जाते


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक एन आर आई

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है?हम लोग अपना मुल्क छोड़ छाड़ कर यहाँ आते हैं और यहाँ के विकास के पहिये को आगे बढ़ाते है मगर यार ये गोर लोग हमारे आदमियों को ही निशाना बनाते रहते हैं|पहले हसाड़े सोने संजय बहल को जेल में सड़ने को डाल दिया और अब रजत गुप्ता को दो साल की जेल और जुर्माने के बाद भी एक साल की निगरानी की सजा सुना दी है| बेशक ये लोग कोई धर्मात्मा नहीं हैं मगर इंटेलिजेंट+कर्मठ +विकास शील और बुद्धिजीवी जरूर हैं| इन्हें जेल में सड़ाने के बजाये इन्हें समाज सेवा के लिए किसी अन्डेवेलोप स्टेट में भेज देते इन्होने वहां विकास कर देना था साथ ही इनकी सजा भी पूरी हो जाती|

रजत गुप्ता अगर भारत में आ जाते तो बाल भी बांका नहीं होता

झल्ला

हांजी बात तो आप ठीक ही कह रहे हो इनके साथ ज्यादती ही हुई है| एक ही साल के ट्रायल में में दो साल की सजा सुना दी गई|लेकिन में तो शुरू से कहता आ रहा हूँ कि भारत में आ जाओ तीन चार साल तक तो आरोप प्रत्यारोप में ही बीत जाते इतने में मंत्री बनने के सारे गुण आ जाते| फिर तो तुम्हारा कोई बाल भी बांका नहीं कर पाता | सी डब्लू जी +२ जी+कोयला+वढेरा+डी एल ऍफ़ +सलमान खुर्शीद और नितिन गडकरी के अलावा डी एम् के सपा +बसपा + लालू प्रसाद यादव जैसे अनेकों उदहारण हैं इनका कुछ हुआ है क्या?मुकद्दमा तो छोड़ो कोई जाँच तक के लिए तैयार नहीं है|अब इन्हें देख कर भी अगर आप कुछ सीखना नहीं चाहते तो सड़ो विदेश की जेल में|

अरविन्द केजरीवाल को लेटरों के बोझ से तो दबा ही देंगें


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक चीयर लीडर कांग्रेसी

ओये झल्लेया देखा हसाड़े कमांडरों का कमाल+ कर दिया अरविन्द केजरीवाल का बुरा हाल+ हुन नहीं रहना उसका कोई हवाल+

जल्द खत्म हो जाएगा उसका सारा जलाल |हसाड़े राजा जी दिग्विजय सिंह वाले २७ सवालों के भामबढ भूसे से ये केजरीवाल अभी तक निकल नहीं पाया है कि अब हसाड़ी सोणी दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित ने केजरीवाल पर अपराधिक मानहानि का दावा कर दिया है\ अब देखना ४८ घंटों के बाद केजरीवाल जमीन+बिजली +कोयला+पानी को भूल कर जेल की सलाखें गिन रहा होगा|

अरविन्द केजरीवाल को लेटरों के बोझ से तो दबा ही देंगें

झल्ला

हाँ मेरे चतुर सुजान जी वाई पी सिंह+दिग्विजय सिंह+एनी कोहली के बाद अब शीला दीक्षित से और कुछ हो या न हो लेकिन इस बेचारे को बोझ से तो दबा ही देंगें

हरियाणा में डी एल ऍफ़ ,राबर्ट लैंड स्कैम की जांच के लिए तीन अफसरों की कमेटी बैठा दी है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया अब देख लिया ना कि किस तरह हसाडी पार्टी और सिरमौरों को बदनाम करने के लिए जेहाद छिड़ा हुआ है|आये दिन प्रधान मंत्री+राबर्ट वढेरा+सलमान खुर्शीद के बाद अब सोणे राहुल गाँधी को भी ख्वाह्मखाह जमीन घोटाले में घसीटा जाने लगा है| लेकिन हमने भी कच्ची गोलियां नहीं खेली |हमने भी हरियाण में अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व कृष्ण मोहन की अध्यक्षता में तीन अफसरों की कमिटी बैठा दी है|इसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव के के जालान वित्तायुक्त प्रधान सचिव राजन गुप्ता भी इन्क्लुड किये गए हैं|हुन हो जाणा है दूध का दूध और पानी का पानी के साथ इन कलयुगी जेहादियों का मुह काला

झल्ला

हरियाणा में डी एल ऍफ़ ,राबर्ट लैंड स्कैम की जांच के लिए तीन अफसरों की कमेटी बैठा दी है

ओये मेरे चतुर सुजान जी लगता है कि आपने पाले हुए दोस्तों की नादानी देखी नहीं|[१]मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कह दिया कौन सी जमीन हमने कोई जमीन नहीं दी[२]नेताओं की लम्बी फौज ने कहा कि हरियाणा में कोई घोटाला हुआ ही नहीं [३] उपायुक्त मीणा[४] आदि आदि ने डी एल ऍफ़ और राबर्ट वढेरा की डील को जायज़ ठहरा दिया है| ऐसे हर कोई अधिकारी अशोक खेमका जैसा सीटी बजाने वाला नहीं होता \अब आप जी ने जांच कमेटी बैठा डी है आहार खड़ी रहती तो भी कोई बात बन सकती थी |इसीलिए जब तक इस कमिटी की रिपोर्ट आयेगी तब तक तो ये सारी चिड़ियाएँ खेतों को चुग चुकी होंगी|

प्रभुजी मेरे औगुन चित न धरो

प्रभुजी मेरे औगुन चित न धरो ।
समदरसी है नाम तिहारो , अब मोहिं पार करो ।
महाकवि संत सूरदास

प्रभुजी मेरे औगुन चित न धरो

भाव : महाकवि संत सूरदास कहते हैं हे प्रभु , आप मेरे पिता हैं और मैं तो एक बालक हूँ। बालक तो अक्सर गलतियाँ करता रहता है ।
कृपया आप मेरी गलतियों पर ध्यान न दें । आप तो सबको एक नजर से दखते हैं । आप के अन्दर तो समभाव है । हम माया
के जाल में फँसे हुए हैं , हे प्रभु आप से प्रार्थना है कि आप हमें इस चौरासी लाख जियाजून के चक्कर से निकालिये । मूलरूप से
हम प्रभु का ही अंश हैं , हम सब चाहते हैं कि वापस परमात्मा में जाकर लीन हो जायें ।
सूरदास जी को महाकवि[सूर सूर ] कहा जाता है इनकी संगीत मय कृष्ण भक्ति से समकालीन बादशाह अकबर भी इनके भजनों के कायल थे|महा कवि ने कृष्ण भक्ति में जीवन गुजार दिया| जीवन के अंतिम समय में इन्होने कृष्ण जन्म भूमि पर कृष्ण के भजन गा गा कर मौक्ष प्राप्त किया
प्रस्तुति राकेश खुराना

जूलिया गिलार्ड गिरी नहीं बल्कि पुष्प चडाने से पहले महात्मा जी को दंडवत किया


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक गाँधी वादी चिन्तक

ओये झल्लेया ये तो अनर्थ हो गया ओये ये आस्ट्रेलिया की प्रधान मंत्री जूलिया गिलार्ड जी हसाडे मुल्क में मात्र तीन दिन के लिए आई|प्रोटोकोल का पालन करते हुए राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रधा सुमन अर्पित करने भी पधारी मगर इन व्यवस्थापकों ने वहां घास वाले मैदान को उबड़ खाबड़ करके रख छोड़ा है | उसमे स्टिलेतोस पहने बेचारी जूलिया झटके से गिर गई |अब पूरा विश्व मज़ाक उड़ा रहा है | कहा जा रहा है कि जूलिया राजघाट पर आई तो थी महात्मा जी से राम राम करने और खोदन लगी घास| वैसे एक बात तो है कि हर घटना कोई न कोई सन्देश देकर ही जाती है|अब देखो डाक्टर भी कहने लगे हैं की हाई हील वाले जूतों से तमाम तरह की पैर घुटनों में परेशानी हो जाती है|इसीलिए इन लेड़ीज को अब हाई हील या स्टिलेतोस वाले जूतों से +सैडलों से तो तौबा कर ही लेनी चाहिए |

जूलिया गिलार्ड गिरी नहीं बल्कि पुष्प चडाने से पहले महात्मा जी को दंडवत किया

झल्ला

ओ बौऊ जी जूलिया गिलार्ड गोरी है प्रधान मंत्री है उसे व्यापार की भी चिंता है| इसीलिए समझदार है +अक्लमंद है| उसे कांग्रेस के शासन में गाँधी के उपयोग के महत्त्व का ज्ञान है| अब चूँकि भारत को महाविनाशक युरेनियम देकर महात्मा गांधी के उद्देश्यों का मजाक उड़ाया जा रहा है इसीलिए जूलिया ने राजघाट पर पुष्प चडाने से पहले महात्मा जी को दंडवत करके अपने किये की क्षमा माँगी है| इससे गद गद कांग्रेसी आस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों के साथ हो रही बदसलूकी को भूल जायेंगे|

संतों को तो पूजते हैं लेकिन संतों के कल्याणकारी उपदेशों को नहीं मानते

अमृतमयी प्रवचनों की वर्षा करते हुए पुज्यश्री भगत नीरज मणि ऋषि जी नें आज राम के नाम में निहित सभी प्रकार के आनंद के रहस्य को उजागर करते हुए कहा , कि
” राम में आनंद है, राम परमानन्द है” मनुष्य सुख, चैन, प्रसन्नता , सांसारिक संपदाओं में ढूंढता है, उसे प्रसन्नता तो मिलती है
परन्तु वह क्षणिक होती हैं जबकि परम आनंद तो प्रभु के नाम में है । राम के नाम की पूँजी से हमें स्थायी प्रसन्नता मिलती है ।
हम ज्ञानहीन मनुष्य वास्तु कहीं पड़ी होती है और ढूंढते कहीं और हैं । संतजन समझाते हैं की बार-बार सत्संगों में आया करो,
संत अपने जप- ताप के बल से आपके ह्रदय में प्रभु के नाम की ज्योति जलाकर आलोकिक प्रकाश उत्पन्न कर देंगे। पर हम अज्ञानी

संतों को तो पूजते हैं लेकिन संतों के कल्याणकारी उपदेशों को नहीं मानते

जीव संतों को तो मानते हैं परन्तु संतों की बात नहीं मानते । हमारे मन पर जन्मों-जन्मों से अज्ञान, मोह, माया के अनगिनत परदे
पड़े हैं जिसके कारण हम प्रकाश का अनुभव नहीं कर पाते । धीरे-धीरे नाम जपते जपते परदे हटते रहते हैं और हम प्रकाश का आनंद
लेना शुरू कर देते हैं । हम जितना – जितना प्रभु के समीप आते हैं हमें आनंद, प्रसन्नता, सुख, चैन का अनुभव होता रहता है ।
इससे पूर्व पूज्य श्री भगत जी ने रात्रि सत्संग का शुभारम्भ माता की पावन ज्योति प्रज्ज्वलित करके किया| । गुरु वंदना एवं गणेश वंदना के पशचात भगत जी नें माता की भेटों द्वारा माँ भगवती का गुणगान किया। श्रधालुओं से खचा खच भरा सभागृह तालियों की थाप से गूँज उठा । माता रानी के जयकारों से सारा वातावरण भक्तिमय हो गया।
गौर तलब है कि लालकुर्ती स्थित श्री शक्तिधाम मंदिर , लालकुर्ती में पिछले 24 वर्षों से नवरात्री महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है| मातारानी के स्वरुप के दर्शन करने तथा पुज्यश्री भगत नीरज मणि ऋषि जी के श्रीमुख से भजन, भेटें एवं दिव्य प्रवचन श्रवण करने हेतु मेरठ तथा आस-पास के क्षेत्रों से भारी संख्या में भक्तजन मंदिर में एकत्र होते हैं। श्रधालुओं को लाने लेजाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है|
प्रेषक :श्री शक्ति धाम मंदिर का सेवक राकेश खुराना