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Category: Jhalli Gallan

किंग फिशर के एयर क्राफ्ट्स रिलीज करने से एयर पोर्ट अथोरिटी ने इंकार किया

किंग फिशर एयर लाइंस से कर्जा वसूलने के लिए एयर पोर्ट आथोरिटी आफ इंडिया ने एयर लाइंस द्वारा लीज पर लिए गए एयर क्राफ्ट्स को रिलीज करने से इनकार कर दिया है|
विजय माल्या की किंग फिशर एयर लाइंस ने छ एयर क्राफ्ट्स लीज पर लिए थे ये सभी चेन्नई एयर पोर्ट पर पार्क किये गए हैं| कंपनी द्वारा फरवरी माह से कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया है |लीज का किराया नहीं दिया गया है इसके साथ ही एअरपोर्ट आथोरिटी को लेंडिंग & पार्किंग फीस की एवज में ३०० करोड़ रुपये भी नहीं दिए गए हैं| दिवालिया होने की कगार पर आ चुकी कंपनी से एयर क्राफ्ट वापिस लेने के लिए लीजर्स ने एयर पोर्ट आथोरिटी को नोटिस देकर अपने एयर क्राफ्ट्स जल्द रिलीज करने को कहा है \ एयर पोर्ट अथोरिटी द्वारा यह कह कर इनकार कर दिया गया है कि कंपनी पर उसकी ३०० करोड़ रुपयों की लेन दारी है ऐसे में कंपनी के एयर क्राफ्ट्स को रिलीज नहीं किया जा सकता

जब दिल में ख्याले सनम हो बसा , तो गैर की पूजा कौन करे.

हमारे संत सूफियों ने परमात्मा को अपने अन्दर ही तलाश कर उसकी पूजा को ही असली धर्म बताया है
अपने ही घर में खुदाई है,तो काबे में सजदा कौन करे,
जब दिल में ख्याले सनम हो बसा , तो गैर की पूजा कौन करे.

भावार्थ: सूफी संत बुल्लेशाह कहते हैं कि
मंदिर, मस्जिद और गुरूद्वारे में भगवान कहाँ मिलता है, परमात्मा तो तेरे अन्दर समाया हुआ है पहले उसे तो जान ले पहचान ले, जब सच्चे संत की शरण में जाओगे तभी वास्तविक तथ्य का पता चल पाएगा और सद्गुरु की मूर्ति को घट मंदिर में विराजमान करके उसकी आराधना करो फिर कहीं और जाने की जरूरत नहीं है.

इसी सन्दर्भ में संत कबीर दास जी फरमाते हैं,
मन मक्का दिल दवारिका, काया काशी जान,
दश द्वारे का देहरा, तामें ज्योति पिछान.

मानना पड़ता है की भारत में भगवान है

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
भारतीय खेल मंत्रालय का एक अफसर
ओये झाल्लेया मुबारकां ओये देखा हसाड़ी सोनिया नेहवाल ने लन्दन ओलंपिक्स में कमाल कर दिया पहली बार एकल महिला बेड मिन्टन में कांस्य पदक खेल में सदैव अग्रणी चाइना से छीन ही लिया अब तो हो गई ना बल्ले बल्ले
झल्ला
खैर मुबारक साहब जी पहला मैच २१-१८ से जीतने और दूसरे में १-० से आगे रहने के बावजूद चीन द्वारा वाक् ओवर दे दिया गया मेडल छोड़ना वाक्काई कमाल है और छोड़े गए मेडल को हासिल करके जश्न मनाना कमाल है और प्रधान मंत्री राष्ट्रपति को वधाइयां देने का मौका मिल गया ये तो वाकई + वाकई कमाल ही कमाल है
मानना पड़ता है की भारत में भगवन है Permalink: http://jamosnews.com/

सद्गुरु का वास जैसे आटे में नमक समाया हुआ है

अपने तन की खबर नहीं, सजन की खबर ले आवे कौन
ना मैं माटी ना मैं अग्नि ना पानी ना पवन
बुल्लिया साईं घट-घट वसदा
ज्यों आटे में लौंन.
भावार्थ: सूफी संत बुल्लेशाह समझाते हुए कहते हैं जब तुम खुद को ही नहीं समझ
पाए तो सद्गुरु को क्या जान पाओगे? सद्गुरु के पास जाने से पहले
अपने आप को जान लेने की आवश्यकता है कि हम आत्मा हैं हम
शरीर नहीं हैं. मिटटी , आग, पानी अथवा वायु से तो यह भौतिक
शरीर बना है जो नश्वर है. मेरे तो घट-घट मैं सद्गुरु के नाम का
वास उसी प्रकार हैं जैसे आटे में नमक समाया हुआ है.
सूफी संत बुल्लेशाह की वाणी

राम नाम की पूँजी मुक्ति का आधार

पूँजी राम नाम की पाइए. पाथेय साथ नाम ले जाइये
नशे जन्म मरण का खटका, रहे राम भक्त नहीं अटका.

भाव : संतजन हमें समझाते हुए कहते हैं कि मनुष्य को इस जीवन में राम नाम का धन एकत्र करना चाहिए
क्योंकि केवल यही धन ऐसा है जो परलोक में भी मनुष्य के साथ जाता है इसके सिवाय कोई और सांसारिक
वस्तु साथ नहीं जाती . जिस मनुष्य के पास राम नाम की पूँजी है उसे जीवन मृत्यु के आवागमन का संशय नहीं रहता .
तथा मुक्ति मार्ग में आने वाली विघ्न- बाधाएँ परमात्मा की कृपा से समाप्त हो जाती हैं .

स्वामी सत्यानन्द जी महाराज द्वारा रचित अमृतवाणी का एक अंश
प्रेषक: श्री राम शरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली, मेरठ

दूसरों को जूता मार कर रोटी कमाने वाले जूता पालिश कि इजाज़त कैसे दे सकते हैं

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक पाकिस्तानी बुद्धिजीवी
ओये झल्लेया ये कया हमारे लोग कुफ्र कमाने में लग गए ओये खर्शीद खान हिन्दुस्तान गए थे दोनों देशों में सौहार्द कायम करने |इसके लिए उन्होंने धार्मिक स्थलों पर कार सेवा भी यहाँ तक कि जूते पालिश किये और झूठे बर्तन तक साफ़ किये मगर हमारे यहाँ के कट्टरपंथियों ने खुदा के नेक बन्दे खुर्शीद खान को पेशावर के डिप्टी अटार्नी जनरल के ओहदे से ही बर्खास्त करवा दिया है|ओये अल्लाह तो एक ही है वोही सब जगह है फिर ये बंदिशें क्यूं??
झल्ला
भाई मियाँ कुछ लोगों कि रोज़ी रोटी दूसरों को जूता मारने से चलती है ऐसे लोग जूता पालिश कि इजाज़त कैसे दे सकते हैं|अल्लाह बड़ा कारसाज है वोह सब देख रहा है |नियत और करनी का फल देर या सवेर जरुर मिलेगा| Permalink: http://jamosnews.com/

परमात्मा से प्रेम करने पर संसार और हमारी जिन्दगी ख़ूबसूरत हो जाती हैं.

प्रेम का उन्माद

मेरा कोई दोस्त नहीं है, मेरे प्रियतम के सिवाय,
मुझे कोई काम नहीं है, उसके प्रेम के सिवाय
खिजां नसीब रास्ते भी सज गए संवर गए,
उन्हें बहार ही मिली, जहाँ गये, जिधर गए..
भाव-
रूहानी संत, संत दर्शन सिंह जी महाराज आत्मा और परमात्मा के प्रेम के सम्बन्ध में कहते हैं
जिस प्रकार कोई प्रेमी दिन-रात अपनी प्रेमिका के बारे में सोचता रहता है , वैसे ही जब हमारी आत्मा एक बार
प्रभु से मिलकर उसके प्रेम से ओत-प्रोत हो जाती हैं, तो वह भी उसी हालत में रहती है.
परमात्मा से प्रेम करने पर हमारा संसार और हमारी जिन्दगी ख़ूबसूरत हो जाती हैं. हमारे जीवन में अनगिनत फूलों
की सुगंध आ जाती है. ऐसा लगता हैं मानो सर से पैर तक हमारे अन्दर ईश्वर का प्रेम बह रहा हो.

पवार की पावर कम करने के लिए असफल मंत्री को अधिक पावर

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
पवार की पावर कम करने के लिए असफल मंत्री को अधिक पावर

शरद पवार का महाराष्ट्री समर्थक
ओये झल्लेया ये कया हो रहा है ओये देश में बिजली संकट छाया हुआ है इसे दूर करने में विफल रहे सुशील कुमार शिंदे को प्रोमोट करके गृह मंत्री बना दिया गया है \फ़ैल होने वाले को भी प्रोमोशन ???
झल्ला
भई मराठी मानुष दरअसल बात ये है की अंग्रेजों की पालिसी के मुताबिक़ अपने आदमी के लिए कोई कानून या निति नहीं होती और फिर आपके पवार की पावर कम करने के लिए असफल मंत्री को भी अधिक पावर फुल बनाना फिलवक्त की जबरदस्त मांग है| आई बात कुछ समझ में

संत हमारे जीवन के प्राणाधार हैं

मीराबाई की वाणी
साधू हमारे हम साधुन के, साधू हमारे जीव,
साधुन मीरा मिल रही, जिमी माखन मैं घीव

.
भावार्थ – सत्संग के रंग में रंगी मीरा कहती है – संत ही मुझे सबसे प्रिय हैं.,वे ही मेरे अपने हैं. संत ही मेरे जीवन और प्राण हैं . मैं संतों की हूँ. मैं उनकी संगती में
यूं समा गई हूँ जिस प्रकार मक्खन मैं घी समाया रहता है .

राजनितिक पाला बदलना होता है तब यही जुबान काम आती है

झल्ले दी झल्लियाँ गल्ला
राजनितिक पाला बदलना होता है तब यही जुबान काम आती है

एक सपाई छुट भैया
ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है??ओये पार्टी से निष्कासित शाहिद सिद्दीकी ने अब नरेन्द्र मोदी के रंग हसाड़े मुलायम सिंह और अखिलेश पर उड़ेलने शुरू कर दिए हैं|अब सिद्दीकी ने पार्टी में परिवार वाद के हावी होने और सत्ता के कई केंद्र होने जैसे आरोपों की झड़ी ही लगा दी है|
झल्ला
बौऊ जी ये जुबान की खातिर निकाले गए सिद्दीकी जी को पता है कि जब राजनितिक पाला बदलना होता है तब यही जुबान काम आती है |हो सकता है कि कुछ दिनों में कांग्रेस या ,,,,,में अवतरित होने कि खबर मिल जाये