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Category: Religion

ईस्टर्न यूं पी में हिंसा के बाद प्रदेश में हाई अलर्ट

आखरी जुमे की अलविदा नमाज़ के बाद शुक्रवार को लखनऊ, इलाहाबाद और कानपुर में उपद्रव और तोड़फोड़ हुई| इसके पश्चात उत्तर प्रदेश सरकारने प्रभावित इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए कडे़ कदम उठाए हैं। [१]सरकार ने बल्क मैसेज पर रोक लगाने के अलावा अफवाह फैलाने वालों से कड़ाई से निपटने के आदेश दिए हैं।[२] संवेदनशील और धार्मिक स्‍थलों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
[३] पूरे सूबे में हाई अलर्ट जारी किया गया है। पुलिस महानिदेशक ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई है| वैसे यूपी से पूर्वोत्तर के नागरिकों के पलायन की अभी तक कोई खबर नहीं है
राज्य के प्रमुख सचिव (गृह) आरएम श्रीवास्तव ने भी पूर्वोत्तर के लोगों से बहकावे में न आने की अपील की है। श्रीवास्तव ने कहा कि किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत नजदीकी पुलिस थाने में उसकी सूचना दें। सभी धार्मिक स्थलों, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ), रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) और प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के जवानों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं।बरेली में शांति को देखते हुए प्रशासन ने सुबह पांच से 12 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी थी। कड़ी सुरक्षा केचलते शांति बनी हुई है।
इस बीच इलाहाबाद में हालात शांतिपूर्ण होने के बाद शनिवार को [कुछ स्थानों को छोड़ कर] कर्फ्यू हटा लिया गया।
उल्लेखनीय है कि असम और म्यांमार हिंसा के खिलाफ शुक्रवार को राजधानी लखनऊ के अलावा धर्म नगरी इलाहाबाद और इंडस्ट्रियल कानपूर भी में हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिसके बाद पुलिस को लाठिया भांजनी पड़ी थी। इस दौरान कई लोग घायल भी हुए थे।

पाकिस्तान के राष्ट्रपति के नजराने से अजमेर में बनेगा अस्पताल

पकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी द्वारा भेजे गए १० लाख डालर के नजराने के एक हिस्से से ख्वाजा गरीब नवाज़ अस्पताल बनेगा |
राष्ट्रपति श्री जरदारी इस साल आठ अप्रैल को अजमेर शरीफ की जियारत पर आए थे तब उन्होंने दरगाह को 10 लाख डॉलर के नजराने का ऐलान किया था.
इस ऐलान के चार महीने बाद जुमा अलविदा को[शुक्रवार ]को पाकिस्तान की ओर से पूर्व विदेश सचिव सलमान बशीर पैसे लेकर अजमेर आए \
इस नज़राने पर ख्वाजा के खादिमों ने अपना हक जताया.
मजबूरन नजराने की रकम तीन हिस्से में बांटी गई, जिसमें दो खादिमों की अंजुमन कमेटियों को करीब दो-दो करोड़ रुपये मिले और दरगाह कमेटी को करीब एक करोड़ पैंतालीस लाख ही मिले|
अजमेर के ख्वाजा गरीब नवाज के खादिमों ने नजराने के 5.5 करोड़ रुपये में से अपनी हिस्सेदारी ले ही ली
नजराने का इस्तेमाल दरगाह के विकास में किया जाना था, लेकिन पैसे का बंटवारा हो जाने के बाद अब दरगाह कमेटी अपने हिस्से के एक करोड़ पैंतालीस लाखसे अस्पताल बनवाना चाहती है.

आखरी जुमे की सामूहिक नमाज़ वेस्टर्न यूपी में शान्ति से पड़ी गई ईस्टर्न शहरों में बवाल

मुक़द्दस रमजान महीने के आख़री जुमे[शुक्रवार]को सुरक्षा के कड़े इम्तेजामो में बड़ी संख्या में सामूहिक [अलविदा] नमाज पड़ी गई औरअमन चैन की दुआ माँगी गई | असाम+मुम्बई+पुणे+रांची में असंतोष के मध्य नज़र ट्रेफिक कंट्रोल करने के लिए मस्जिदों को जाने वाले मार्गों पर विशेष नाके बंदी की गई |
मेरठ में भी मस्जिदों के बाहर कड़ी सुरक्षा में बड़े सुकून से नमाज़ पड़ी गई| बेगम पुल का भी ट्रेफिक डायवर्ट करके नमाजियों को राहत दी गई \

ईस्टर्न यूं पी के तीन शहरों में अपवाद के रूप में अलविदा की नमाज के बाद भीड़ हिंसक हो उठी। राजधानी लखनऊ,के अलावा कानपुर और धर्म नगरी इलाहाबाद में भी बेकाबू भीड़ ने भारी नुक्सान पहुंचाया है|इस घटना ने प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह भी लगाया है|

सिखों पर हमलों के कारण अमेरिका में भी सदभावना दिवस मनाना जरुरी हो गया है

अमेरिका में एक और सिख की गोली मार कर ह्त्या कर दी गई है|इससे सिख समुदाय के जख्म फिर से हरे हो गए हैं|
५६ वर्षीय दलबीर सिंह किराने के व्यापार से जुड़े थे|
नार्थ अमेरिका के विस्कोंसिन ओक क्रीक गुरुद्वारे में ५ अगस्त को हुई गोलीबारी की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई की अब उसी राज्य के मिल्वाउकी में भारत की आज़ादी दिवस १५ अगस्त को एक और ओक क्रीक गुरूद्वारे के सदस्य सिख की ह्त्या से समुदाय में रोष और भय का माहौल है|एन डी टी वी ने भी इसे प्रमुखता दी है|
सिखों के धर्मप्रतीक चिन्हों [केश+कंघा+कृपान+कडा+कच्छा] के प्रति अज्ञानता के कारण उन्हें भी आतंकवादी समझ लिया जाता है और नफरत अपराध का निशाना बना दिया जाता है ९/११ के बाद यह कुछ ज्यादा बढ गया है|
अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा सिखों के जख्मों पर हर संभव मलहम लगाने के प्रयास किये जा रहे है मगर बुधवार की इस एक और घटना से ऐसे सभी प्रयासों पर पलीता लग सकता है|
इसीलिए अमेरिका में समारोह पूर्वक सदभावना दिवस मनाया जाना चाहिए इससे सिखों के प्रति उनके धर्म प्रतीक चिन्हों के प्रति जागृति आ सकेगी और वहां नस्लवादी हिंसा में कमी आ सकेगी |

परमात्मा को छल कपट से नहीं सच्चे प्रेम से पाया जा सकता है

जिस मन में छल कपट हो, उस में न भक्ति मेल,
जिस तरु जड़ में आग हो, उस पर चढ़े न बेल.

संतजन मनुष्यों को समझाते हुए कहते हैं कि प्रभु की आराधना निष्काम,निष्कपट एवं सच्चे मन से करो क्योंकि अगर हमारे मन में छल कपट हो तो भक्ति भवानी जाग्रत नहीं हो सकती.
परमात्मा को छल कपट से नहीं वरन प्रेम से पाया जा सकता है. जैसे किसी वृक्ष की जड़ में अगर आग लगी हुई हो तो कोई भी बेल उस पेड़ पर नहीं चढ़ती.
स्वामी सत्यानन्द जी द्वारा रचित भक्ति प्रकाश ग्रन्थ का एक अंश
श्री रामशरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली, मेरठ

कान्हा की छटी में छकी चावल और कड़ी

कान्हा की छटी में आज चावल कड़ी छकाई गई|आज मंदिरों में कृषण के जन्म की छटी धूम धाम से मनाई गई |इस अवसर पर कान्हा के जन्म संबधी भजन गायन में भक्त जन देर रात तक झूमते रहे |
मिश्री+माखन /कड़ी+ चावल/हलवे और खीर का प्रसाद बांटा गया
गौरतलब है की आज कृष्ण को जन्म लिए छह दिन हो गए हैं और इस त्यौहार को धोम धाम से मनाने की पौराणिक परम्परा है|

सिखों के खिलाफ घृणा अपराधों की गूँज अमेरिकी संसद में भी

सिखों के प्रति अज्ञानता के कारण उनके विरुद्ध फैलाई जा रही नफरत और घर्णा अपराधों की रोक थाम के लिए संघीय जांच ब्यूरो [ऍफ़ बी ई] को आगे आना चाहिए |सिखों की इस मांग का हाउस आफ रिप्रेसेंटेटिव के सात सदस्यों ने समर्थन दे दिया है|सीनेट फीस्टीन ने भी इस विषय में अपील की है|
सिख समुदाय में इसे सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है|
गौरतलब है की ५ अगस्त के रविवार को ओक क्रीक विस्कोंसिन गुरूद्वारे में एक नस्ल आतंकवादी ने छह लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी थी तभी से इस प्रकार के अपराधों की रोकथाम के लिए ऍफ़ बी आई से मांग की जा रही है|

अमेरिकी सिखों ने अमेरिकी राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया

बेशक भारत में सिख समुदाय अमेरिका के राष्ट्रीय ध्वज को जला रहे हो या संसद में गालियां दी जा रहे हों मगर अमेरिका के सिख वहां के राष्ट्रपति को धन्यवाद ही दे रहे हैं|कल भी एक ज्ञापन सौंप कर अमेरिकी ध्वज को आधा झुकाने के लिए राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया है|
गौरतलब है की ५ अगस्त के रविवार में वेड माईकल पेज नामक एक श्वेत नस्लवाद से पीड़ित आतंकवादी ने ओक क्रीक विस्कोंसिन गुरुद्वारे में अंधाधुंध फायरिंग करके पांच पुरुष और एक महिला की हत्या कर दी थी कई घायल हो गए थे एक पोलिस अधिकारी भी घायल हो गया था |तभी से गुरद्वारों में विशेष अरदास और केंडल मार्च आयोजित किया जा रहे है|
इसके शोक में अमेरिका के ध्वज आधे झुका दिए गए थे| घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं |और बराक ओबामा ने इस जघन्य हत्याकांड को अमेरिका की सार्वभौमिकता पर अटैक बताया था |
सिखों के नेता गुरचरण सिंह ने वाशिंगटन मेट्रोपोलिटन गुरुद्वारा फेडरेशन और अमरीकन सीखो की तरफ से व्हाईट हाउस में ज्ञापन सौंपा और सिखीके मुख्य उपदेश मानस की जात सभै एक ही पहचानिबो के प्रति अपनी प्रतिबद्दता को दोहराया |
गुरु नानक की अध्यात्मिक गद्दी के वारिस दशम पादशाही गुरु गोबिंद सिंह के सिखों के लिए पांच ककार[कंघा+ केश+कृपाण+ कडा+कच्छा]धारण करना जरुरी है और केशों के लिए सर पर पगड़ी भी रखी जाती है मगर अमेरिका में सिखों के प्रति गलत फहमी + केश और पगड़ी के कारण उन्हें भी आतंक वादी समझ लिया जाता है और नसलवाद का शिकार बना दिया जाता है| इसीलिए अब अमेरिका में सिख और उनके धर्म के प्रति जागरूकता जरुरी है इसी उद्देश्य की पूर्ती के लिए न्युयोर्क पोलिस डिपार्टमेंट में सिखों को पगड़ी धारण की आज्ञा दिए जाने की भी मांग की जारही है|

सोचे-समझे बिना कभी किसी को पीड़ा नहीं पहुंचानी चाहिए .

अंतर दाव लगी रहै, धुआं ना प्रगटै सोई
कै जिय आपन जानहिं, कै जिहि बीती होइ
अर्थ : रहीम दास जी कहते है मन में अग्नि धधकती रहती है, परन्तु उसका धुंआ
बाहर प्रकट नहीं होता. जिस व्यक्ति के मन पर जो घटित हो रहा होता है ,
उसका अंतर ही उसको जान सकता है, अन्य कोई नहीं .
भाव : इस दोहे का भाव यही है कि प्रत्येक व्यक्ति का अपने जीवन में अपना
ही दुःख- सुख होता है. किसी की क्या पीड़ा है , वह तब तक नहीं जानी
जा सकती , जब तक वह स्वयं अपने मुख से न कहे .
इसलिए बिना सोचे-समझे कभी किसी को पीड़ा नहीं पहुंचानी चाहिए .
जीवन में न जाने कितने-कितने लोगों के साथ हमारा मिलना-जुलना
होता है और उनके मन की बात को जाने बिना ही हम या तो उन्हें
सलाह देने लगते हैं या उनके किसी कार्य अथवा बात को देख-सुनकर
उस पर टिप्पणी करने लगते है या उसकी आलोचना करने लगते हैं .
यह प्रवृति सरासर गलत है .

प्रत्येक अमेरिकन कांग्रेसमेन को भारत जाना चाहिए

प्रत्येक कांग्रेसमेन को विश्व की उभरती डेमोक्रेटिक पावर भारत में एक बार जरुर जाना चाहिए \यह विचार पॉल रयान ने व्यक्त किये हैं|
श्री रयान भरत और अमेरिका में मित्रता के गहरे पक्षधर हैं|इन्होने विस्कांसिन गुरूद्वारे में मरे गए सिखोंके प्रति तत्काल संवेदना प्रकट की थी|
श्री रियान ने अपनी २००६ की भारत विजिट को आई ओपनर बताया है|उन्होंने भारत में डेमोक्रेटिक दायरे में आ रहे बदलाव को देखने और उसे अनुभव करने का आह्वाहन भी किया है|

Mr. Ryan had voted in favour of the Indo-U.S. civilian nuclear deal and was quick to express his condolences for the victims of the gurdwara shooting last week.

Part of a Congressional delegation that visited India in 2006, he termed the trip as an “eye opener”. He had also termed India as a rising democratic power in the world.

“I think every member of Congress should go to India to see for themselves the kind of global challenges and opportunities that face us as India emerges. It was a real eye-opener,” Mr. Ryan had said after he returned from India in April 2006.