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Category: Religion

मेरठ में लगा छड़ियों का मेला

मेरठ छावनी स्थित भैन्साली ग्राउंड में आज छड़ियों का मेला सजाया गया |इस अवसर पर अनेको छेत्रो से आकर्षक छड़ियों को लाकर बाबा झारपीर की पूजा की गईइस अवसर पर बच्चों के झूले खाने पीने के स्टाल लगाये गए |बताते हैं की काफी समय पहले बाबा झारपीर राजस्थान से छड़ी लेकर पैदल ही मेरठ में आये थे उनकी स्मृति में ही यह मेला सजाया जाता है

चीन ने रमजान में रोजा रखने की मनाही

चीन और पाकिस्तान में बेशक जितने भी गहरे रिश्ते हों मगर चीन अपनी सरजमीं पर ऐसी किसी भी इस्लामिक गतिविधियों को बढावा नहीं देना चाहता जिससे वहां सम्प्रदाईक वैमनस्य फैले |
अब चीन ने शिनजियांग प्रांत में मुस्लिम अधिकारियों और छात्रों के रोजा रखने पर पाबंदी लगा दी है।यह बयान शिनजियांग की सरकारी वेबसाइट पर लगा है। इस आदेश में रमजान के महीने में मुस्लिम अधिकारियों और छात्रों को रोजा रखने और मस्जिद जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। गौरतलब है कि शिनजियांग प्रांत में लगभग 90 लाख तुर्की भाषी मुस्लिम रहते हैं। यहाँ कई बार हान और उइगुर लोगों में उपद्रव हो चुके हैं | अल्पसंख्यक के रूप में मौजूद इस समुदाय के कई लोग चीन के नेताओं पर धार्मिक और राजनीतिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाते रहे हैं।
इस प्रान्त में अक्सर धार्मिक हिंसा की लपटें उठती रहती हैं, चीन की सरकार दसियों हजार उइगुर अधिकारियों की मदद से इस प्रांत का प्रशासन संभालती है।
इस आदेश का पालन कराने के लिए पार्टी नेताओं से गांव के स्थानीय नेताओं के लिए खाने का “तोहफा” लाने को कहा गया है जिससे कि यह तय किया जा सके कि वो लोग रमजान के दौरान रोजा न रखते हुए खाना खा रहे हैं। रमजान में धार्मिक गतिविधियों को रोकने के आदेश स्थानीय प्रशासन की वेबसाइटों पर भी लगाए गए हैं। इसके साथ ही वेन्सू के सभी शिक्षण संस्थानों के दफ्तर में भी लगाए गए हैं। स्कूल और कॉलेज प्रशासन से साफ कहा गया है कि वो यह सुनिश्चित करें कि कोई भी छात्र रमजान के दौरान मस्जिद न जाए।
उइगुर लोगों के हक की बात करने वाले गुट वर्ल्ड उइगुर कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यह नीति, ‘उइगुर लोगों पर और विरोध करने के लिए’ दबाव बनाएगी। गुट के प्रवक्ता ने कहा है,की रमजान के दौरान रोजा रखने पर रोक लगा कर चीन प्रशासनिक तरीके का इस्तेमाल कर उइगुर लोगों को खाने पर विवश कर रहा है जिसके कि रोजा तोड़ा जा सके।” शिनजियांग ने हाल के वर्षों में सबसे भयानक हिंसा 2009 के जुलाई में देखी जब उइगुर समुदाय के लोगों ने देश के प्रभावशाली हान जाति के लोगों पर उरुमकी में हमला किया। सरकार के मुताबिक इस हिंसा में दोनों पक्षों के 200 लोग मारे गए।

बर्फानी बाबा श्री अमर नाथ जी की तीर्थ यात्रा आज संपन्न

श्री अमर नाथ बर्फानी बाबा की कठिन तीर्थ यात्रा आज पारंपरिक छड़ी मुबारक की पूजा के साथ संपन्न हो गई है |इस वर्ष लगभग साडे छह लाख लोगों ने पवित्र गुफा में बर्फानी बाबा के दर्शन किये
|बाबा बर्फानी की पवित्र छड़ी मुबारक को बीते दिन पंचतरणी पहुंचा दिया गया था
श्रावण पूर्णिमा की आज की सुबह [ वीरवार] को महंत दिपेंद्र गिरी की अगुआई में पवित्र गुफा में प्रवेश के साथ ही हिमलिंग स्वरूप में विराजमान बाबा बर्फानी के मुख्यदर्शन किये गए ।
गौरतलब हे कि बाबा बर्फानी की गुफा में भगवान शंकर की पवित्र छड़ी के आगमन के साथ ही पवित्र हिमलिंग का मुख्य दर्शन होता है। इसके साथ ही श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा भी संपन्न मानी जाती है।
तीन जुलाई को पवित्र छड़ी मुबारक पहलगाम पहुंचाई जायेगी और रात को वहीं विश्राम होगा । चार अगस्त को लिद्दर किनारे कड़ी पकौड़ी भंडारा होगा और परंपरागत रूप से यात्रा संपन्न हो जाएगी।इस वर्ष यात्रा की अवधि ३९ दिन किये जाने से कई समस्याएं भी उत्पन्न हुई है सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद अव्यवस्था के कारण १०० से अधिक श्रधालुओं की मौत हुई है |

परमात्मा से प्रेम करने पर संसार और हमारी जिन्दगी ख़ूबसूरत हो जाती हैं.

प्रेम का उन्माद

मेरा कोई दोस्त नहीं है, मेरे प्रियतम के सिवाय,
मुझे कोई काम नहीं है, उसके प्रेम के सिवाय
खिजां नसीब रास्ते भी सज गए संवर गए,
उन्हें बहार ही मिली, जहाँ गये, जिधर गए..
भाव-
रूहानी संत, संत दर्शन सिंह जी महाराज आत्मा और परमात्मा के प्रेम के सम्बन्ध में कहते हैं
जिस प्रकार कोई प्रेमी दिन-रात अपनी प्रेमिका के बारे में सोचता रहता है , वैसे ही जब हमारी आत्मा एक बार
प्रभु से मिलकर उसके प्रेम से ओत-प्रोत हो जाती हैं, तो वह भी उसी हालत में रहती है.
परमात्मा से प्रेम करने पर हमारा संसार और हमारी जिन्दगी ख़ूबसूरत हो जाती हैं. हमारे जीवन में अनगिनत फूलों
की सुगंध आ जाती है. ऐसा लगता हैं मानो सर से पैर तक हमारे अन्दर ईश्वर का प्रेम बह रहा हो.

आज रक्षा बंधन का त्यौहार है सो हैप्पी राखी

रक्षा बंधन का त्यौहार आज देश भर में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है \इस त्यौहार को राखी और रखडी भी कहा जाहै|आज बहन अपने भाई की कलाई में धागा बांधती है और उसके सुख कल्याण की कामना करती है और भाई अपनी बहन कि रक्षा का वचन लेता है |is त्यौहार के साथ कई लोक कथाएं भी जुडी हैं लेकिन वर्तमान में यह एक खूबसूरत परम्परा का रूप ले चुकी है जिसे पूरे जोशोखरोश से मनाया जाता है भाई और बहन आवश्यकता के अनुसार एक दूसरे के घर जाकर राखी बंधवाते हैं| यह त्यौहार इतना लोक प्रिय हो चुका है की सडकों पर कभी कभी यातायात की समस्या तक हो जाती है इसीलिए यातायात के अतिरिक्त साधन जुटाए जाते है मिठाइयों के साथ उपहारों का आदान प्रदान होता है |

संत हमारे जीवन के प्राणाधार हैं

मीराबाई की वाणी
साधू हमारे हम साधुन के, साधू हमारे जीव,
साधुन मीरा मिल रही, जिमी माखन मैं घीव

.
भावार्थ – सत्संग के रंग में रंगी मीरा कहती है – संत ही मुझे सबसे प्रिय हैं.,वे ही मेरे अपने हैं. संत ही मेरे जीवन और प्राण हैं . मैं संतों की हूँ. मैं उनकी संगती में
यूं समा गई हूँ जिस प्रकार मक्खन मैं घी समाया रहता है .

औघड़ नाथ मंदिर में सावन के आखरी सोमवार का जलाभिषेक

आज सावन माह का आख़िरी सोमवार है आज शिव भक्तों ने अपने अपने छेत्रों के शिवालयों में श्रद्धाभाव से जलाभिषेक किया कालीपल्तन के एतिहासिक औघड़ नाथ मंदिर में पूजा अर्चना करते शिव भक्त

भव बन्धनों से मुक्त होकर परमात्मा की आराधना जरुरी

रहिमन बहरी बाज , गगन चढ़े फिर क्यों तिरे,
पेट अधम के काज, फेरी आय बंधन परे .
अर्थ – कवि रहीम कहते हैं कि बहरा बाज बार- बार आकाश में उड़ता है. लेकिन उसे मोक्ष प्राप्त नहीं होता क्योंकि वह पेट की आग बुझाने के
लिए बार- बार बंधन में पड़ा रहता है.
भाव – मोक्ष प्राप्त करने के लिए सांसारिक मोह माया के बन्धनों का त्याग करना परम आवश्यक है. कवि रहीम जी का कहना है कि बाज पक्षी
आकाश में ऊंची- ऊंची उड़ानें भरता है किन्तु उसका लक्ष्य परमात्मा तक पहुँचने का नहीं होता. उसका लक्ष्य केवल अपना पेट भरने का
होता है.
पेट की आग बुझाने की चिंता ही आदमी को इस सांसारिक भव-बन्धनों में उलझाती है इसी कारण से उसे मोक्ष कभी प्राप्त नहीं होता.है.
व्यक्ति को इन भव बन्धनों से मुक्त होकर परमात्मा की आराधना करनी चाहिए.

सावन महाराज का जन्मोत्सव मनाया

वेस्टर्न रोड स्थित सावन आश्रम रूहानी सत्संग में आज संस्थापक सावन महाराज जी का जन्मोत्सव श्रधा भाव से मनाया गया |इस अवसर पर बजन कीर्तन हुए और सांगत को लंगर भी छकाया गया |महाराज का जन दिन वैसे तो २७ जुलाई को दिल्ली में मनाया जाता है मगर मेरठ में आज मनाया गया\गुरु जी के अनुयायियों की चौथी पीड़ी ने भी सेवा की|

पमात्मा को वही पाता है जो उसे और उसकी कायनात से प्रेम करता है .

कहा भयो जो दोऊ लोचन मूंदी कै
बैठ रहियो बक धिआनु लगाइयो
न्हात फिरिओ लीए सात समुद्रण
लोक गएओ परलोक गवायो
बास कीयो बिखियन सों बैठि कै
ऐसे ही ऐसे सु बैस बिताईओ
सच कहूं सुनि लेहु सभै
जिनि प्रेम कीयो तिन ही प्रभु पाएओ

भाव : दोनों आँखें मूँद कर बगुले की तरह बैठने से क्या होगा जबकि अन्दर मन में कपट भरा हो. ऐसा व्यक्ति सात समुंदर
पार करके तीर्थों में नहाता फिरे तो समझो कि उसका इहलोक और परलोक दोनों बर्बाद हैं .विषय-विकारों में सदा
लिप्त रहने वाला अपनी आयु यूं ही गँवा देता है . मैं सच कहता हूँ पमात्मा को वही पाता है जो उसे और उसकी
कायनात से प्रेम करता है .
—- वाणी दशम पादशाही गुरु गोबिंद सिंह जी