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पाकिस्तान में निर्वाचित संसद और न्यायपालिका फिर आमने सामने

पाकिस्तान की निर्वाचित संसद और न्यायपालिका में सुपरमेसी के लिए टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है|अदालत की अवमानना से बचाव सम्बन्धी संसद के संशोधन को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिन गैर कानूनी करार दे दिया है|
चीफ जस्टिस इफ्तिकार मोहम्मद चौधरी की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने कंटेम्प्ट आफ कोर्ट एक्ट २०१२ के अंतर्गत कार्यवाही नहीं किये जाने पर आलोचना करते हुए इस संशोधन को कोर्ट की अवमानना करने वालों को प्रेरित[एनकरेजिंग] करने वाला संशोधन बताया है
गौरतलब है की पूर्व पी एम् जिलानी द्वारा कोर्ट के आदेशों के बावजूद स्विस बैंकों से राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी की जामा पूँजी के विषय में कोई खतोकिताबत नहीं की थी इसीलिए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया अब नए पी एम् भी जिलानी की राह पर हैं और उनका टकराव भी सुप्रीम कोर्ट से हो गया है \
स्विस बैंक को पत्र लिखने की तिथि अब ८/८-२०१२ कर दी गई है|

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