भाजपा जानती है समय से पहले चुनाव नहीं होंगे फिर भी दबाब के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश का अनुरोध किया
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर उपप्रधान मंत्री लालकृष्ण आडवाणी+पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह + नेता प्रतिपक्ष[लोक सभा ] श्री मति सुषमा स्वराज और अरुण जेटली[राज्य सभा]+पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा +पूर्व रक्षा मंत्री जसवंत सिंह+पूर्व अध्यक्ष वेंकैया नायडू+अनंत कुमार और रविशंकर प्रसाद ने आज राष्ट्रपति से इस संबंध में मुलाकात की।शुक्रवार को प्रणब मुखर्जी से मिलकर भाजपा के इन शीर्ष नेताओं ने देश की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए शीघ्र चुनाव करने की मांग की| राष्ट्रपति को दिए ज्ञापन में भाजपा ने आग्रह किया है कि नवंबर में होने वाले तीन राज्यों के साथ ही लोकसभा चुनाव भी करा लिए जाएं। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद श्री आडवाणी ने मीडिया को बताया के ‘मुझे पता है कि सरकार जल्द चुनाव नहीं कराएगी, लेकिन अगर राष्ट्रपति कोई प्रतिक्रिया देते हैं तो दबाव जरूर बनेगा।प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह आर्थिक स्थिति सुधारने के स्थान पर विपक्ष की आलोचना मात्र करने लगते हैं| उन्होंने राज्यसभा में जिस तरह का भाषण दिया वह दुखद है। रविशंकर ने व्यंगात्मक शैली में कहा कि केंद्र सरकार खुद को बीमार मानेगी तभी तो उसके इलाज के लिए कार्यवाही की जा सकेगी| प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन के वक्तव्य को निराशा, नकारात्मकता और कड़वाहट भरा बताते हुए कहा है कि इसमें ईमानदारी की कमी है।
भाजपा प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति को यह याद दिलाने से भी नहीं चूका कि वित्त मंत्री बदहाली का ठीकरा बतौर पूर्व वित्त मंत्री उन्हीं (प्रणब) पर फोड़ रहे हैं, तो पीएम चुप रहकर इसका परोक्ष समर्थन कर रहे हैं। रविशंकर ने पत्रकारों से बातचीत में प्रणब का बचाव करते हुए कहा कि किसानों को कर्ज माफी का फैसला वर्तमान वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के ही समय में किया गया था|