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“आप ” ने अयोध्या के नाम पर भाजपा और सपा द्वारा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के कुटिल प्रयासों की कड़ी निंदा की

आम आदमी पार्टी [आप]ने अयोध्या को लेकर “84 कोसी परिक्रमा के नाम पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के कुटिल प्रयासों की कड़ी निंदा की है|
पार्टी ने आरोप लगाया है कि कुछ राजनितिक दल और उनके द्वारा समर्थित संगठनों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए “84 कोसी परिक्रमा” जैसे सांप्रदायिक मुद्दों को हवा दी जा रही हैं।
पार्टी अयोध्या के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के इन कुटिल प्रयासों की कड़ी निंदा करती है।
जहाँ एक और बीजेपी अपने सहयोगी दलों के माध्यम से हिन्दुओं का ध्रुवीकरण कर रही है, वहीँ दूसरी और समाजवादी पार्टी इस मौके का फायदा उठा के अपने कुशासन पर पर्दा डालना चाहती है। भाग्यवश उत्तर प्रदेश और पुरे देश की जनता ने खास करके हिन्दू और मुस्लिम जनता ने इनके इरादों को समझ कर इनकी सांप्रदायिक राजनीती को नकार दिया है।
वीएचपी, आरएसएस और अन्य हिन्दुत्व संगठनों की लीग में बीजेपी ने ख़ास करके उत्तर प्रदेश में हिन्दू और मुसलमानों का ध्रुवीकरण करने की ये गुप्त साजिश रची है। उन्होंने कुछ मिश्रित धार्मिक नेताओं जिनमे से कुछ उन्ही के सांसद और पूर्व मंत्री हैं, उनकी सहायता से “84 कोसी परिक्रमा” आरंभ करने का ऐलान किया है जबकि इस तरह की परिक्रमा का यह पारंपरिक अवसर नहीं है। यह एक जाना हुआ तथ्य है की स्वामी चिन्मायानंद बीजेपी सरकार के केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं जबकि राम विलास वेदांती बीजेपी के पूर्व सांसद हैं।
हालाँकि बीजेपी ये दावा करती आ रही है की वो विकास के मुद्दे पे चुनाव लड़ेगी, लेकिन जिस तरह से अन्य हिंदुत्व संगठनों विशेष रूप से बीजेपी समर्थित वीएचपी को इस अयोध्या मुहिम के लिए आगे किया गया है, वो सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने के कुटिल प्रयास को साफ दर्शाता है। मोदी जी के “विकास और साफ़ और कुशल सरकार” के दावे का सच तेजी से उजागर हो रहा है,
इस अयोध्या चाल में बहुत कम लोगों का वीएचपी के साथ आना ये दर्शाता है की इस देश की जनता ने इस तरह की राजनीती को मजबूती से अस्वीकार किया है।