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गुजाराभत्ता से तिरस्कृत महिला का सम्मान+गरिमा बची रहती है???


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी चिंतक

औए झल्लेया मुबारकां! औए उच्च न्यायालय ने भी विवाहिता को पति की संपत्ति मानने से इंकार करते हुए व्यभिचार को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है |औए अब सोशल पोलिसिंग वाले किसी का उत्पीड़न नहीं कर सकेंगे|कोई मोब लिंचिंग नहीं होगी |

झल्ला

मेरे चतुर सुजान ! सुन लो खोल कर दोनों कान !सुप्रीम कोर्ट की सार्री बातें सिरमाथे लेकिन पतनाला कहाँ गिरेगा ये तो बताओ ?अरे बाबा माना के व्यभिचार प्राचीन अवशेष मात्र हैं लेकिन सामान्य तलाक +डिवोर्स+तीन तलाक देने वालों के हाथों त्यागी गई महिला को गुजाराभत्ता दिलवाने से क्या तिरस्कृत महिला का सम्मान + गरिमा बची रहती है?अरे बाबा ये भी तो बाबा डीएम के ज़माने के अवशेष हैं इसे भी हटवाओ