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चुनाव आयोग को आचार संहिता के उल्लंघन का जवाब देने के लिएराहुल गांधी के पास चार दिन हैं और चांदनी चार दिनों की ही तो होती हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

उत्तेजित कांग्रेसी

ओये झल्लेया हसाडे सोणे +भोले राहुल गांधी को किस गदिगेड में फंसाया जा रहा है | राहुल जी ने मुजफ्फरनगर दंगों के कुछ पीड़ित युवाओं के कल्याण के लिए आवाज क्या उठाई कि सारे पीछे ही पड़ गए |भाजपा ने तो राहुल जी पर नफरत की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से उनकी शिकायत तक कर दी |चुनाव आयोग को भी देखो इस आयोग ने उस शिकायत को रद्दी की टोकरी में डालने के बजाय उलटे राहुल जी से ही आचार संहिता के उल्लंघन केलिए जवाब तलब कर लिया और इसके लिए तय अंतिम तिथि यानि आज राहुल ने एक सप्ताह का समय माँगा तो चुनाव आयोग ने ओनली चार दिन का समय ही दिया| ये तो आप लोग भी जानते हो कि चुनावी व्यस्तता के चलते कितने झमेले होते हैंलगता है इन झमेलों में फंसाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है|

झल्ला

ओये मेरे चतुर सुजाण जी जिस प्रकार “आप” पार्टी को झाड़ू का चुनाव चिन्ह पाकर “आप” ने दिल्ली के चुनावों में आधी लड़ाई जीत ली है उसी प्रकार राहुल गांधी को भी चार दिनों की मोहलत जिताऊ साबित होगी नहीं समझे अरे चांदनी तो ओनली चार दिन की ही होती है|