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धत्त तेरे की! परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस में भी स्पेलिंग मिस्टेक;आरटीओ मेरठ

(मेरठ,यूपी) धत्त तेरे की ।अब की बार परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस में भी स्पेलिंग मिस्टेक।अबकी बार आर टी ओ मेरठ मेरे पिता के नाम से “डी””D” खा गया।
इससे पूर्व टेम्पररी लाइसेंस बनवाया था जिसमे पिता के नाम से “K”गायब था। दलाल विभाग द्वारा अंडर द टेबल मान्यता प्राप्त वरिष्ठ दलाल माफ कीजियेगा एजेंट की मार्फ़त लाइसेंस बनवाने में भी इतने झमेले।अब कोई बताए कि किसकी मां को मासी कहूँ?
लाख सिर फोड़ने पर भी कोई सुनवाई नही।हर तरफ से जवाब मिलता है कि दोबारा लाइसेंस बनवा लो।
बनवा तो लो लेकिन विभाग की गलती और मुझे 2300 ₹ का फटका झेलना पड़ेगा।
अब पूछा जा सकता है कि 1000 ₹ फीस के बजाय 2300 ₹ क्यों तो भई कोरोनाकाल मे कोरोनासुरों से बचने के लिए इन एजेंट्स का सहारा लेना दानिशमंदी का कार्य लगा।एजेंट साहब ने फीस जमा करने वाले+फोटो खींचने वाले आदि आदि से सेटिंग करके हमे मुख्य विंडो तक पहुंचा दिया। आज इस सारी कवायद में एजेंट ने कुछ चायपानी भी अर्पित किया होगा। लेकिन हमें अफसोस इस बात का है कि दोगुने पैसे देने पर भी कोरोनावधि में लंबी असुरक्षित+अव्यवस्थित लाइन में लगना पढा।जहां ना तो बॉडी टेम्प्रेचर चेक करने वाला था और ना ही हैंड सैनिटाइजर ।अर्थार्थ कोरोना प्रोटोकॉल नदारद था। वैसे अगर कायह कहना भी अनुचित नही होगा कि एजेंट की मार्फ़त जो भी लाइसेंस बनते हैं उनके लिए ट्रेनिंग की बाध्यता नही होती।अर्थार्त ट्रेनिंग फण्ड भी ……..
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कई दलालों को पकडा मगर दुर्भाग्य से चेतावनी के बाद छोड दिया
वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर 9 मार्च को आरटीओ कार्यालय में आयुक्त को देखकर दलालों में भगदड मच गई तथा उन्होने कई दलालों को पकडा, जिन्हे बाद में चेतावनी देने के बाद छोड दिया। आयुक्त के रूख से आरटीओ में दलाल अपने बस्ते तक बंद कर वहां से गायब हो गये।यहां तक तो यह छापा प्रशंसनीय है लेकिन इन दलालों की उंगलियों के इशारों से लाइसेंस बनाने वाले कर्मचारी+अधिकारियों ने कैसे प्रतिरक्षा Immune प्राप्त कर लिया ???
जानता हूँ ,दलाल अनुचित है,लाइसेंस कैंसिल भी हो सकता है लेकिन किसी ना किसी को तो कुर्बानी देनी होगी सो सरे खम तस्लीम है