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नागरिक उड्डयन मंत्रालय में वाकई सब कुछ ठीक नहीं है

इंडिगो एयर लाईन्स के प्रमोटर राहुल भाटिया द्वारा सरकार की तरफ उडाये गए भेद भाव के आरोपों से लदे जहाज़ की तरफ सरकार ने अपनी दलीलों के राम बाण छोड़ कर उसे कुछ समय के लिए निष्क्रिय भले ही कर दिया मगर पहले पायलेट्स अब अईटा और सेन्ट्रल विजिलेंस कमीशन द्वारा श्री भाटिया द्वारा लगाये आरोपों की पुष्टि की जारही है | अब जरुरत से ज्यादा टेक्स+सुरक्षा की अनदेखी और भ्रष्टाचार के आरोप भी जुड़ने लग गए हैं|
नसीम जैदी के बाद भारत भूषण,प्रशांत शुकुल से ऐ मिश्रा डी जी सी ऐ बनाए जा चुके हैं| केरला ,महाराष्ट्र के बाद यूं पी से मंत्री बनाए गए हैं मगर डी जी सी ऐ और एयर इंडिया के साथ साथ किंग फिशर और अब स्पाईस जेट कंपनी भी हिचकोंले लेने लग गई है|
श्री भाटिया ने कोलकत्ता में नागरिक उड्डयन मंत्रालय पर कुछ चुनिन्दा एयर लाईन्स के प्रति भेद भाव[बिना किसी का नाम लिए]का आरोप लगते हुए कहा था की कुछ विमानन कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नीतियों में छेड़ छाड़ की जा रही है|सरकार की तरफ से तत्काल डेनियल आ गया| निष्पक्ष+उचित +पारदर्शी जैसे पुराने सदा बहार शब्दों को प्रयोग किया गया और सभी भेद भाव के आरोपों को नकार दिया गया | पायलटों को और कर्मचारियों को वेतन नाहीं देकर सुरक्षा संकट पैदा करने वाली और जबर्दस्त किराया बढाने वाली विमानन कंपनियों के विरुद्ध किसी भी कार्यवाही को कानूनी दायरे से बाहर तक बता दिया गया | भेद भाव के सभी आरोपों को निराधार तक बता दिया गया |
इसके बाद अईटा का ब्यान आ गया जिसमे पुराने आरोपों को भी बल मिला | ग्लोबल एयरलाइंस संगठन आइटा [अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात संघ] ने सरकार को यह सुझाव दिया है कि वित्तीय संकट से जूझ रही सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया का अस्तित्व बचाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। इसके बाद ही कंपनी बिना सहारे के खड़ी हो पाएगीसंगठन ने इसके लिए जापान की दो सरकारी विमानन कंपनियों के विलय का उदाहरण भी दिया जिसने दिवालिया होने से बचने के लिए भारी तादाद में कर्मचारियों की छंटनी की।

विमानन पर सीआइआइ द्वारा आयोजित सम्मेलन में बोलते हुए आइटा प्रमुख टोनी टेलर ने कहा कि विमानन उद्योग कई समस्याओं से जूझ रहा है। महंगे ईधन, ऊंची टैक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी इस क्षेत्र के विकास में आड़े आ रही है। एयर इंडिया के बारे में उन्होंने कहा कि इसे सुधारने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए। जापान एयरलाइंस का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में इसने दिवालियेपन का आवेदन किया था। उसके बाद कंपनी ने 16 हजार कर्मचारियों की छंटनी की और 50 रूटों के उड़ान बंद किए। इसका असर वर्ष 2011 में कंपनी के वित्तीय नतीजों पर दिखा जब वह ढाई अरब डॉलर का मुनाफा कमाने में सफल रही। एयर इंडिया के निजीकरण के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनका यह सुझाव नहीं है। सरकार को सबसे पहले इसका परिचालन स्थिर करने के कदम उठाने चाहिए। इससे कंपनी को आर्थिक हालात ठीक करने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि वर्तमान में एयर टिकट के महंगे होने का रोना रोया जाता है जबकि ३००% से अधिक विभिन्न टेक्स हैं |पायलटों के वेतन फरवरी से लटके हुए हैं स्टाफ कि कमी और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद १०१ बर्खास्त पायलेट्स सेवा में नहीं लिए जा सके हैं|किंग फिशर एयर लाइंस द्वारा एम्.आई,ऐ एल को जारी करोड़ों रुपयों के चैक दो बार बैरंग लौटाए जा चुके हैं| डी एम् के के दयानिधि मारण की एयर लाईन्स का ६०० करोड़ रुपयों का हज कांट्रेक्ट [खामियों के कारन]कैंसिल किया जा चूका है| व्यवस्था से निराश पायलटों ने अब अन्ना हजारे के मंच को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है
अब सी वी सी ने डी जी सी ऐ के आठ विभिन्न अधिकारियों के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही को जरुरी बताया है|निदेशक,संयुक्त निदेशक और सहायक निदेशकों कि फौज पर अपने निजी लाभ के लिए विभिन्न विमानन कंपनियों को लाभ पहुंचाने के आरोप लगाये गए हैं|अंग्रेजी के राष्ट्रीय अखबार टाईम्स आफ इंडिया ने जोसी जोसेफ की स्टोरी को पहले पेज पर सेकेण्ड लीड में छापा है यह व्यवस्था कि आँखों को खोलने के लिए पर्याप्त है