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निर्जन बोर वेल्‍स और ट्यूब वेल्‍स[गड्डों] में बच्‍चों के गिरने संबंधी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा संशोधित दिशा निर्देश जारी किये गए हैं

निर्जन बोर वेल्‍स और ट्यूब वेल्‍स[गड्डों में ] में बच्‍चों के गिरने संबंधी घातक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा संशोधित दिशा निर्देश[ एहतियाती उपायों के मद्देनजर] जारी किये गए हैं| जिसके अंतर्गत निर्जन कुओं का समय-समय पर निरीक्षण किया जाना और खुदाई करने वाली एजेंसियों को भू-जल, जन-स्‍वास्‍थ्‍य, नगर-निगम, निजी ठेकेदारों से यह प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है कि बोर वेल, ट्यब वेल को ऊपर तक पूरी तरह भर दिया गया है आवश्यक होंगे|
उच्‍चतम न्‍यायालय ने निर्जन बोर वेल्‍स और ट्यूब वेल्‍स में छोटे बच्‍चों के गिरने संबंधी घातक दुर्घटनाओं को रोकने की दिशा में एहतियाती उपायों के संबंध में सिविल रिट याचिका संख्‍या 36,2009 के मद्देनजर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
२००९ में दायर एक सिविल रिट याचिका संख्‍या 36,2009 में ये दिशा-निर्देश दिए गए हैं:-
(1) जमीन में बोर वेल्‍स, ट्यूब वेल्‍स की खुदाई से संबंधित कोई भी काम करने से पहले भू-स्‍वामी को उस क्षेत्र के संबद्ध अधिकारी को लिखित रूप में कम से कम 15 दिन पहले सूचित करना होगा। इन अधिकारियों में जिलाधिकारी, जिलाधीश, ग्राम पंचायत का सरपंच, कोई भी संवैधानिक प्राधिकारी, भू-जल विभाग, जन स्‍वास्‍थ्‍य, नगर निगम के संबंधित अधिकारी हैं।(2) सरकारी, अर्ध-सरकारी, निजी क्षेत्र की सभी ड्रिलिंग एजेंसियों का पंजीकरण जिला प्रशासन, संवैधानिक प्राधिकारी के कार्यालय में अवश्‍य होना चाहिए।
(3) खुदाई किए जाने वाले स्‍थान पर खुदाई कार्य के दौरान विस्‍तृत विवरण वाला साइन बोर्ड लगाना, जिसमें
(अ) ड्रिलिंग एजेंसी का पूरा पता-ब्यौरा
(ब) एजेंसी, बोर वेल के मालिक का पूरा पता
(4) खुदाई स्‍थल के चारों तरफ कंटीले तारों की बाड़ लगाना या कोई अन्‍य पर्याप्‍त अवरोधक लगाना, शामिल है।
(5) खुदाई स्‍थल के चारों तरफ 0.50X0.50X0.60 मीटर परिधि के सीमेंट-कंक्रीट प्‍लेटफार्म का निर्माण।
(6) कुएं के चारों तरफ वेल्डिंग स्‍टील प्‍लेटस लगाना या पाइपों को चारों तरफ नट एवं बोल्‍ट से पूरी तरह ढकना।
(7) पंप की मरम्‍मत के दौरान, ट्यूब वेल को खुला नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
(8) खुदाई कार्य पूरा होने के बाद गड्ढ़ों एवं अन्‍य स्‍थानों का भराव।
(9) निर्जन बोर वेल्‍स को नीचे से ऊपर तक मिट्टी, रेत, पत्‍थरों या चट्टानी टुकड़ों से भरना।
(10) खुदाई कार्य पूरा होने के बाद संबंधित स्‍थान को उसी तरह किया जाना चाहिए जैसा वह खुदाई से पहले था।
(11) जिलाधिकारी को इस बात की पुष्टि का अधिकार दिया जाए कि उपरोक्‍त दिशा-निर्देश का पूरा पालन किया जा रहा हैं तथा संबंधित केंद्रीय/राज्‍य एजेंसियां इन बोर वेल्‍स-ट्यूब वेल्‍स की समुचित निगरानी कर रही हैं।
(12) जिला/ब्‍लॉक/ग्राम स्‍तर पर बोर वेल्‍स-टयूब वेल्‍स की खुदाई का ब्‍यौरा, इस्‍तेमाल किए जाने वाले कुओं की संख्‍या, निर्जन एवं खुले पाए गए बोर वेल्‍स/ट्यूब वेल्‍स की संख्‍या, पूरी तरह भू-स्‍तर तक भरे गए निर्जन बोर वेल्‍स/ट्यूब वेल्‍स की संख्‍या का विवरण जिला स्‍तर पर रखा जाना है। ग्रामीण क्षेत्रों में उपरोक्‍त निगरानी कार्य ग्राम सरपंच अथवा कृषि विभाग के कार्यकारी अधिकारी द्वारा पूरा करना है। शहरी क्षेत्रों में इन कार्यों का जिम्‍मा कनिष्‍ठ अभियंता अथवा भू-जल, जन-स्‍वास्‍थ्‍य, नगर-निगम के संबंधित अधिकारी पर होगा।
(13) अगर किसी भी चरण में कोई भी बोर वेल, ट्यूब वेल निर्जन छोड़ दिया जाता हैं तो इसकी खुदाई करने वाली एजेंसियों को भू-जल, जन-स्‍वास्‍थ्‍य, नगर-निगम, निजी ठेकेदारों से यह प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है कि बोर वेल, ट्यब वेल को ऊपर तक पूरी तरह भर दिया गया है। संबंधित एजेंसी, विभाग के सक्षम अधिकारी द्वारा निर्जन कुओं का समय-समय पर निरीक्षण किया जाना हैं। इस तरह की सारी सूचनाएं जिलाधिकारी अथवा ब्‍लाक विकास अधिकारी के कार्यालय में संकलित की जानी है।