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पकिस्तान में एक चौराहे का नाम शहीदे आज़म भगत सिंह को समर्पित

पाकिस्तान के अधिकारियों ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीदे आज़म भगत सिंह की क्रांतिकारी भावना+ आजादी के लिए दिए गए सर्वोच्च बलिदान और इस उपमहाद्वीप में ब्रितानी शासकों के खिलाफ उनकी भूमिका को स्वीकार करते हुये पूर्वी शहर लाहौर में एक चौराहे का नाम भगत सिंह के नाम पर रखा है । यह उस अविभाज्य भारत के सपूत को सच्ची श्रधान्जली है|
बताया गया है कि शदमान चौक को अब भगत सिंह चौक के नाम से जाना जायेगा ।
उल्लेखनीय है कि मार्च 1931 में लाहौर जेल में भगत सिंह को फांसी दे दी गई थी । यह वही स्थान है जहां बाद में शादमान चौराहा बनाया गया । नाम पर रखा है।
हालांकि लाहौर के कई हिंदू नामों को बदल दिया गया है फिर भी इस बेहद व्यस्त चौराहे का नाम भगत सिंह रखे जाने का स्वागत किया गया है ।
बीते शुक्रवार को लाहौर में भगत सिंह का 105वां जन्मदिन मनाया गया। इस मौके पर ‘भगत सिंह मेमोरियल सोसायटी’ ने दो अलग अलग आयोजन किये। यह सोसायटी 24 राजनीतिक और गैर राजनीतिक संगठनों का समूह हैइस मौके पर अजोका थिएटर में ‘भगत सिंह’ नामक फिल्म भी दिखाई गई।
लाहौर से 80 किमी जारांवाला तहसील का पिंगा गांव भगत सिंह का पैत्रक गांव है।भगत सिंह के दादा ने गांव में उनकी याद में एक प्राथमिक स्कूल बनवाया था। इस स्कूल की हालत अब खराब हो चुकी है।
जिला प्रशासन प्रमुख नूरूल अमीन मेंगल ने हाल ही में सिटी डिस्ट्रिक्ट गवर्नमेंट ऑफ लाहौर (सीडीजीएल) को एक सप्ताह के भीतर चौक का नाम बदलने का निर्देश दिया था।मेंगल ने सीडीजीएल के मुख्य प्रचार अधिकारी नदीम गिलानी को याद दिलाया, आप जानते हैं कि भगत सिंह कौन थे। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते हुए वे इसी जगह (शादमन चौक) पर शहीद हो गए थे।

Comments

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