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भीड़तंत्र फैलाने वाली अदर्शयस्याही को मिटाने वाला रसायन चाहिए

#भयभीतनागरिक
ओए झल्लेया! ये कौन सी नई भसुडी पड़ गई ?
कथित #किसानों ने #लोकतंत्र की दुहाई देते हुए हसाडी सोणी दिल्ली में #भीड़तंत्र लागू कर दिया राजधानी में #कोरोनासुरों को खुराक मुफ्त में मिल रही है ।!मेरठ से दिल्ली का सफर राम राम करते आठ घण्टों में पूरा हुआ।पैट्रोल और वाहन के साथ पर्यावरण की ऐसी की तैसी हुई जा रही है।इनके लिए अब बेफालतू में जेब कटेगी।
#झल्ला
भापा जी! भीड़तंत्र फैलाने वाली अदर्शयस्याही को मिटाने वाला रसायन चाहिए
आज के 1775 में #अदृश्यस्याही का अविष्कार कर लिया गया था लेकिन भीड़तंत्र को फैलाने वाले अदृश्य हाथ अभी तक ढूंढे नही जा सके। अगर इन हाथों की लिखी स्याही मिटाने वाले रसायन का अविष्कार हो जाये तो मुल्क में स्वच्छ लोक तन्त्र आ जाणा है