Ad

मोदीभापे !पीड़ित है मील के भारी पत्थर,हमे ठोकर मार के ही निकल

#मोदीभापे
धूआँ उठ रहा है हमारे दिलोजिगर से ,इधर की भी सुध लो
आसमाँ भी रोता है,सुण कर नाले मेरे,तू भी तो थोड़ा पिघल
पकड़ी है जो नई राह, उसके ऊपर ही बनी है हमारी कब्र
पीड़ित है मील के भारी पत्थर,हमे ठोकर मार के ही निकल
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052