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रालोद ने मुजफ्फरनगर हिंसा के दौरान विशेष ड्यूटी पर लगाए गए पुलिस अधिकारियों को हटाये जाने की सीबीआई जांच की मांग की

रालोद ने मुजफ्फरनगर हिंसा के दौरान विशेष ड्यूटी पर लगाए गए पुलिस अधिकारियों को हटाये जाने की सीबीआई जांच की मांग की
राष्ट्रीय लोकदल [रालोद]महासचिव + लोकसभा में मथुरा से युवा सांसद जयन्त चौधरी ने हाल ही में मुजफ्फरनगर हिंसा के दौरान विशेष ड्यूटी पर लगाए गए पुलिस अधिकारियों के छुट्टी पर जाने के घटनाक्रम को अनुचित बताते हुए राज्य सरकार की निन्दा की है।
[१] उन्होंने कहा है कि मुजफ्फरनगर में विशेष ड्यूटी पर लगाए गए एडीजी (कानून-व्यवस्था) अरुण कुमार को छुट्टी पर भेज दिया गया तथा बाद में उन्हें उनके पद से हटा दिया गया। [२]उसके बाद दंगों की जांच के लिए गठित किए गए विशेष जांच प्रकोष्ठ के मुखिया पुलिस अधीक्षक केएन मिश्रा को प्रकोष्ठ के गठन के 24 घंटे के अन्दर ही हटाकर दूसरे पुलिस अधिकारी को इसकी कमान सौंप दी गई और
[३] अब मुजफ्फरगनर के एसएसपी प्रवीण कुमार का छुट्टी पर जाना, राज्य सरकार के ऊपर सवालिया निशान लगाता है।
युवा सांसद ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम से प्रतीत हो रहा है कि मुजफ्फरनगर हिंसा पर राज्य सरकार की नीयत साफ नहीं है और न ही वह गंभीर है। युवा सांसद ने कहा है कि प्रदेश में जल्दी-जल्दी प्रशासनिक फेरबदल अव्यवस्था तथा बदहाली को दर्शाता है। इससे ईमानदार प्रशासनिक अधिकारियों का मनोबल टूटता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हालात ठीक नहीं है और ऊपर से पुलिस के उच्चाधिकारियों को छुट्टी पर भेजा जा रहा है जो अनुचित है। इससे साबित होता है कि प्रशासन राज्य सरकार के दबाव में है और इस तरह से इस मामले की निष्पक्ष जांच असंभव है। इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा होनी चाहिए।
सांसद जयन्त चौधरी ने मांग की है कि इस मामले में किसी भी निर्दोष को न फंसाया जाए और प्रशासन निष्पक्ष होकर कार्य करे। रालोद महासचिव ने लोगों से शान्ति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि लोग क्षेत्र में परम्परागत सौहार्द तथा शांति को बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें।