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विश्व के सबसे शक्तिशाली लोकतंत्रों (अमेरिका+भारत)पर संकट गहराया

(वाशिंगटन डीसी,दिल्ली)विश्व के सबसे शक्तिशाली लोकतंत्रों (अमेरिका+भारत)पर संकट गहराया
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थक कैपिटल परिसर में घुस गए और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हुए हैं।इधर भारत मे किसानों ने दिल्ली में ट्रेक्टर मार्च निकाल कर केंद्र सरकार को अलोकतांत्रिक तरीके से अपनी शक्ति दिखाइ और धमकी दी है कि अगर केंद्र सरकार यूँकि मांगों के समक्ष नही झुकी तो 26 जनवरिकी रिपब्लिक डे परेड को बाधित किया जाएगा।अनेकों मंत्रियों का आरोप है कि यह विद्रोही गतिविधियों को विपक्ष द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है
कांग्रेस के सदस्य बुधवार को ‘इलेक्टोरल कॉलेज वोट’ की गिनती कर रहे थे, इसी दौरान बड़ी संख्या में ट्रंप के समर्थक सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए कैपिटल परिसर में घुस गए। पुलिस को इन प्रदर्शनकारियों को काबू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
इन हालात में प्रतिनिधि सभा और सीनेट तथा पूरे कैपिटल को बंद कर दिया गया। उपराष्ट्रपति माइक पेंस और सांसदों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
बिगड़ते हालात के बीच राष्ट्रीय राजधानी में मेयर मुरियल बोसर ने कर्फ्यू लगा दिया लेकिन बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर उतर आए।
डोनाल्ड ट्रंप, जो पहले अपने समर्थकों को बढ़ावा दे रहे थे, हिंसा के बाद उन्होंने उनसे कानून का पालन करने और घर जाने की अपील की।
ट्रंप ने एक वीडियो संदेश में कहा था, ‘‘ यह चुनाव धोखाधड़ी भरे थे, लेकिन हम ऐसा कुछ नहीं कर सकते, जिससे खुद को नुकसान पहुंचे और दूसरों को फायदा। हमें शांति चाहिए ही चाहिए। इसलिए घर जाएं।’’
राष्ट्रपति चुनाव में धांधली संबंधी पोस्ट लगातार करने पर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट पर बुधवार को 12 घंटे के लिए रोक लगा दी।
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस पूरी घटना पर कहा कि वह स्तब्ध और काफी दुखी हैं कि अमेरिका को ऐसा दिन देखना पड़ा।
बाइडन ने राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा, ‘‘ इस समय, हमारे लोकतंत्र पर अप्रत्याक्षित हमला हो रहा है। हमने आधुनिक समय में ऐसा कभी नहीं देखा। स्वतंत्रता के गढ़, कैपिटल पर हमला। लोगों का प्रतिनिधित्व करने वालों और कैपिटल हिल पुलिस…और लोक सेवक जो हमारे गणतंत्र के मंदिर में काम करते हैं उन पर हमला…’’ उन्होंने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, ‘‘ मैं राष्ट्रपति ट्रंप से अपनी शपथ का मान रखते हुए, राष्ट्रीय टेलीविजन पर जाकर इसके अंत की मांग करते हुए संविधान की रक्षा करने की अपील करता हूं।’’ अमेरिका के सभी चार जीवित पूर्व राष्ट्रपतियों बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश, बिल क्लिंटन और जिम्मी कार्टर ने भी हमले की निंदा की है।