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हथियारों की इम्पोर्ट नीति घोटालों की जन्म दाता है :जनरल[Rtd] विजय कुमार सिंह

हथियारों की इम्पोर्ट नीति घोटालों की जन्म दाता है :जनरल[Rtd] विजय कुमार सिंह

हथियारों की इम्पोर्ट नीति घोटालों की जन्म दाता है :जनरल[Rtd] विजय कुमार सिंह

सेवाकाल के दौरान अपने विरुद्ध चलाई गई तमाम तिकड़मो पर विजय पाने वाले पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल विजय कुमार सिंह ने विदेशों से हथियारों की खरीद में चलाई जा रही दलाली की तिकड़मो को निशाना बनाया और कहा कि रक्षा सौदों में भारी दलाली होती है। पारदर्शिता के अभाव के कारण विदेशों से हथियार खरीद की पूरी प्रक्रिया ही संदेहास्पद है।
जनरल वी के सिंह २६ फरवरी को मेरठ में आये थे यदपि इससे पूर्व भी उनका वर्दी में आगमन हो चुका है मगर अब रिटायरमेंट के बाद जन सेवार्थ किसान सेना[बिना हथियार] के गठन के लिए आये |कमिश्नरी पार्क पर स्थित चौधरी चरण सिंह[किसान] और सुभाष चंद बोस[जवान] की मूर्तियों का माल्यापर्ण करके श्रधान्जली दी और जवान और किसान को एक नई शक्ति के रूप में उभरने का आह्वाहन किया|
इस अवसर पर उन्होंने हथियारों की इम्पोर्ट नीति को घोटालों की जन्म दाता बताया और कहा कि देश में ही निजी पूंजी निवेश के जरिए हथियार बनाए जा सकते हैं। उन्होंने हाल में सामने आए हेलीकॉप्टर घोटाले पर कहा कि हथियार खरीद की प्रणाली लंबी और अपारदर्शी है। इसके कारण इसमें भ्रष्टाचार घुसा हुआ है। चुनाव तंत्र में भी सुधार की जरूरत है। आज अपराधी और पैसे वाले लोग सिस्टम में आ जाते हैं। जब चुनाव लड़ने के लिए पोंटी चड्ढा जैसों से मदद न लेनी पड़े तभी अच्छा काम हो सकता है।
यह भी कहा कि नक्सलवाद जैसे मसले को हल करने के लिए देश की आर्थिक नीतियों की समीक्षा जरूरी है। आर्थिक असमानता की खाई चौड़ी रहेगीतब तक , समस्या बनी रहेगी।
गौरतलब है कि सरकारों द्वारा रक्षा सौदों में इमानदारी का ढोल पीटा जाता रहा है मगर एक के बाद एक घोटाले भी उजागर हो रहे हैं |
इनमे से कुछ प्रमुख हैं
[१]१९४८ में जीप खरीद में घोटाला हुआ जिसे १९५५ में बंद कर दिया गया
[२] श्रीमती इंदिरा गांधी इ सरकार में पनडुब्बी घोटाला उजागर हुआ इसे २००५ में बंद कर दिया गया
[३]१९८७ में बोफोर्स घोटाले ने राजीव गांधी [अब स्वर्गीय]की सरकार का तख्ता पलट दिया इस तोप की गूँज अब बंद है
[४] एन डी ऐ में तहलका ने तहलका मचाया और रक्षा मंत्री जार्ज फर्नाडीज की विदाई हुई
[५]ताबूत घोटाला भी इस सरकार के माथे को दागदार कर गया
[६]टेट्रा घोटाले में जनरल विजय सिंह फंसते फंसते बचे
[७]अगस्ता वेस्ट लैंड हेलीकाप्टर दलाली में बेचारे चीफ आफ एयर फ़ोर्स इतने भाग्यशाली नहीं दिख रहे
देश में ही रक्षा उपकरणों के उत्पादन को हतोत्साहित करने के लिए अक्सर यहाँ की गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया जाता है या फिर सुरक्षा कारणों से प्राइवेट सेक्टर के प्रवेश को रोक दिया जाता है|इसके फलस्वरूप विदेशों से हथियारों को बड़े पैमाने पर आयात किया जाता है जिसके एवज में विदेशी करेंसी बाहर जाती है |घोटाले होते हैं |और अब सेना अधिकारियों के मनोबल पर भी अटैक होने लग गए हैं|इसीलिए कुशल प्रबंधन का प्रदर्शन करते हुए देश में ही हथियारों के उत्पादन के विषय में एक प्रभावी और टाईम बाउंड नीति बनानी होगी|