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अलीगढ में सरकारी जमीन पर प्रायवेट सोसाइटी बना कर अधिकारियों द्वारा किया जा रहा सञ्चालन अवैध

[अलीगढ]अलीगढ में सरकारी जमीन पर प्रायवेट सोसाइटी बना कर अधिकारियों द्वारा किया जा रहा सञ्चालन अवैध हैअलीगढ प्रशासन की अनियमितताओं के खिलाफ आरटीआई एक्टिविस्ट ग्रुप ने मोर्चा खोला|लोकायुक्त को शिकायत भेजी |आरटीआई एक्टिविस्ट ग्रुप द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता मे बिमल खेमानी+विक्रम सिंह+विनोद वाष्णेय+उमेश श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि अलीगढ में बेशकीमती सरकारी जमीन पर प्रायवेट सोसाइटी[१९९८] बना कर उसका सञ्चालन अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है| बिमल खेमानी ने बताया कि अलीगढ प्रशासन द्वारा इस जमीन पर राजकीय कृषि एवं रोजगार नुमाइश के नाम पर अनेक टैक्सो से छूट लेकर प्रतिवर्ष चार करोड़ रुपयों तक की उगाही की जाती है जिसका कोई हिसाब नहीं दिया जाता |उन्होंने अधिकारियों के कोड ऑफ़ कंडक्ट का हवाला देते हुए डीएम की सोसाइटी के अध्यक्ष पद पर न्युक्ति पर सवाल उठाये | श्री खेमानी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आरटीआई के संरक्षक सूचना आयुक्त ही आरटीआई के हत्यारे बन गए हैं l सूचना आयुक्तों के कुकृत्यों से उत्तर प्रदेश के आरटीआई प्रयोगकर्ता जो मानवाधिकार पक्षकार भी हैं, के मानवाधिकारों का तो हनन हो ही रहा है साथ ही साथ इन आरटीआई प्रयोगकर्ताओं और मानवाधिकार पक्षकारों को संविधान द्वारा प्रदत्त सूचना के अधिकार से वंचित रखने का असंवैधानिक कार्य भी एक साजिश के तहत किया जा रहा है और भाई-भतीजावादी कार्य- संस्कृति में लिप्त सरकार इन संवेदनशील मामलों में आँख-कान मूंदे बैठी है l