Ad

“आप”सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल से बाहर आने के लिए अपने ही असूलों से एक और यूं टर्न लिया

“आप” पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को अपने और पार्टी के एक और असूल से यू-टर्न मारकर जेल से बाहर आ गए |जनता द्वारा लोक सभा के चुनावों में ठुकराये जा चुके अरविन्द केजरीवाल को हाई कोर्ट से भी मिले झटके के फलस्वरूप दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जेल से बाहर आने के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में निजी मुचलका जमा करा दिया।
देर शाम कोर्ट के आदेश पर वह जेल से बाहर भी आ गए।अब पार्टी द्वारा इस यूं टर्न को भुनाने की कवायद शुरू कर दी गई है |
गौरतलब है कि नितिन गडकरी के मानहानि मामले में पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा कोर्ट अवमानना के लिए केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के फैसले के विरोध में अधिवक्ता प्रशांत भूषण हाई कोर्ट पहुंचे थे जहाँ माननीय न्यायमूर्ति कैलाश गंभीर + न्यायमूर्ति सुनीता गुप्ता की खंडपीठ के समक्ष दलील दी गई कि जब कोई आरोपी अपने वकील के साथ अदालत में पेश होता है तो उसे मुचलका भरने कोई जरूरत नहीं है। ऐसे में केजरीवाल को जेल भेजना अवैध है।
गडकरी की तरफ से पेश हुई अधिवक्ता और भाजपा नेत्री पिंकी आनंद ने केजरीवाल की याचिका का विरोध करते हुए कानून की व्याख्या करते हुए कहा कि कानून के अनुसार ऐसे मामलों में सभी आरोपियों को मुचलका भरना होता है ताकि तारीखों पर बुलाये जाने पर कोर्ट में उसकी उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके।
इस पर खंडपीठ ने कहा कि कानून के अनुसार केजरीवाल को निजी मुचलका जमा कराना ही होगा। इसी मामले में केजरीवाल की ओर से पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा उन्हें जेल भेजने के निर्णय के खिलाफ दायर याचिका पर भाजपा नेता नितिन गडकरी व दिल्ली सरकार को भी नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा गया है।
अब इस याचिका पर 31 जुलाई को सुनवाई होगी।