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१९८४ में सिख नरसंहार के दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग को लेकर 10 फरवरी को पी एम् निवास की और मशाल जुलूस

[नई दिल्ली]१९८४ में सिख नरसंहार के दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग को लेकर 10 फरवरी को पी एम् निवास की और मशाल जुलूस|
1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के निर्दोष पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी [ DSGPC ] ने देश-विदेश में बसे सिखों से वॉक फार जस्टिस निकालने की अपील की है।उधर शिरोमणि अकाली दल[SAD] के प्रवक्ता डॉ दलजीत सिंह चीमा ने स्वर्ण मंदिर में हुए सैनिक अभियान में ब्रिटेन की भूमिका की जांच की मांग की है|
बृहस्पतिवार को रकाबगंज के कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में डीएसजीपीसी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने यह घोषणा की है ।
1984 के दंगों में दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए उन्होंने देश-विदेश में बसी सिख संगत से अगले सोमवार को अपनी-अपनी कॉलोनियों में यह विरोध प्रदर्शन करने की अपील की।

Manjit Singh GK

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उन्होंने घोषणा की 10 फरवरी की शाम को गुरुद्वारा बंगला साहिब से प्रधानमंत्री निवास की ओर तथा शुक्रवार शाम 14 फरवरी को तिलक विहार में वॉक फार जस्टिस मार्च निकाला जाएगा जिसमे शामिल लोग हाथ में मशाल लेकर चलें तथा सोई हुई काग्रेस सरकार को जगाएं।
1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार का हवाला देते हुए उन्होंने दरबार साहिब अमृतसर पर फौज द्वारा किए गए हमले एवं नवंबर 1984 के सिख विरोधी दंगों को सरकार द्वारा प्रायोजित एवं पूर्व नियोजित हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि अब ब्रिटिश सरकार भी इसे स्वीकार कर चुकी है। उन्होंने ऑपरेशन ब्लू स्टार पर ब्रिटिश सरकार के सहायता देने के कबूलनामे के सामने आने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस मसले पर अपनी पार्टी का पक्ष रखने की भी मांग की। इस अवसर पर डीएसजीपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविंदर सिंह खुराना+ वरिष्ठ अकाली नेता ओंकार सिंह थापर+ कुलदीप सिंह भोगल+ हरदेव सिंह धनोआ + चमन सिंह आदि भी मौजूद थे।इसके साथ ही एस ऐ डीSAD ने इसे पार्लियामेंट में भी जोर शोर से उठाया है|
पार्टी प्रवक्ता डॉ दलजीत सिंह चीमा ने १९८४ के ऑपरेशन ब्लू स्टार को धर्म प्रिय सिख संगत के साथ धोखा बताया और इसके पीछे की वास्तविक कारण बताने की मांग भारत सरकार से कीGolden Temple
उधर ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ में तत्कालीन ब्रिटिश सरकार की भूमिका को लेकर उठे बवाल के बीच वर्त्तमान प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने खुद सफाई पेश की है। उन्होंने कहा है कि 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सिख अलगाववादियों को खदेड़ने के लिए भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार में तत्कालीन मार्गरेट थैचर सरकार शामिल नहीं थी।
जबकि इसके एक दिन पहले ही वहीँ के विदेश मंत्री विलियम हेग सैन्य कार्रवाई में ब्रिटेन की सलाहकार की भूमिका को स्वीकार किया था
इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से मिलकर 1984 दंगों की एसआईटी से जांच कराने की मांग की थी
कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने टी वी चैनल टाइम्स नाउ के एंकर अरनव गोस्वामी को एक इंटरव्यू दिया जिसमे उन्होंने सिख नरसंहार में कुछ कांग्रेसी नेताओं की संलिप्तता स्वीकार की जिसे लेकर सिख समाज में रोष व्याप्त हो गया और DSGPC + SAD +आम आदमी पार्टी+BJP+ने इसे मुद्दा बना लिया है उधर ब्रिटेन में भीचुनावों में सिख वोटरसंख्या अच्छी खासी प्रभाव डालती है इसीके चलते वहाँ भी लीपा पोती जारी है |