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बजट ने अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त स्पोर्ट्स इंडस्ट्रीज की सुध नहीं ली

बजट ने अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त स्पोर्ट्स इंडस्ट्रीज की सुध नहीं ली

बजट ने अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त स्पोर्ट्स इंडस्ट्रीज की सुध नहीं ली

[मेरठ ]: उत्तर प्रदेश के बाद अब केंद्र ने भी स्पोर्ट्स इंडस्ट्रीज की सुध नहीं ली पी चिदम्बरम के बजट में इस अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त उद्योग को कोई राहत नही दी गई है| करों के ग्रहण से कराह रही स्पो‌र्ट्स इंडस्ट्री को करों में रियायत + उत्पाद करों की सीमा बढ़ाना+ निर्यात प्रोत्साहन यौजना के आलावा स्कूल कालेजों में स्पोर्ट्स को आवश्यक किये जाने की उम्मीद थी मगर ये सारी अपेक्षाएं उपेक्षित ही रही|
गौरतलब है के खेलकूद उद्योग हमेशा उत्पाद कर मुक्त रहा लेकिन वर्ष 2011 में 1.5 करोड़ टर्नओवर वाले खेल उद्योगों को इसके दायरे में ले आया गया। इससे विशेषकर निर्यातकों पर प्रभाव पड़ा |महंगाई के कारण पांच करोड़ टर्नओवर सीमा तय करने की मांग की गई थी
इसके अलावा फिटनेस कारोबार पर 14 फीसदी ट्रेड टैक्स लगा दिया गया, जिसको लेकर इस बजट में खास चर्चा नहीं हुई। आल इंडिया स्पो‌र्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग संघ के महासचिव सुनील शर्मा कहते हैं कि हमें उम्मीद थी कि प्रदेश बजट में ट्रेड टैक्स हटाया जाएगा।स्पोर्ट्स को कम्पलसरी किया जाएगा मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ |रेल भाडा बढाये जाने पर श्री शर्मा का कहना है के अधिकांशत उधमियों का मोह रेल से टूट चूका है इसीलिए कोरियर को प्राथमिकता दी जाती है|