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भारतीय सेना के लिए इटालियन हेलीकाप्टरों की खरीद में घूस की मांग

अत्यंत गोपनीयता बरतने वाली रक्षा सेवाओं में भी अब भ्रष्टाचार की एक के बाद एक परतें खुलने लग गई है|बोफोर्स के बाद काफी समय तक गोपनीयता बरते जाने के बाद अब पुनः रक्षा सौदों के लिए मंत्रालय जांच के घेरे में आ रहा है| सेवानिवृत जनरल तेजिंदर सिंह द्वारा टात्रा ट्रकों में घूस की पेश कश के बाद एक ब्रिगेडियर भी खरीद मामलों में जांच के घेरे में आ गए हैं| अबकी बार थोड़ा स्टोरी में ट्विस्ट है\पहले दलाल ने घूस की पेश की थी जिसे सिटिंग जनरल ने ठुकरा कर उसकी जांच करवा दी है और अब घूस मांगने के लिए सप्लाईंग कंट्री द्वारा भारतीय सेना के ब्रिगेडियर पर आरोप लगाए गए हैं| हेलीकाप्टर के एक सौदे में एक इतालवी कंपनी से कथित तौर पर 50 लाख डॉलर की रिश्वत मांगने वाला एक ब्रिगेडियर जांच के दायरे में लाया गया है। रक्षा मंत्रालय ने इटली की सरकार से ब्यौरा मांगा है फिलहाल इटली में जारी एक जाँच के दौरान ये आरोप चेन्नई स्थित ‘आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी’ में पोस्टेड एक ब्रिगेडियर के खिलाफलगाए जा रहे हैं| रक्षा मंत्री ऐ के एंटोनी [/caption
आरोप है कि थलसेना के लिए 197 लाइट हेलिकॉप्टरों[ 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों ]सहित रक्षा सौदों के लिए कथित तौर पर रिश्वत की पेशकश की जा रही है। भारत के साथ रक्षा सौदों में यह कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड की मूल कंपनी है।
रक्षा मंत्रालय ने इतालवी सरकार और संबद्ध एजेंसियों से विदेश मंत्रालय के जरिए इस बारे में जानकारी मांगी है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अगस्ता वेस्टलैंड को 12 एडब्ल्यू101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए निविदा मिल चुकी है जबकि 197 हेलीकॉप्टरों के सौदे में उसकी बोली खारिज हो गई है।