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भारत के सर्वोच्च बैंकर ‘राजन’ ने एक ही बैंकर द्वारा बड़े कर्ज की जिम्मेदारी लिए जाने की वकालत की

[मुंबई]भारत के सर्वोच्च बैंकर राजन ने एक ही के बैंकर द्वारा बड़े कर्ज की जिम्मेदारी लिए जाने की वकालत की
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने बैंकों के मौजूदा रिण मंजूरी ढांचे में बदलाव की वकालत की है।
उनका कहना है कि रिण मंजूरी के लिये मौजूदा समिति आधारित व्यवस्था के बजाय किसी एक बैंकर को इसकी जिम्मेदारी उठानी चाहिये और यदि वह परियोजना सफलता के साथ आगे बढ़ती है तो उस अधिकारी को पुरस्कृत भी किया जाना चाहिये।
बैंकों के सालाना सम्मेलन को संबोधित करते हुये राजन ने कहा,
‘‘यह भी हो सकता है कि जब समितियां रिण के संबंध में अंतिम फैसला लें तब किसी वरिष्ठ बैंकर को रिण प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त करते हुये उसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिये और अपना नाम प्रस्ताव पर डालना चाहिए।’’
गवर्नर ने कहा, ‘‘इसके लिए बैंकरों को प्रोत्साहन देने की प्रक्रिया भी तैयार की जानी चाहिए ताकि वे सावधानी से परियोजनाओं का आकलन, डिजाइन और उनकी निगरानी करें और इसके सफल होने पर उन्हें पुरस्कार भी दिया जाये।’’
बैंकरों की संस्था आईबीए और फिक्की द्वारा आयोजित बैंकिंग सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजन ने कहा कि प्रस्तावों के बारे में बेहतर तरीके से जांच करने में प्रौद्योगिकी बड़ी भूमिका निभा सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘बैंकों की सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली विभिन्न बैंकरों द्वारा मंजूर किए गए रिणों के रिकार्ड को आसानी से दर्शा सकती है और अधिकारियों की प्रोन्नति में इसका योगदान हो सकता है।’’