[नई दिल्ली]वित्तमंत्री ने घरेलू बचत में वृद्धि करने और सुरक्षित अल्प बचत योजनाओं में निवेश का उपदेश दिया|केवीपी में किया गया निवेश 100 महीनों में दोगुना होने के आश्वासन के साथ ही उन्होंने लुभावनी निजी योजनाओ से सचेत भी किया |
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारत वासियों को अपनी घरेलू बचत में वृद्धि करने और उसे ऐसी अल्प बचत योजनाओं में निवेश करने का उपदेश दिया है जो सरल, सुरक्षित एवं सुगम हैं |
केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री जेटली ने लोगों से अपनी घरेलू बचत में बढ़ोतरी करने और उसे किसान विकास पत्र (केवीपी) जैसी अल्प बचत योजनाओं में निवेश करने को कहा है। उन्होंने कहा कि इनमें निवेश की जाने वाली राशि का इस्तेमाल देश में विभिन्न विकास गतिविधियों में किया जाता है जिससे लोग लाभान्वित होते हैं। उन्होंने कहा कि निजी तौर पर संचालित की जाने वाली पोंजी योजनाओं से लोगों को दूर रहना चाहिए, क्योंकि वे असुरक्षित और जोखिम भरी होती हैं। उन्होंने कहा कि भले ही इन योजनाओं में अपेक्षाकृत ज्यादा ब्याज दर की पेशकश की जाती है, लेकिन कई मर्तबा लोगों ने इनमें अपनी गाढ़ी कमाई गंवाई है। वित्त मंत्री ने कहा कि लोगों को इसके बजाय सरकार द्वारा संचालित की जाने वाली अल्प बचत योजनाओं में निवेश करना चाहिए जो सरल, सुरक्षित और सुगम होती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इन योजनाओं के तहत लोगों को यथासंभव ज्यादा-से-ज्यादा रिटर्न की पेशकश की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि हमने आज किसान विकास पत्र (केवीपी) को फिर से लांच किया। वित्त मंत्री ने कहा कि यह योजना किसानों समेत सभी के लिए खुली हुई है। वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली आज यहां आयोजित एक समारोह में किसान विकास पत्र योजना को फिर से लांच करने के बाद सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि केवीपी में किया गया निवेश 100 महीनों में दोगुना हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि इसमें निवेश से न केवल निवेशकों, बल्कि सरकार को भी फायदा होगा। उन्होंने केवीपी खरीदने वाली पहली महिला सुश्री संतोष और केवीपी खरीदने वाले पहले पुरुष श्री हर प्रकाश समेत अनेक लोगों को इस अवसर पर सर्टिफिकेट दिये।
केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्राद्योगिकी मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने इस अवसर पर कहा कि हमें एक ऐसे वित्तीय प्रपत्र की जरूरत है, जो लोगों की बचत आकर्षित करने के लिहाज से सुरक्षित हो। उन्होंने कहा कि खासकर गरीबों और किसानों का केवीपी से विशेष लगाव रहा है। श्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी हैं कि अल्प बचत और डाक घर पिछले कई वर्षों से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि देशभर में 30 करोड़ 8 लाख से भी ज्यादा डाक खाता धारक हैं और डाक विभाग के जरिये 60 से भी ज्यादा अल्प बचत योजनाएं संचालित की जा रही हैं।