[नयी दिल्ली] श्रद्धा की “हवा में फड़फड़ाती चिट्ठी” को कड़कड़ाते ५० हजार का “ज्ञानपीठ ”
दो रचनाकारों को नवलेखन पुरस्कार के लिए चुना गया है
भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा नवोदित रचनाकारों की पहली कृति की पांडुलिपि पर दिया जाने वाला नवलेखन पुरस्कार
श्रद्धा और
घनश्याम कुमार देवांश
को प्रदान किया जायेगा।
ज्ञानपीठ द्वारा यहां आज जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि 2016 का 12वां नवलेखन पुरस्कार श्रद्धा के लघु कथा संग्रह
‘हवा में फड़फड़ाती चिट्ठी’ और घनश्याम कुमार देवांश के काव्य संग्रह ‘
आकाश में देह’
की पांडुलिपि को प्रदान किया गया।
दोनों को सरस्वती की प्रतिमा,
प्रशस्ति पत्र और
50 हजार रूपये प्रदान किये जायेंगे।
इनके साथ चार अन्य रचनाकारों की रचनाओं का प्रकाशन ज्ञानपीठ करेगा।
वरिष्ठ रचनाकार विष्णु नागर की अध्यक्षता में चयन समिति की बैठक में इन दोनों का चयन किया गया।