Ad

ऐतिहासिक महत्त्व के स्मारकों का संरक्षण कार्य भी संविदा कर्मचारियों के ही भरोसे

[नयी दिल्ली]ऐतिहासिक महत्त्व के स्मारकों का संरक्षण कार्य भी संविदा कर्मचारियों के ही भरोसे
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भी संविदा कर्मचारियों के ही भरोसे चल रहा है
३००० कर्मचारियों की कमी के चलते 2015-16 में 1720 संविदा कर्मचारियों की भर्ती की गयी।यह स्वीकोरोक्ति संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने लोकसभा में की
सरकार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण [एएसआई]में कर्मचारियों की कमी को स्वीकार किया लेकिन यह भी आश्वासन दिए कि श्रमशक्ति की कमी के चलते ऐतिहासिक महत्व के स्मारकों का संरक्षण कार्य प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।
संस्कृति मंत्री डॉ महेश शर्मा ने लोकसभा में कलिकेश नारायण सिंहदेव के प्रश्न के उत्तर में स्वीकार किया कि एएसआई में स्वीकृत पदों की संख्या 8,424 है जिसमें केवल 5,501 पद भरे गये हैं।
मंत्री के अनुसार उनके मंत्रालय के अधीन एएसआई समेत समस्त 45 संस्थानों के लिए 15,607 स्वीकृत पदों में 10,284 पद भरे गये हैं। इन सभी संस्थानों में यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाये जाते हैं कि आवश्यक कर्मियों के अभाव में संस्थानों का कामकाज प्रभावित नहीं हो।
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘पर्याप्त श्रमशक्ति के अभाव में राष्ट्रीय महत्व के किसी स्मारक की अनदेखी नहीं की गयी है।’’ उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति, त्यागपत्र और लोगों की मृत्यु आदि कारणों से खाली होने वाले पदों की आवधिक समीक्षा की जाती है और समय समय पर भर्ती एजेंसियों के साथ रिक्तियों को भरने के लिए उचित कार्रवाई की जाती है।
उन्होंने कहा कि संरक्षण कार्य प्रभावित नहीं होने देने के लिए संविदा कर्मियों की भर्ती की जाती है और इस बाबत 2015-16 में 1720 संविदा कर्मचारियों की भर्ती की गयी।गौरतलब हे के अनेकों विभागों में स्थाई पदों के रिक्तियों के स्थान पर संविदा कर्मी रखे गए हैं