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मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी को कानूनी दायरे में रखे जाने की मांग उठी

[अलीगढ,यूं पी]नवनियुक्त मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी को कानूनी दायरे में रखे जाने की मांग उठी |
आरटीआई एक्टिविस्ट ग्रुप ट्रैप ने प्रदेश के राज्यपाल को लिखे पत्र में यह मांग की है |ट्रैप के संरक्षक बिमल कुमार खेमानी और अध्यक्ष ई. विक्रम सिंह द्वारा प्रेषित इस पत्र में कहा गया है कि :
१] नवनियुक्त मुख्य सूचना आयुक्त उत्तर प्रदेश , श्री जावेद उस्मानी , ने विभिन्न शहरों के ८ आर टी आई आवेदकों पर जांच के आदेश दिए है I
२]सूचना अधिकार कानून के अंतर्गत सभी सूचना आयुक्तों का दायित्व इस कानून के अंतर्गत आवेदकों द्वारा दायर की गई अपील एवम शिकायत की सुनवाई करते हुए जन सूचना अधिकारी पर आवश्यक कार्यवाही करते हुए आवेदक [पीड़ित]को सूचना दिलाना है I
३] केंद्रीय सूचना आयुक्त हो या राज्य के सूचना आयुक्त सभी का दायरा सूचना अधिकार कानून के अंतर्गत है तथा उन्हें उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशो के अनुसार सभी तरह के दीवानी +फौजदारी या अन्य सभी प्रचलित कानून के अंतर्गत न्याय करने का कोई भी अधिकार इस कानून में कही भी नहीं दिया गया I
४] जावेद उस्मानी , का ऐसा मनमाना कृत्य सूचना अधिकार कानून के प्रावधानों की परिधि से बाहर जाकर अपने पूर्वाग्रहों से ग्रसित ही नहीं बल्कि उक्त कानून का उल्लंघन करने के साथ साथ , देश में प्रचलित न्याय प्रणाली का अतिक्रमण एवम संविधान की मूल भावनाओ के विपरीत भी है I
५]जो मामले श्री उस्मानी ने ब्लेक मेल करना बताया है उसे सम्बंधित अधिकारीगण देश में प्रचलित कानून के अनुसार कार्यवाही करने में सक्षम है किन्तु सूचना कानून या मुख्य सूचना आयुक्त इसपर किसी भी तरह की कार्यवाही के लिए न तो अधिकृत है न ही सक्षम I