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पद्मश्री कवि नीरज ने सम्मान लौटाने वाले अदीबों की आलोचना कीऔर इस राजनीती को दुखद बताया

[बरेली,यूंपी]पद्मश्री कवि नीरज ने सम्मान लौटाने वाले अदीबों की आलोचना की और इस राजनीती को दुखद बताया
प्राख्यात कवि नीरज ने साहित्यकारों की इस सियासत को दुखद बताया है |
प्रख्यात कवि और गीतकार गोपालदास ‘नीरज’ ने देश में ‘बढ़ती असहिष्णुता’ के विरोध में साहित्यकारों द्वारा अपने सम्मान लौटाये जाने पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि अदीबों का यूं सियासत करना बेहद दुखद है और इसके जरिये पूरे देश की मान-मर्यादा से खिलवाड़ हो रहा है।
नीरज ने बरेली में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय मुशायरे +कवि सम्मेलन में शिरकत के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में पूछे जाने पर कहा
‘‘यह दुख की बात है कि अब साहित्यकार भी सियासत करने लगे हैं। देश में किसी भी तरह की असहिष्णुता नहीं है। झूठी बात प्रचारित करने वाले लोग पूरे देश की मान-मर्यादा से खिलवाड़ कर रहे हैं।’’
पद्मश्री नीरज ने पिछले दिनों देश में असहिष्णुता बढ़ने का आरोप लगाते हुए इसके विरोध में अपने पुरस्कार लौटाने वाले साहित्यकारों को कांग्रेस का ‘चाटुकार’ करार दिया था और कहा था कि कांग्रेस की हुकूमत में जिन्हें पुरस्कार मिला, उन्होंने ही स्वामी भक्ति का प्रदर्शन करते हुए उसे वापस कर दिया।
मशहूर साहित्यकार ने अवार्ड लौटाने वाले साहित्यकारों पर दोहरे पैमाने अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि जब लाखों कश्मीरी पंडितों को उनके ही वतन से बेदखल किया गया तब किसी साहित्यकार की आत्मा नहीं जागी। आज बहुमत से चुनी गयी सरकार के खिलाफ रची गयी साजिश में शामिल होकर वे अवार्ड वापस कर रहे हैं।
नीरज ने खासकर समाजवादी पार्टी में बढ़ते परिवारवाद पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया मगर कहा कि परिवारवाद तो इंदिरा गांधी ने शुरू किया था।
उन्होंने नरेन्द्र मोदी को उर्जावान प्रधानमंत्री और अखिलेश यादव को नयी तथा सकारात्मक सोच का मुख्यमंत्री बताया।