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दिल्ली कोर्ट ने अवैध संबंधों को आपराधिक श्रेणी से बाहर किया

[नयी दिल्ली]दिल्ली कोर्ट ने अवैध संबंधों को परिभाषित करते हुए इन्हें आपराधिक श्रेणी से बाहर किया
दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि अवैध संबंध तलाक मांगने का एक आधार हो सकता है लेकिन किसी अनैतिक कार्य को आपराधिक क्षेत्र में नहीं ले जाया जा सकता है।
अदालत ने एक व्यक्ति को अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिये उकसाने के आरोपों से बरी करते हुए यह टिप्पणी की। महिला ने पति के विवाहेतर रिश्तों के चलते कथित रूप से खुदकुशी कर ली थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनोज जैन ने कहा, ‘‘अवैध रिश्ते रखने का आरोपी का कृत्य भले ही अपनी पत्नी के प्रति बेवफाई दिखाती हो। यह विश्वासघात करना हो सकता है, लेकिन दंड संहिता के तहत सजा आमंत्रित करने वाले किसी आपराधिक कार्य छेत्र में नहीं जायेगा।’’
अदालत ने आरोपी को आरोपों से बरी करते हुए कहा कि यह ‘‘मुकम्मल तौर पर साबित नहीं किया गया’’ कि उसका कोई विवाहेतर रिश्ता था।
अभियोजन के अनुसार महिला को जब अपनी शादी के एक साल के अंदर अपने पति के विवाहेतर रिश्तों का पता चला तो उसने कथित रूप से आत्महत्या कर ली। महिला के भाई ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई। उसने यह दावा किया कि आरोपी उसकी बहन को नियमित रूप से पीटता था।