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देश का किसान विपक्ष के दुष्प्रचार से गुमराह नही हों:सरकार हितकारी है:पीएम के”मन की बात”

[नई दिल्ली]देश का किसान विपक्ष के दुष्प्रचार से गुमराह नही हों:सरकार हितकारी है:पीएम के”मन की बात” १५ वीं लोक सभा के १६ वें पीएम नरेंद्रमोदी ने पांचवें महीने में रेडियो पर अपने छठे सम्बोधन में १० मुख्य बिन्दुओं पर मन की बात करके देश में विपक्ष द्वारा भ्रमित किये जा रहे करोड़ों किसानों के मन को छूआ |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज किसानों के साथ मन की बात करते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक के बारे में झूठ बोला जा रहा है, आप गुमराह न हों। सरकार भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में सिर्फ खामियों को दूर कर रही ​है।
पीएम ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के लिए सबसे पहले सरकारी जमीन का उपयोग होगा । उसके बाद बंजर भूमि और अगर फिर आखिर में अनिवार्य हुआ तो तब जाकर के उपजाऊ जमीन को अधिग्रहित किया जाएगा |बंजर भूमि का तुरंत सर्वे करने के लिए भी कहा गया है|पी एम ने बताया कि 2013 के पिछली सरकार के समय बने कानून में जो मुआवजा तय हुआ है, उस में रत्ती भर भी फर्क नहीं किया गया है। चार गुना मुआवजा तक की बात को हमने स्वीकारा हुआ है।
इतना ही नहीं,जो पिछली सरकार की तेरह योजनाओं में शामिल नही था, उसको भी मुआवजे के लिए अब जोड़ दिया गया है।
इतना ही नहीं, शहरीकरण के लिए जो भूमि का अधिग्रहण होगा, उसमें विकसित भूमि, २०% उस भूमि मालिक को मिलेगी ताकि उसको आर्थिक रूप से हमेशा लाभ मिले|परिवार के युवक+खेत मजदूर की संतान को भी नौकरी मिलनी चाहिए,।जिला अधिकारी को लिखित रूप से घोषित करना पड़ेगा कि किसको +,किसमें +कहाँ पर काम मिलेगा, । ये नयी चीज़ जोड़ करके सरकार की जिम्मेवारी को फिक्स किया गया है।
निजी उद्योग + कॉर्पोरेट + प्राइवेट कारखानों के लिए ये ‘सहमति’ का कानून चालू है+है+है।
अभी तक गाँव के किसानों के बच्चे दिल्ली और मुंबई की झुग्गी झोपड़ियों में जिन्दगी बसर करने के लिए मजबूर होते हैं ? क्या उनके घर और गाँव के 20-25 किलोमीटर की दूरी पर एक छोटा सा भी कारखाना लग जाता है और उसको रोजगार मिल जाता है, तो मिलना चाहिये की नहीं मिलना चाहिये? और ये कॉरिडोर प्राइवेट नही है, ये सरकार बनाएगी। सरकार बनाकर के उस इलाके के लोगों को रोजगार देने का प्रबंध करेगी और इसीलिए जिसकी मालिकी सरकार की है, और जो गाँव की भलाई के लिए है, गाँव के किसानो की भलाई के लिए है, जो किसानों की भावी पीड़ी की भलाई के लिए हैं, जो गाँव के गरीबों की भलाई के लिए हैं, जो गाँव के किसान को बिजली पानी मोहैया कराने के लिए उनके लिए हैं, उनके लिए इस भूमि अधिग्रहण बिल में कमियाँ थी, उस कमियों को दूर करने का हमारे प्रामाणिक प्रयास हैं।…फिर भी किसी को लगता है कोई कमी हैं,तो हम उसको सुधार करने के लिए तैयार हैं।
बाबा साहेब अम्बेडकर ने हमें जो संविधान दिया है, इस संविधान के तहत आप हिंदुस्तान के किसी भी कोर्ट में जा करके दरवाजे खटखटा सकते हैं। तो ये झूठ फैलाया गया है। हाँ, हमने एक व्यवस्था को आपके दरवाजे तक लाने का प्रयास किया है। “सोयल हेल्थ कार्ड ” की बात लेकर के आये हैं। हर किसान को इसका लाभ मिलने वाला है, आपके उर्वरक का जो फालतू खर्चा होता है उससे बच जाएगा। आपकी फसल बढ़ेगी। आपको फसल का पूरा पैसा मिले, उसके लिए भी तो अच्छी मंडियां हों, अच्छी कानून व्यवस्था हो, किसान का शोषण न हो, उस पर हम काम कर रहे हैं और आप देखना मेरे किसान भाइयो, मुझे याद है, मैं जब गुजरात में मुख्यमंत्री था इस दिशा में मैंने बहुत काम किया था। हमारे गुजरात में तो किसान की हालत बहुत ख़राब थी, लेकिन पानी पर काम किया, बहुत बड़ा परिवर्तन आया। गुजरात के विकास में किसान का बहुत बड़ा योगदान बन गया जो कभी सोच नही सकता था। गाँव के गाँव खाली हो जाते थे। बदलाव आया, हम पूरे देश में ये बदलाव चाहते हैं जिसके कारण हमारा किसान सुखी हो।
बारिश और ओला वृष्टि से हुए नुकसान के प्रति सरकार पूरी संवेदना के साथ, आपकी इस संकट की घड़ी में, आपको पूरी तत्परता से मदद करेगी। जितना हो सकता है, उसको पूरा करने का प्रयास किया जायेगा।