झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
औरतों की मूर्तियों को भी नहीं छोड़ा जा रहा
एक बसपाई
ओये झल्लेया ये कया हो रहा है?ओये प्रदेश में बड़ते जा रहे क्राईम की रोक थाम के प्रति उदासीन इस सपा सरकार में अपने चुनावी अजेंडे को पूरा करने के लिए अब मूर्तियाँ को तोड़ने को प्राथमिकता दी जा रही है|चैन स्नेचिंग +चोरी+लूट+डकैती+अपहरण +मर्डर +बलात्कार का ग्राफ ऊपर जा रहा है और इन तालिबानिओं को मूर्ति तोड़ने से ही फुर्सत नहीं है |ओये अब क्राईम की रोक थाम कैसे होगी??
झल्ला
हाँ जी वाकई यूं पी का निकल रहा है दम क्राईम यहाँ नहीं हो रहा कम |यहाँ तो अब महिलाओं की छोड़ो महिलाओं की मूर्तियों को भी नहीं छोड़ा जा रहा| राजधानी में आप जी की बहन जी की सुरक्षा के घेरे में लगी सफ़ेद +सुन्दर+ बोलती हुई +हाथ में पर्स लिए+संगमरमर की मूर्ति को भी तोड़ डाला गया |ये तो भाई वाकई हद नालों वि वद ही है
Apple now has Rhapsody as an app, which is a great start, but it is currently hampered by the inability to store locally on your iPod, and has a dismal 64kbps bit rate. If this changes, then it will somewhat negate this advantage for the Zune, but the 10 songs per month will still be a big plus in Zune Pass’ favor.