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अबहूँ ना बरसे बदरवा ,सावन भागे जाये ,हाय रे सावन भागे जाये

अबहूँ ना बरसे बदरवा ,सावन भागे जाये ,हाय रे सावन भागे जाये
रमज़ान में रोज रोजे रखे,सच्ची इबादत में दिन दिए सब बिताये,
फिर बदरा तू क्यूँ नहीं बरसाए ,हाय रे बदरा क्यूँ ना तू बरसाए
अबहूँ ना बरसे बदरवा ,सावन भागे जाये ,हाय रे सावन भागे जाये
भोलो ने कावण है उठाई ,लम्बी रेस लगाये ,पावों में छाले पड़ गए
फिर भी पानी को तू तरसाये ,हाय क्यूँ फिर पानी को भी तरसाये
अबहूँ ना बरसे बदरवा ,सावन भागे जाये ,हाय रे सावन भागे जाये
शिर्डी वाले साईं दूध से दिए नहलाये हाँ जी दूध से दिए नहलाये
हिन्दू मुस्लिम दोनों ने अपने फर्ज निभाए फिर भी तूने सभी तरसाये
सभी ही तरसाये हाय रे सभी को ही तरसाये ,सावन भागे जाये
हाय रे सावन भागे जाये ,सभी का सावन भागे जाये