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एल के अडवाणी ने साबित कर दिया कि वड्डे अगर सांप नहीं रहते तो वठुयें[बिच्छु] जरुर होते है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी भाजपाई

ओये झल्लेया बैठे बिठाए ये क्या पंगा पड़ गया ? इतनी मुश्किलों से गोवा में मंथन करके नरेन्द्र मोदी सरीखे अमृत को निकाला गया था लेकिन ये बाबा एल के अडवाणी इस अमृत को जहर बनाने पर तुले हैं | इससे भाजपा की ऐसी की तैसी हो रही है|

झल्ला

ओ सेठ जी पुराणी कहावत है कि वड्डे [बड़े]अगर सांप नही रहते तो वठुयें[बिच्छु] जरुर होते है और आप जी ने अपने घर के सबसे बड़े अडवाणी को किनारे लगा दिया|अडवाणी भविष्यवाणी के अनुसार मोदी की ताज पोशी से कांग्रेस को फायदा पहुंचेगा सो इसकी शुरुआत हो गई है| झल्ले विचारानुसार अगर मामले को जल्द नही संभाला गया तो अमृत को विष बनाने में देर नही लगेगी|