झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ
कांग्रेसी चीयर लीडर
ओये झल्लेया माना कि हम लोग फिर दिल्ली हार गए हैं इसका ये मतलब नहीं कि हर कोई हमें दुत्कारता चला जाये |पहले मीडिया वालों ने हसाडे सोणे अजय माकन के बारे में उलटी सीधी ख़बरें देनी शुरू कर दी यहां तक कह दिया कि चार पीढ़ियों से सच्चे कांग्रेसी अजय माकन कांग्रेस छोड़ रहे हैं उनसे जान छुड़ाई तो अब हसाड़ी अपनी ही शीला दीक्षित जी ने अजय माकन के न्रेतत्व क्षमता पर सवाल दागना शुरू कर दिया है|ओये ये तो अच्छा हुआ कि हाई कमांड ने बीच में आकर दोनों को डांट कर चुप करा दिया वरना तो कांग्रेसी पंजे को मजबूत घूँसा बनाने की हसाड़ी सारी कोशिशें धरी की धरी रह जाती
झल्ला
ओ मेरे चतुर सुजाण जी हर जगह चढ़ते सूरज को ही सलाम है और राजनीती में तो डूबते को पानी देना तो दूर उलटे गोते खाते हुए [ख़ास तौर पर विरोधी को]अंदर तक डुबाया जाता है |अब चूंकि आपके माकन जी अजय नहीं रहे इसीलिए शीला जी भी इनके प्रति शील क्यों रहें?