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डीडीऐ की नियत से भाजपाइयों को दिल्ली के चुनावों में रोना पढ़ सकता है

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

शहरी विकास मंत्रालय का चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये तो हद ही हो गई यारा |ओये हसाडे सोणे मंत्री एम वेंकैय्या नायडू जी ने डीडीऐ को मरोड़ा देते हुए गरीबों के लिए मकानकी स्कीम चलवाई २५ हजार मकानों के लिए १० लाख लोगों ने अप्लाई किया इनमे से पौने दस लाख लोग तरसते रह गए और जिन लोगों को मकान मिले हैं वो अब नाक मुंह सिकोड़ने लग गए हैं ओये १५०० एलोटी मकान लौटाने की बात करने लग गए हैं भाई ऐसे तो आने से रहा समाजवाद

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण आप जी को आदत पढ़ी हुई है खाने की रोज पके पकाये नए तरल पकवान इसीलिए भूल गए हो के “रब्ब वी उन्हानूँ ही मिलदा नियतां जिन्हा दी होन्दियां चंगिया”
ओ मेरे भापा जी मुझे मालूम था के आप बोलोगे “हैं”?
शाह जी इस स्कीम के लिए
[१]ऑनलाइन पैसे लेने के बावजूद आप चेक से रिफंड कर रहे हैं|अपने ही ग्रीन रेवोलुशन की ऐसी की तैसी कर रहे हैं
[२]पौने दस लाख असफल लोगों की जमा राशि @वन लाख पर ब्याज मार रहे हैं
[३]डॉलर्स में प्राप्त राशि को भी रुपयों में लौटा रहे हैं
[४]विदेशों से प्राप्त राशि को भारत के बैंकों में ही लौटा रहे हो
[5]इन सबके बावजूद अविकसित कालोनियों में मकान दे रहे हो
ऐसी नियत के चलते आप का तो कुछ नहीं बिगड़ने वाला मगर आप जी के भाजपाइयों को दिल्ली के चुनावों में रोना जरूर पढ़ सकता है