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आवर्ड लौटाऊ साहित्यकार+ऍफ़टीआईआई के झगड़ालू छात्र अपना अपना ठीया जमा रहे हैं ?

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

भाजपाई चेयर लीडर

ओये झल्लेया ये कांग्रेस वाले मुल्क का बेड़ा गर्क करके ही मानेंगे |ओये पहले अपनी सरकार में अपने चहेतों को अपने अवॉड्स बाँट दिए अब इनकी सरकार के जाने के पश्चात बढे नाटकीय ढंग में उन पुराने अवार्ड्स का ठीकरा हसाडे सरकार के सर फोड़ कर पुराने -शुराने अवॉड्स को लौटाकर नई हवा बनाने का कुप्रयास चल रहा है | ओये इन्होने ऍफ़टीआईआई का बटाधार तो कर ही दिया | हसाडे कर्नल राज्य वर्द्धन को भी इन्होने अंगूठा दिखा दिया|ऍफ़टीआईआई के ये कथित छात्र इसी बात पर ही अड़े हैं के “मैं ना मानू” “मैं तो मानूं ही ना” अब तुम ही बताओ के ऐसे में कहीं कॉलेज चलते हैं भला ?

झल्ला

ओ मेरे चतुर सेठ जी!आप लोगों ने इनके पालन हारों की दुकाने बंद करा दी ऐसे में ये बेचारे अपना अपना ठीया फिर से ज़माने का प्रयास रहे हैं और आप लोग हाय हल्ल्ला मचाये जा रहे हो | भापा जी ये आवर्ड लौटाऊ साहित्यकार+ऍफ़टीआईआई के झगड़ालू छात्र अपना अपना ठीया जमाने का प्रयास कर रहे होंगे