झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ
मेरठ का आम नागरिक
ओये झल्लेया ये भाजपाई और सपाइयों ने मेरठ को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए ऐतिहासिक शहर को फिर ९९ के फेर में डाल दिया| स्मार्ट सिटी के नाम पर तो हसाडे नाल एक बार फिर से छल होगया |ओयेमेरठ के वोटरों ने केन्दर में सत्तारूढ़ भाजपा को चार और प्रदेश में काबिज सपा को तीन विधायक देकर ये उम्मीद की थी कि चलों हाई कोर्ट की बेंच नहीं मिली न सही+ एयरपोर्ट भेड़ा नहीं मिला तो यही सही+बिजली और आईटी पार्क की भी किसी और को हमसे ज्यादा जरूरत होगी
लेकिन स्मार्ट सिटी का रूतबा भी हमसे छीना जा रहा है |ओये ९८ नए शहर घोषित करने के बावजूद हसाडे सोणे मेरठ को फिर से ९९ के फेर में डाल दिया गया है|
झल्ला
ओ मेरे भोले भापा जी !जब इन नम्बरदारों ने ३०० करोड़ रुपये साल के खर्च करके भी मेरठ की ऐसी की तैसी की हुई है ऐसे लोग सौ करोड़ और लेकर कौन सा धनिया उखाड़ लेते?शुक्र मनाओ कि अभी तीन सौ करोड़ मिल रहे हैं अगर स्मार्ट बन जाते तो सौ करोड़ पल्ले से देने पढ़ते