झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ
पंजाबी पुरुषार्थी
ओये झल्लेया ये तो कमाल हो गया ओये हसाडे दिग्गज कुलदीप नैय्यर के छह दशक पुराने ड्रीम को साकार करने के लिए दिल्ली में “पार्टीशन म्यूजियम “का उद्घाटन हो ही गया|ओये विश्व के इस सबसे बढे पलायन से संबंधित दस्तावेज+फ़ोटोस+वक्तव्य +अनुभव इस पार्टीशन म्यूजियम प्रोजेक्ट में सहेजे जायेंगे,ओये १९४७ में हम पर हुए जुल्मों का आने वाली पीढ़ियों को भी अहसास होगा
झल्ला
ओ भापा जी ये तो ठीक है लेकिन इस पलायन के लाखों पीड़ितों को राष्ट्रीय पुनर्वास योजना से वंचित रखा गया |रिहैबिलिटेशन क्लैम देने के नाम पर मजाक किया गया जिसके फलस्वरूप आज भी हजारों पीड़ितों के वंशज अपने हक के लिए दर दर भटक रहे हैं |हरियाणा में दस्तावेज नहीं हैं और पंजाब में जमीन ही नही है|अधिकाँश पर कब्जे हुए हैं |इनके कल्याण के लिए बनाये गए राष्ट्रीय फण्ड को भी अब पी एम एन आर ऍफ़ बना कर इनसे दूर कर दिया गया है |आदरणीय कुलदीप जी इनके हक के लिए भी कुछ होगा या नहीं?
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