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जाग कर भी सोने वाले सफ़ेद पॉश हुकमरान एक नहीं हजार मिलते हैं

जागते हुए सोने वाले सफ़ेद पॉश हुकमरान हजार मिलते हैं जीहाँ हर तरफ मिलते हैं
शायद यही वजह है जन्नत में रहने वाले भी जहन्नुम की ही आग में बिलखते हैं
कश्मीर है जन्नते हिन्दुस्तान ये सबने माना है सबने जाना है विदेशी भी दीवाना है
हुकमरानों की गफलतों से दोनों तरफ के कश्मीर में मचा हुआ दोजखी कोहराम है
हमें जाग जाने को कह रहे हैं आज कल, ऐसे कई जो दशकों से खोये हैं गफलतों में
हमें सोये हुए ख़्वाब देखने का हक़ नही ,हुकमरान जाग कर भी इंद्र लोक सजाये हैं
ये कया कह दिया कहाँ मिलते हैं जाग कर भी सोने वाले ऐसे सफ़ेद पॉश हुकमरान
अरे हुजूर ज़रा नजरें घुमा कर नजदीक देखिये एक नहीं ऐसे तो हजार मिलते हैं