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तन्हाईयों के शौकीन बीमार बन जाते हैं,डॉक्टर्स की भाषा में डिप्रेस्ड कहलाते हैं

तन्हाईयों के शौकीन बीमार बन जाते हैं
डॉक्टर्स की भाषा में डिप्रेस्ड कहलाते हैं
उम्मीद की एक किरण स्याह अँधेरे भगाती है
छोटी सी आरजू भी तमाम उम्र साथ निभाती है
साथ मिले जिसे ऎसी आरज़ूओं का
आंधियां उसका क्या बिगाड़ पाती है
परछाईयाँ सब एक सी ही दिखती है
दिल परखने पर फर्क नजर आता है
ये तो खेल है यारब तमाम उम्र भर का
उम्मीद पर “झल्ला”कायम कायनात है